June 24, 2023

भारत और जेंडर गैप रिपोर्ट, राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण, अमेरिका और भारत सम्बन्ध,

                      

अंतराल पाटना: भारत और जेंडर गैप रिपोर्ट पर

चर्चा में क्यों ?

  • भारत को लैंगिक असमानताओं को कम करने के प्रयास गंभीरता से जारी रखने की आवश्यकता है।

 

जेंडर गैप रिपोर्ट के बारे में 

  • इसे विश्व आर्थिक मंच द्वारा वार्षिक तौर पर जारी किया जाता है।
  • 2023 की रिपोर्ट के अनुसार भारत की रैंकिंग में 8 स्थानों की वृद्धि हुई है।
  • 2022 में भारत का स्थान 135वां था, परंतु 2023 की रिपोर्ट में भारत ने 146 देशों में से 127वां  स्थान प्राप्त किया है।
  • 2023 के आंकड़ों के अनुसार, भारत कुल लैंगिक अन्तराल को 64.3% तक कम करने में सफल रहा है।

 

4 प्रमुख सूचकांक के आधार पर आंकलन किया गया-

  • वर्तमान में भारत के पास प्रत्येक क्षेत्र में सुधार करने के अवसर व्याप्त हैं।
  • राजनीतिक सशक्तिकरण- अर्थव्यवस्था, विकास और समाज के समग्र कल्याण  हेतु 73वें और 74वें संशोधन के बाद जमीनी स्तर पर किए गए प्रयासों की बदौलत भारत का शिक्षा और राजनीतिक सशक्तिकरण में प्रदर्शन अच्छा रहा है।
  • स्थानीय शासन में 40% से अधिक महिलाओं का प्रतिनिधित्व देखने को मिला है, लेकिन रिपोर्ट के अनुसार महिलाएँ केवल 15.1% सांसदों का प्रतिनिधित्व करती हैं, जो "2006 के उद्घाटन संस्करण के बाद से भारत के लिए सबसे अधिक है और अन्य देशों की तुलना में कम।"
  • 2023 में हुए चुनाव में नागालैंड में पहली बार दो महिला विधायकों का चयन देखने को मिला।  
  • आर्थिक भागीदारी और अवसर – इसमें पुरुषों और महिलाओं के लिए समान पहुंच प्रदान करने के मामले में, भारत 40% से कम समानता के साथ सबसे निचले पायदान पर है।
  • एक ओर, वेतन और आय में समानता में वृद्धि हुई है, लेकिन फिर वरिष्ठ पदों और तकनीकी भूमिकाओं में महिलाओं की हिस्सेदारी में गिरावट आई है।
  • स्वास्थ्य और उत्तरजीविता- स्वास्थ्य और उत्तरजीविता में भारत का प्रदर्शन चिंता का विषय है।
  • हालांकि, जन्म के समय लिंगानुपात में सुधार ने एक दशक से अधिक की धीमी प्रगति के बाद समानता में सुधार किया है।
  • शिक्षा- महिलाएं घरों में अवैतनिक काम करती हैं, उन्हें सुनिश्चित शिक्षा प्रदान करने से पोषण सहित सभी विकास सूचकांकों में स्वचालित रूप से सुधार होगा।
  • परंतु अक्सर महिलाओं को पितृसत्तात्मक और सांस्कृतिक मानदंडों द्वारा बाध्य किया जाता है, नौकरी मिल जाने के बाद भी उन्हें गंभीर सुरक्षा चिंताएँ हैं।

 

महिलाओं के क्षेत्र में सुधार की आवश्यकता 

  • लंबे समय से लंबित महिला आरक्षण विधेयक, जिसमें महिलाओं के लिए लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में 33% सीटें आरक्षित करने के प्रस्ताव को आगे बढ़ाने में संसद को कार्रवाई करनी चाहिए।
  • लड़कियों को स्कूल और कॉलेज के सभी स्तरों पर शिक्षा तक पहुंच मिले और उन्हें सवेतन कार्य की भी आवश्यकता है।

 

 

 

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-6

चर्चा में क्यों ?

  • हाल ही में स्वास्थ्य मंत्रालय को राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-6 (NFHS-6) में विकलांगता से संबंधित प्रश्नों को बाहर रखने के कारण आलोचना  का सामना करना पड़ा है।

 

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 

  • NFHS में जनसंख्या, परिवार नियोजन, बाल और मातृत्व स्वास्थ्य, पोषण, वयस्क स्वास्थ्य और घरेलू हिंसा इत्यादि से संबंधित मुख्य संकेतकों का आकलन किया जाता है।
  • हाल ही में NFHS-6 से सम्बंधित डेटा का आकलन किया जाना है।
  • स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) द्वारा संचालित इस महत्वपूर्ण पहल का उद्देश्य स्वास्थ्य और परिवार कल्याण संकेतकों पर सटीक और विश्वसनीय डेटा प्रदान करना है, जो देश को प्रभावित करने वाले उभरते मुद्दों पर प्रकाश डालता है।
  • NFHS श्रृंखला 1990 के दशक की शुरुआत में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण पर भारत के डेटाबेस को मजबूत करने में सहायक रही है। NFHS-2, NFHS-3, NFHS-4 और NFHS-5 के पिछले संस्करणों ने देश की उभरती स्वास्थ्य चुनौतियों का समाधान करते हुए नीतियों एवं कार्यक्रमों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
  • NFHS-4 को सफलता के आधार पर भारत के सतत विकास लक्ष्यों की खोज में एक बेंचमार्क माना जाता है, वहीं NFHS -6 के दायरे में काफी विस्तार देखने को मिला है।
  • NFHS - 6 नमूना आकार में 371 जिलों में लगभग 676,800 घरों को शामिल करने की उम्मीद है।

NFHS-6 की आलोचना क्यों?

  • NFHS-6 में विकलांगता से संबंधित प्रश्नों को बाहर रखा गया है और सर्वेक्षण का प्राथमिक फोकस मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य है, परंतु देखभाल बढ़ाने के लिए विकलांगों पर व्यापक डेटा की मांग की जा रही है।

 

पक्ष में तर्क 

  • केंद्र द्वारा राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-6 का बचाव करते हुए कहा गया कि NFHS का प्राथमिक फोकस मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य है।
  • स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग (सांख्यिकी प्रभाग) के अनुसार सर्वेक्षण अपने मौजूदा स्वरूप में विकलांगता पर सटीक डेटा एकत्र करने में सक्षम नहीं होगा।
  • पूर्व राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षणों में विकलांगता सम्बंधित डेटा में कोई व्यापक अंतर देखने को नहीं मिला है और अखिल भारतीय विकलांगता की सीमा को पकड़ना संभव नहीं है।
  • विभाग के अनुसार विकलांगता से संबंधित अधिकांश डेटा पहले से ही 'NSH 76वें दौर की रिपोर्ट' में उपलब्ध है, जो विस्तृत जानकारी एकत्र करने के लिए जुलाई-दिसंबर, 2018 के दौरान आयोजित एक समर्पित सर्वेक्षण था।
  • सर्वेक्षण के सुचारू संचालन के लिए गठित तकनीकी सलाहकार समिति (TAC) और अन्य उच्च-स्तरीय समितियों की सिफारिशों के आधार पर NFHS-6 में प्रश्न शामिल किए गए हैं जिनमें विकलांगता अनुमान से संबंधित प्रस्तावित प्रश्नों को शामिल करने की आवश्यकता को नकार दिया गया।
  • TAC के अनुसार विकलांगता के प्रकारों में कई चिकित्सा शब्दावली व्याप्त हैं, जिसके परिणामस्वरूप विशिष्ट विकलांगताओं की जानकारी नहीं है।
  • NSSO सर्वेक्षण में विकलांगता पर विस्तृत जानकारी एकत्र की गयी, जो अधिक विश्वसनीय है।
  • विकलांगता का प्रसार ग्रामीण क्षेत्रों के लिए केवल 1% और शहरी क्षेत्रों के लिए 0.9% था, जबकि वर्ष 2018 के NSSO के अनुमान के आधार पर ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 2.3% और शहरी क्षेत्रों के लिए 2% था।

 

विपक्ष में तर्क 

  • भारत में विकलांग लोगों को जीवन प्रत्याशा में औसतन 10-17 वर्ष की हानि का अनुभव होता है और दुनिया के सबसे बड़े अल्पसंख्यक समूह के लिए इस अंतर को पाटने के लिए व्यापक स्वास्थ्य डेटा तक पहुंच की आवश्यकता है।
  • विकलांगों की ज़रूरतों और अनुभवों को स्वीकार करने के साथ डेटा संग्रह और नीतियों के प्रभावी डिज़ाइन के बीच के अंतर को पाटना आवश्यक है।
  • “हालांकि, 2047 तक SCD (सिकल सेल बीमारी) को 'खत्म' करने के सरकार के दावे के बावजूद, भारत में विकलांगता पर डेटा की भारी कमी है। सरकार के अनुसार डेटा तीन वर्षों में नहीं बदलता है, परंतु SCD वाले बच्चों के जीवन के प्रति संवेदनशीलता की कमी को दर्शाता है।

 

 

अमेरिका और भारत सम्बन्ध

चर्चा में क्यों ?

  • भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा जारी संयुक्त वक्तव्य में दोनों देशों के "दुनिया के सबसे करीबी साझेदारों में से एक - 21वीं सदी को आशा, महत्वाकांक्षा और विश्वास के साथ देखने वाले लोकतंत्रों की साझेदारी" के दृष्टिकोण की पुष्टि की गई।
  • दोनों देश, प्रौद्योगिकी और रक्षा साझेदारी, वीजा और शिक्षा पर पहल आदि पर सहमत हुए।

 

प्रौद्योगिकी साझेदारी - इसके आठ प्रमुख तत्व हैं:

सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करना: 

  • माइक्रोन टेक्नोलॉजी, भारत सेमीकंडक्टर मिशन के समर्थन से, भारत में 2.75 बिलियन डॉलर की नई सेमीकंडक्टर असेंबली और परीक्षण सुविधा के लिए 800 मिलियन डॉलर से अधिक का निवेश करेगी। 
  • एप्लाइड मटेरियल्स, दोनों देशों की सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला विविधीकरण को मजबूत करने के लिए भारत में व्यावसायीकरण और नवाचार के लिए एक सेमीकंडक्टर केंद्र का निर्माण करेगा तथा लैम रिसर्च भारत के सेमीकंडक्टर शिक्षा और कार्यबल विकास लक्ष्यों में तेजी लाने के लिए अपने "सेमीवर्स सॉल्यूशन" के माध्यम से 60,000 भारतीय इंजीनियरों को प्रशिक्षित करेगा।

क्रिटिकल मिनरल्स पार्टनरशिप:

  • भारत, अमेरिका के नेतृत्व वाली मिनरल्स सिक्योरिटी पार्टनरशिप (MSP) का सबसे नया भागीदार बन गया है, जिसे वैश्विक स्तर पर विविध एवं टिकाऊ महत्वपूर्ण ऊर्जा खनिज आपूर्ति श्रृंखलाओं के विकास में तेजी लाने के लिए स्थापित किया गया है। 
  • MSP, 2022 में शुरू हुआ, जिसमें यूरोपीय संघ के अलावा 12 अन्य भागीदार देश हैं। 
  • भारत की एप्सिलॉन कार्बन लिमिटेड, ग्रीनफील्ड इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी घटक फैक्ट्री में 650 मिलियन डॉलर का निवेश करेगी, जो अमेरिकी इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी उद्योग में अब तक का सबसे बड़ा भारतीय निवेश होगा।

उन्नत दूरसंचार: 

  • भारत और अमेरिका ने ओपन RAN सिस्टम के विकास तथा तैनाती और उन्नत दूरसंचार अनुसंधान एवं विकास पर सार्वजनिक-निजी संयुक्त कार्य बल लॉन्च किए हैं। 
  • भारत 6G और US नेक्स्ट जी एलायंस, इस सार्वजनिक-निजी शोध का सह-नेतृत्व करेंगे। 
  • इस कार्य से लागत कम होगी, सुरक्षा बढ़ेगी और दूरसंचार नेटवर्क के लचीलेपन में सुधार होगा।

अंतरिक्ष में नासा-इसरो सहयोग:

  • भारत ने आर्टेमिस समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जो शांतिपूर्ण, टिकाऊ एवं पारदर्शी सहयोग के लिए प्रतिबद्ध 26 अन्य देशों में शामिल हो गया है जो चंद्रमा, मंगल और उससे आगे की खोज को सक्षम करेगा। 
  • नासा 2024 में अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए एक संयुक्त प्रयास शुरू करने के लक्ष्य के साथ भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अंतरिक्ष यात्रियों को उन्नत प्रशिक्षण प्रदान करेगा। 
  • नासा और इसरो 2023 के अंत तक मानव अंतरिक्ष उड़ान सहयोग के लिए एक रणनीतिक ढांचा भी विकसित कर रहे हैं।

क्वांटम, उन्नत कंप्यूटिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस: 

  • दोनों देशों ने सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के बीच संयुक्त अनुसंधान की सुविधा के लिए एक संयुक्त भारत-अमेरिका क्वांटम समन्वय तंत्र की स्थापना की है। 
  • क्वांटम, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और उन्नत वायरलेस प्रौद्योगिकियों पर संयुक्त अनुसंधान का समर्थन करने के लिए एक प्रत्यारोपण व्यवस्था पर भी हस्ताक्षर किए गये।

अत्याधुनिक अनुसंधान:

  • US नेशनल साइंस फाउंडेशन ने भारत के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के साथ 35 संयुक्त अनुसंधान सहयोग की घोषणा की है और उभरती प्रौद्योगिकियों पर भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साथ एक नई सहकारी व्यवस्था पर हस्ताक्षर किए हैं।

इनोवेशन हैंडशेक:

  • क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजी (iCET) पर यूएस-इंडिया इनिशिएटिव का समर्थन करने के लिए, यूएस-इंडिया कमर्शियल डायलॉग दोनों देशों के स्टार्टअप इकोसिस्टम को जोड़ने के लिए एक नया "इनोवेशन हैंडशेक" लॉन्च करेगा।

फाइबर ऑप्टिक्स निवेश:

  • भारत की स्टरलाइट टेक्नोलॉजीज लिमिटेड ने कोलंबिया, दक्षिण कैरोलिना के पास एक ऑप्टिकल फाइबर केबल विनिर्माण इकाई के निर्माण में $ 100 मिलियन का निवेश किया है, जो भारत से ऑप्टिकल फाइबर के वार्षिक निर्यात में $ 150 मिलियन की सुविधा प्रदान करेगा।

रक्षा साझेदारी

  • अगली पीढ़ी की रक्षा साझेदारी का मुख्य आकर्षण भारत में GE के F414 लड़ाकू विमान इंजनों का सह-उत्पादन करने का समझौता है।   
  • GE F414 इंजन सह-उत्पादन: संयुक्त वक्तव्य में भारत में F414 जेट इंजन का संयुक्त रूप से उत्पादन करने के जनरल इलेक्ट्रिक के अभूतपूर्व प्रस्ताव का स्वागत किया गया। 
  • GE और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं और एक विनिर्माण लाइसेंस समझौता कांग्रेस अधिसूचना के लिए प्रस्तुत किया गया है।
  • भारत में F414 इंजन बनाने की अपनी तरह की पहली पहल से अमेरिकी जेट इंजन प्रौद्योगिकी का पहले से कहीं अधिक हस्तांतरण संभव हो सकेगा।

जनरल एटॉमिक्स एमक्यू-9बी: 

  • भारत सशस्त्र एमक्यू-9बी सीगार्जियन UAV खरीदने का इच्छुक है। ड्रोन भारत की खुफिया, निगरानी और टोही क्षमताओं को बढ़ाएंगे।

अमेरिकी नौसेना के जहाजों की सेवा और मरम्मत: 

  • अमेरिकी नौसेना ने कट्टुपल्ली (चेन्नई) में लार्सन एंड टुब्रो शिपयार्ड के साथ एक मास्टर शिप रिपेयर एग्रीमेंट (MSRA) संपन्न किया है और मझगांव डॉक लिमिटेड (मुंबई) तथा गोवा शिपयार्ड (गोवा) के साथ समझौते को अंतिम रूप दिया है। 
  • ये समझौते मध्य-यात्रा वाले अमेरिकी नौसेना के जहाजों को भारतीय शिपयार्डों में सेवा और मरम्मत से गुजरने की अनुमति देंगे।

अधिक मजबूत रक्षा सहयोग: 

  • दोनों देश रक्षा सहयोग बढ़ाने के लिए उपकरणों को क्रियाशील करने के लिए कदम आगे बढ़ाएंगे।
  • उन्होंने समुद्र के भीतर डोमेन जागरूकता सहयोग को मजबूत करने का संकल्प लिया है और पहली बार अमेरिकी कमांड में तीन भारतीय संपर्क अधिकारियों को रखने पर सहमति व्यक्त की है। 
  • अमेरिका और भारत ने सुरक्षा आपूर्ति व्यवस्था एवं पारस्परिक रक्षा खरीद व्यवस्था के लिए भी बातचीत शुरू कर दी है जो अप्रत्याशित आपूर्ति श्रृंखला व्यवधानों की स्थिति में रक्षा वस्तुओं की आपूर्ति को सक्षम बनाएगी।
  • रक्षा "इनोवेशन ब्रिज": भारत-अमेरिका रक्षा त्वरण पारिस्थितिकी तंत्र (INDUS-X) - विश्वविद्यालय, इनक्यूबेटर, कॉर्पोरेट, थिंक टैंक और निजी निवेश हितधारकों का एक नेटवर्क - का उद्घाटन 21 जून, 2023 को किया गया था। यह कार्यक्रम संयुक्त नवाचार की सुविधा प्रदान करेगा, रक्षा प्रौद्योगिकियों पर और अमेरिकी रक्षा क्षेत्र के साथ भारत के निजी क्षेत्र के रक्षा उद्योग के एकीकरण में तेजी लायेगा।

जन-केंद्रित प्रयास

  • संयुक्त वक्तव्य में वीज़ा और छात्र आदान-प्रदान पर पहल का उल्लेख है। इसमें 200 से अधिक अमेरिकी निर्मित विमान खरीदने के लिए एयर इंडिया और बोइंग के बीच ऐतिहासिक विमानन सौदे एवं दोनों देशों के बीच व्यापार मुद्दों को हल करने के प्रयासों का भी जिक्र है।

घरेलू वीज़ा नवीनीकरण:

  • याचिका-आधारित अस्थायी कार्य वीज़ा के घरेलू नवीनीकरण पर निर्णय लेने के लिए एक पायलट लॉन्च किया जायेगा , जिसमें भारतीय नागरिक भी शामिल हैं, जिन्हें अब पात्र श्रेणियों में नवीनीकरण के लिए देश छोड़ने की आवश्यकता नहीं होगी। 
  • इसे 2024 में एच1बी और एल वीजा धारकों के विस्तारित पूल के लिए लागू किया जाएगा, जिसका उद्देश्य अन्य पात्र श्रेणियों को शामिल करने के लिए कार्यक्रम को व्यापक बनाना है।
  • नए वाणिज्य दूतावास: संयुक्त बयान में कहा गया है कि अमेरिका बेंगलुरु और अहमदाबाद में नए वाणिज्य दूतावास खोलने चाहता है और भारत 2023 के अंत में सिएटल में अपना वाणिज्य दूतावास खोलने तथा अमेरिका में दो नए वाणिज्य दूतावासों की घोषणा करने की उम्मीद है।

छात्र आदान-प्रदान और छात्रवृत्ति: 

  • अमेरिका ने भारतीय छात्रों को रिकॉर्ड 125,000 वीजा जारी किए थे और भारतीय छात्र अमेरिका में सबसे बड़ा विदेशी छात्र समुदाय बनने की राह पर हैं, जिसमें विगत वर्ष अकेले 20% की वृद्धि हुई है। 
  • भारत और अमेरिका ने एसोसिएशन ऑफ अमेरिकन यूनिवर्सिटीज और IIT सहित प्रमुख भारतीय शैक्षणिक संस्थानों की एक नई संयुक्त टास्क फोर्स लॉन्च की है। 
  • यूएस-इंडिया एजुकेशनल फंड द्वारा प्रशासित अनुसंधान के लिए अतिरिक्त फुलब्राइट-कलाम क्लाइमेट फ़ेलोशिप, जलवायु परिवर्तन पर भारत और अमेरिका के अग्रणी विद्वानों के बीच सहयोग को आगे बढ़ाएगी। 
  • अमेरिका, बेंजामिन ए. गिलमैन इंटरनेशनल स्कॉलरशिप प्रोग्राम के माध्यम से 100 अतिरिक्त अमेरिकी स्नातक छात्रों को भारत में अध्ययन या इंटर्नशिप करने में भी सक्षम बना रहा है।
  • सांस्कृतिक संपत्ति पर समझौता: अमेरिका और भारत द्वारा एक सांस्कृतिक संपत्ति समझौते को बढ़ावा दिया जाएगा, जो भारत से सांस्कृतिक संपत्ति की अवैध तस्करी को रोकने एवं सांस्कृतिक संपत्ति के संरक्षण और वैध विनिमय पर सहयोग बढ़ाने में मदद करेगा।

इंडो-पैसिफिक में सहयोग

  • 'वैश्विक मंच पर नेतृत्व' शीर्षक के तहत, संयुक्त वक्तव्य में दोनों देशों द्वारा की गई विभिन्न रणनीतिक पहलों का उल्लेख है।

इंडो-पैसिफिक और हिंद महासागर: 

  • अमेरिका इंडो-पैसिफिक महासागर पहल में शामिल होगा। यह एक क्षेत्रीय पहल है जिसका उद्घाटन भारतीय प्रधानमंत्री के द्वारा 2015 में एक सुरक्षित और स्थिर समुद्री क्षेत्र को बढ़ावा देने एवं इसके संरक्षण और टिकाऊ उपयोग को बढ़ावा देने के लिए किया गया था। 
  • भारत पार्टनर्स इन ब्लू पैसिफिक में एक पर्यवेक्षक के रूप में भाग लेना जारी रखेगा। अमेरिका और भारत अधिक क्षेत्रीय समन्वय को बढ़ावा देने के लिए हिंद महासागर क्षेत्र के विशेषज्ञों तथा हितधारकों के साथ हिंद महासागर वार्ता आयोजित करेंगे।

सतत विकास

ऊर्जा सहयोग: 

  • भारत और अमेरिका अपने राष्ट्रीय जलवायु एवं ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए मिलकर काम करना जारी रखेंगे। 
  • संयुक्त वार्ता के अनुसार, अमेरिका 2030 तक वैश्विक स्तर पर किफायती नवीकरणीय और कम कार्बन हाइड्रोजन उपलब्ध कराने के लिए बहुपक्षीय हाइड्रोजन ब्रेकथ्रू एजेंडा का सह-नेतृत्व करने के भारत के फैसले का स्वागत करता है।
  • हरित प्रौद्योगिकी: संयुक्त वक्तव्य में नवीन निवेश मंच बनाने के लिए दोनों देशों की प्रतिबद्धता का उल्लेख किया गया है जो पूंजी की लागत को कम करेगा और भारत में नवीकरणीय ऊर्जा, बैटरी भंडारण और उभरती हरित प्रौद्योगिकी परियोजनाओं के लिए बड़े पैमाने पर अंतर्राष्ट्रीय निजी वित्त को आकर्षित करेगा। 
  • यह परिवहन क्षेत्र को डीकार्बोनाइज करने के लिए की गई पहल और वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन को भी संदर्भित करता है, जिसे भारत ने संस्थापक सदस्य के रूप में अमेरिका के साथ स्थापित किया है।

 

स्वास्थ्य पर पहल

  • कैंसर और मधुमेह से लड़ना: यूएस नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI)-सक्षम डिजिटल पैथोलॉजी प्लेटफॉर्म विकसित करने के लिए दो नए अनुदानों के माध्यम से अमेरिकी और भारतीय वैज्ञानिकों के बीच सहयोग को बढ़ावा देगा, जिसका उपयोग कैंसर निदान, निदान और चिकित्सीय भविष्यवाणी के लिए किया जाएगा। 
  • साथ ही गर्भाशय ग्रीवा, सिर और गर्दन के कैंसर के लिए एआई-आधारित स्वचालित रेडियोथेरेपी उपचार में भी सहायता करेगा।
  • US नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डायबिटीज एंड डाइजेस्टिव एंड किडनी डिजीज, मधुमेह पर बुनियादी, नैदानिक और ट्रांसलेशनल शोध को आगे बढ़ाने हेतु  भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के साथ एक समझौते पर भी हस्ताक्षर करेगा। कैंसर के खिलाफ प्रगति की दर में तेजी लाने के लिए सहयोग के ठोस क्षेत्रों की पहचान करने के लिए दोनों देशों के विशेषज्ञों को एक साथ लाने के लिए राष्ट्रपति बिडेन के कैंसर मूनशॉट द्वारा आयोजित यूएस-भारत कैंसर संवाद आयोजित किया जायेगा।

 

आतंकवाद और नशीली दवाओं से लड़ना

  • आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद की स्पष्ट रूप से निंदा की गयी । 
  • अमेरिकी राष्ट्रपति और भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा अल-कायदा, आईएसआईएस/दाएश, लश्कर ए-तैयबा (LET), जैश-ए-मोहम्मद (JEM) सहित सभी संयुक्त राष्ट्र-सूचीबद्ध आतंकवादी समूहों के खिलाफ ठोस कार्रवाई का आह्वान दोहराया गया। 
  • सीमा पार आतंकवाद, छद्म आतंकवादियों के इस्तेमाल की कड़ी निंदा की और पाकिस्तान से यह सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आह्वान किया और उसके नियंत्रण वाले किसी भी क्षेत्र का उपयोग आतंकवादी हमले से दूर रखने की बात कही गयी।