March 2, 2023

विंडसर फ्रेमवर्क

जी .एस. पेपर -2 

स्रोत- द हिन्दू  

चर्चा में क्यों ?

  • ब्रिटेन और EU ने ब्रेक्जिट के बाद से चली आ रही 'नॉर्दर्न आयरलैंड प्रोटोकॉल' से जुड़ी शिकायतों को दूर करते हुए एक नया समझौता तैयार किया है, जिसे नया "विंडसर फ्रेमवर्क" का नाम दिया गया है।

"विंडसर फ्रेमवर्क” क्या है ?

  • इसका उद्देश्य उत्तरी आयरलैंड और यूरोपीय संघ के अन्य सदस्य देशों के बीच बॉर्डर कंट्रोल की जरूरत खत्म करना है।
  • इसके तहत उत्तरी आयरलैंड की वस्तुएं  आसानी से दूसरे देशों में भेजी जाती हैं,  परंतु जिन वस्तुओं को ब्रिटेन के दूसरे हिस्सों से पहले उत्तरी आयरलैंड लाया जाता है और फिर वहाँ  से EU में भेजा जाता है, उनकी सीमा पर जाँच करना जरूरी हो जाता है।
  • नवीन समझौता ब्रिटेन के बाकी हिस्सों से उत्तरी आयरलैंड में स्वतंत्र रूप से वस्तुयों के प्रवाह की अनुमति देगा।
  • इसके माध्यम से उत्तरी आयरलैंड और यूके के बाकी हिस्सों के बीच व्यापार में आने वाले व्यवधानों को दूर करने का प्रयास किया गया है, जिसे ब्रेक्सिट के 'नॉर्दर्न आयरलैंड प्रोटोकॉल' के हिस्से के रूप में स्वीकार किया गया था।

नवीन "विंडसर फ्रेमवर्क" में तीन बड़े कदम उठाये जाएंगे

  • "ब्रिटेन के भीतर कारोबार को आसान बनाने" के लिए वस्तुओं को ग्रीन और रेड लेन में बांट कर रखा जाएगा।
  • ग्रीन लेन में वे वस्तुएं शामिल होंगी जिन्हें उत्तरी आयरलैंड में भेजा जाना है और रेड लेन में वे वस्तुएं होंगी जिनके EU तक पहुंचने में बाधा है।

गुड फ्राइडे समझौता  या बेलफास्ट समझौता

यह 10 अप्रैल, 1998 को हस्ताक्षरित दो समझौतों का समूह है जिसने 1960 के दशक से जारी उत्तरी आयरलैंड संघर्ष की अधिकांश हिंसक झड़पों को समाप्त कर दिया था।

यह 1990 के दशक की उत्तरी आयरलैंड शांति प्रक्रिया में एक प्रमुख मील का पत्थर साबित हुआ था।

उत्तरी आयरलैंड की सरकार की वर्तमान अवक्रमित प्रणाली इसी समझौते पर आधारित है। इस समझौते ने उत्तरी आयरलैंड और आयरलैंड गणराज्य के बीच एवं आयरलैंड गणराज्य एवं यूनाइटेड किंगडम के बीच कई शान्ति संस्थान स्थापित किये।

इस समझौते के लिए केंद्रीय मुद्दे :संप्रभुता, नागरिक और सांस्कृतिक अधिकारों से संबंधित मुद्दे, साथ ही हथियारों का विघटन,  विमुद्रीकरण,  न्याय और पुलिस प्रशासन आदि हैं।

  • ग्रीन लेन को भारी भरकम नौकरशाही का सामना नहीं करना पड़ेगा और जल्द ही इस समझौते पर मतदान के लिए इसे ब्रिटिश संसद के सामने पेश किया जायेगा।
  • EU के लिए आयरलैंड के साथ अपने 'गुड फ्राइडे समझौते' को सुरक्षित रखना और उसके साथ कोई कड़ी सीमा न बनाना बहुत अहम है।
  • सीमा से खिलवाड़ करना बहुत खतरनाक माना जाता है जिसकारण निर्णय लिया गया कि ग्रेट ब्रिटेन (इंग्लैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स) तथा उत्तरी आयरलैंड (जो ग्रेट ब्रिटेन के साथ मिलकर यूनाइटेड किंगडम बनाता है) के बीच आपसी जाँच की जाएगी, इसे ‘उत्तरी आयरलैंड प्रोटोकॉल’ कहा जाता था।

उत्तरी आयरलैंड प्रोटोकॉल समस्या

  • ब्रिटेन के यूरोपीय संघ छोड़ने के बाद, उत्तरी आयरलैंड इसका एकमात्र घटक बना रहा जिसने यूरोपीय संघ के सदस्य, आयरलैंड गणराज्य के साथ एक भूमि सीमा साझा की। चूंकि ईयू और यूके के अलग-अलग उत्पाद मानक हैं, इसलिए उत्तरी आयरलैंड से आयरलैंड में वस्तुओं को ले जाने से पहले सीमा की जाँच आवश्यक मानी गयी।

'नॉर्दर्न आयरलैंड प्रोटोकॉल'

  • यह प्रोटोकॉल ब्रेक्जिट के समय से है। इसके अंतर्गत ब्रिटेन और आयरिश सागर में स्थित उत्तरी आयरलैंड के बीच ट्रेड बॉर्डर बनाया गया था।
  • परंतु ब्रेक्जिट के बाद भी उत्तरी आयरलैंड, EU के कस्टम-मुक्त व्यापार क्षेत्र का हिस्सा बना रहा।
  • इसका उदेश्य उत्तरी आयरलैंड और यूरोपीय संघ के अन्य सदस्य देशों के बीच बॉर्डर कंट्रोल की जरूरत खत्म करना था।
  • इस कारण उत्तरी आयरलैंड की वस्तुएं तो आराम से निकल जातीं, लेकिन जिन वस्तुओं को ब्रिटेन के दूसरे हिस्सों से पहले उत्तरी आयरलैंड लाया जाता है और फिर वहाँ से ईयू में भेजा जाता है, उनकी सीमा पर जाँच करना जरूरी हो जाता था।
  • यह व्यवस्था संघ में उत्तरी आयरलैंड के स्थान की रक्षा करेगी और इसके लोगों की संप्रभुता को बहाल करेगी।

चिंता का विषय 

  • एक प्रमुख चिंता 'स्टॉर्मॉन्ट ब्रेक'है । यह एक आपातकालीन उपाय है  जो उत्तरी आयरलैंड की विकसित सरकार को किसी भी नए यूरोपीय संघ के कानूनों को प्रांत पर लागू होने से रोकने की अनुमति देता है ।