Oct. 25, 2023

CAG पेंशन रिपोर्ट

CAG पेंशन रिपोर्ट

चर्चा में क्यों ?

  • 2017-18 से 2020-21 तक राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (NSAP) के प्रदर्शन ऑडिट पर CAG रिपोर्ट को लोकसभा में पेश किया गया।

पेंशन पर CAG रिपोर्ट 

  • भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) के अनुसार ग्रामीण विकास मंत्रालय (MoRD) ने अपनी कुछ अन्य योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (NSAP), में पेंशन योजनाओ से भी धन का उपयोग किया है।
  • “NSAP के तहत राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को आवंटन NSAP की विभिन्न उप-योजनाओं के तहत पेंशन के वितरण हेतु रखा गया था।"
  • किसी राज्य/केंद्रशासित प्रदेश को कुल आवंटन में से 3% निधि प्रशासनिक व्यय के लिए निर्धारित की गयी थी। ऑडिट के दौरान, मंत्रालय और राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा NSAP के लिए आवंटित धन में हेरफेर के मामले देखे गए।

NSAP के अंतर्गत योजनाएं

15 अगस्त,  1995 को शुरू की गई NSAP में निम्न पेंशन योजनाएं शामिल है 

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना (IGNOAPS)

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना (IGNWPS)

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विकलांगता पेंशन योजना (IGNDPS)

राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना (NFBS)

अन्नपूर्णा योजना

 
  • “ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा 2017 में सभी कार्यक्रमों/योजनाओं को उचित प्रचार देने के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में होर्डिंग्स के माध्यम से अभियान चलाने का निर्णय लिया। 
  • राज्य और केंद्रशासित प्रदेश के प्रत्येक राजधानी शहर में 10 होर्डिंग्स की सीमा के साथ होर्डिंग्स के माध्यम से प्रचार अभियान के लिए 39.15 लाख रुपये की प्रशासनिक मंजूरी और वित्तीय स्वीकृति ली गई। 
  • 19 राज्यों के प्रत्येक जिले में 5 होर्डिंग्स के माध्यम से ग्राम समृद्धि, स्वच्छ भारत पखवाड़ा और मंत्रालय की कई योजनाओं की प्रचार सामग्री के प्रचार के लिए 2.44 करोड़ रुपये की प्रशासनिक मंजूरी और व्यय मंजूरी ली गई।
  • “हालांकि, कार्य आदेश में केवल प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण औरदीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना जैसी योजनाओं के विज्ञापन का उल्लेख किया गया था।
  • “NSAP के तहत नियोजित IEC (सूचना, शिक्षा और संचार) गतिविधियां परिकल्पना के अनुसार नहीं की गईं और 2.83 करोड़ रुपये की धनराशि मंत्रालय की अन्य योजनाओं के संबंध में प्रचार के लिए भेज दी गई। 
  • CAG ने छह राज्यों - राजस्थान, छत्तीसगढ़, जम्मू और कश्मीर, ओडिशा, गोवा और बिहार में 57.45 करोड़ रुपये के हेरफेर की भी सूचना दी। उदाहरण के लिए, बिहार में IGNDPS के तहत धन की अनुपलब्धता के कारण IGNOAPS के तहत केंद्र और राज्य का हिस्सा 2018-19 में IGNDPS के तहत पेंशन का भुगतान करने के लिए भेज दिया गया था। 
  • रिपोर्ट के अनुसार 10 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में, NSAP के तहत प्रशासनिक खर्चों के लिए निर्धारित धनराशि का इस्तेमाल 2017-21 के दौरान "अस्वीकार्य वस्तुओं" पर किया गया था। इनमें मानदेय, मजदूरी, परिवहन आदि का भुगतान शामिल था।

*****