June 19, 2023

मधुमेह रोग: ICMR अध्ययन

मधुमेह रोग: ICMR अध्ययन

चर्चा में क्यों?

  • मद्रास डायबिटीज रिसर्च फाउंडेशन और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च द्वारा हाल ही में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि भारत में लगभग 101 मिलियन लोग मधुमेह के साथ जी रहे हैं और अन्य 136 मिलियन लोग प्री-डायबिटीज चरणों में हैं।

अध्ययन के निष्कर्ष क्या थे?

  • देश के 31 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 1,13,000  से अधिक लोगों के एक बड़े प्रतिनिधि नमूने का उपयोग करके मधुमेह जैसे विभिन्न चयापचय विकारों के प्रसार का अध्ययन किया गया।
  • एक चौथाई से अधिक आबादी या तो मधुमेह या पूर्व-मधुमेह अवस्था में थी। भारत की 11.4% आबादी या 101 मिलियन लोग मधुमेह के साथ जी रहे हैं। जबकि 15.3% आबादी या अतिरिक्त 136 मिलियन लोग प्री-डायबिटिक हैं।
  • अध्ययन में आबादी में मधुमेह, उच्च रक्तचाप, मोटापा और उच्च कोलेस्ट्रॉल के स्तर जैसे चयापचय संबंधी विकारों के प्रसार को देखा गया।
  • मोटापा - BMI (बॉडी मास इंडेक्स) तहत के सामान्य होने के बावजूद भारतीय लोगों को मोटापे की बीमारियों का अधिक खतरा हो सकता है। 28.6% आबादी बीएमआई माप में मोटापे से ग्रस्त है।
  • हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया - 24% आबादी या 213 मिलियन लोग हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया के साथ जी रहे थे। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें खराब कोलेस्ट्रॉल या LDL का स्तर अधिक होता है। 27.4% शहरी आबादी और 22.3% ग्रामीण आबादी में हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया की समस्या देखने को मिली। सबसे ज्यादा प्रसार केरल में 50.3% के साथ देखा गया।

मधुमेह की बीमारी को ‘डायबिटीज’ या ‘शुगर’ भी कहा जाता है। यह बीमारी आनुवावंशिक भी होती है और खराब जीवनशैली के कारण भी होती है।

जब शरीर के पैन्क्रियाज में इन्सुलिन की कमी हो जाती है, तो खून में ग्लूकोज की मात्रा भी ज्यादा हो जाती है। इसी स्थिति को ‘डायबिटीज’ कहते हैं। 

इन्सुलिन एक तरह का हॉर्मोन होता है जो शरीर के भीतर पाचन ग्रंथि से उत्पन्न होता है। इसका काम भोजन को ऊर्जा में बदलना होता है।

उच्च रक्तचाप - उच्च रक्तचाप का प्रसार देश में अधिक पाया गया। लगभग 35.5% आबादी या 315 मिलियन लोग उच्च रक्तचाप से ग्रसित हैं।

  • ग्रामीण भारत में 33% की तुलना में शहरी भारत में प्रसार 40.7% पाया गया। उच्च रक्तचाप का उच्चतम प्रसार 51.8% के साथ पंजाब में देखा गया।
  • अध्ययन में बीमारियों के प्रसार के तहत एक निश्चित ग्रामीण-शहरी विभाजन पाया गया। ग्रामीण भारत में 8.9% की तुलना में शहरी भारत में मधुमेह का प्रसार 16.4% था।
  • मधुमेह का प्रसार दक्षिणी राज्यों और कुछ उत्तर भारतीय राज्यों; जैसे- दिल्ली और पंजाब में अधिक पाया गया है। जनसंख्या के 4.8% पर मधुमेह का प्रसार उत्तर प्रदेश में सबसे कम रहा है
  • लेकिन, प्री-डायबिटीज का प्रचलन ग्रामीण और शहरी भारत दोनों में लगभग समान पाया गया है।

इंडियाब क्या है?

  • इंडिया डायबिटीज या इंडियाब स्टडी 12 साल लंबी परियोजना है जिसमें 1,13,000 से अधिक प्रतिभागियों को शामिल किया गया है। इसके अनुसार भी भारत में डायबिटिज के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है।
  • अरुणाचल प्रदेश और तमिलनाडु जैसे राज्यों से बाद में फिर से नमूने एकत्रित किये जायेंगे, जहाँ 2008 में अध्ययन शुरू होने पर इन गैर-संचारी रोगों का सबसे कम और उच्चतम प्रसार पाया गया था। इसके पश्चात इन परिवर्तनों को पूरे देश में लागू किया जायेगा।

अन्य देशों की स्थिति 

  • चीन के सबसे बड़े अध्ययन में देश के पांच या छह स्थानों से 40,000 प्रतिभागियों को शामिल किया गया था। भारत द्वारा सभी राज्यों का प्रतिनिधित्व करने वाले 1,13,000 लोगों और इसमें रहने वाले 1.4 बिलियन लोगों की डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग की गयी है।
  • 2008 से 2020 तक अलग-अलग राज्यों के डेटा एकत्र किए जाने के बाद हालिया राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण से जनसांख्यिकीय डेटा का उपयोग करके वर्ष 2021 के लिए सामान्यीकृत किया गया था।
  • नोट - विश्व स्वास्थ्य संगठन  अनुसार , भारत में मधुमेह से पीड़ित लोगों की अनुमानित संख्या 77 मिलियन थी।

लाभ 

  • इन गैर-संचारी रोगों को लक्षित करने हेतु स्वास्थ्य नीतियों को विकसित करने के लिए राज्यों द्वारा इन निष्कर्षों का उपयोग किया जा सकता है।
  • 1.5 लाख सरकारी स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों में NCD के लिए स्क्रीनिंग की जाएगी।
  • अधिकांश हस्तक्षेपों में लोगों से जीवनशैली में बदलाव; जैसे- बेहतर आहार, व्यायाम, नियमित नींद, धूम्रपान या शराब का सेवन न करने से सम्बंधित नीतियों पर बल।
  • इसमें कोलेस्ट्रॉल या रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने के लिए स्टैटिन या मेटफॉर्मिन जैसी दवाएं प्रदान करना की जाएंगी।