March 16, 2023

यूरेशियन ऊदबिलाव, सुप्रीम कोर्ट, स्वास्थ्य बीमा योजना, एनजीओ (NGO’s) और विदेशी फंड, ऑस्कर पुरस्कार

यूरेशियन ऊदबिलाव

चर्चा में क्यों ?

  • हाल ही में जम्मू-कश्मीर में चिनाब नदी की सहायक नदी नीरू धारा के पास तीन यूरेशियन ऊदबिलावों  - दो वयस्क और एक उप-वयस्क को देखा गया।
  • ऊदबिलाव (Otter)- एक अर्धजलीय (जल और स्थल में ) स्तनधारी जीव है। यह एक मांसाहारी प्राणी है। इसकी 13 ज्ञात जातियाँ हैं।
  • ऑस्ट्रेलिया और अन्टार्कटिका को छोड़कर ऊदबिलाव यूरोप, एशिया और अफ्रीका महाद्वीपों में मिलते हैं।

यूरेशियन ऊदबिलाव (लुट्रा) के बारे में - 

  • मानव बस्तियों से दूर रहना पसंद करते हैं,  इन्हें मुख्यतः उच्च गुणवत्ता वाले जलीय आवासों के संकेतक के रूप में माना जाता है और इनकी उपस्थिति ने नीरू नदी के सूखने और प्रदूषण सम्बन्धित संदेह को समाप्त कर दिया है।

संरक्षण – 

  • फ्लैगशिप प्रजाति यूरेशियन ऊदबिलाव - IUCN रेड लिस्ट में 'निकट संकटग्रस्त' के रूप में वर्गीकृत है।
  • CITES- परिशिष्ट 1
  • वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972-  अनुसूची - 2
  • यूरोप और एशिया में इसकी आबादी हाल के वर्षों में भोजन, निवास स्थान के नुकसान, प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के कारण घट रही है।

चिनाब नदी 

  • चिनाब नदी भारत के हिमाचल प्रदेश के लाहौल और स्पीति जिले के ऊपरी हिमालय के टांडी में चंद्रा और भागा नदियों के संगम से बनती है। जहाँ इसे ‘चंद्रभागा’ के नाम से भी जाना जाता है। यह सिंधु नदी की एक सहायक नदी है।
  • चिनाब नदी की सहायक नदियों में मियार नाला, सोहल, थिरोट, भुट नाला, मारुसुदर और लिद्रारी शामिल हैं।
  • मारुसुदर को चिनाब की सबसे बड़ी सहायक नदी माना जाता है और यह भंडालकोट में चिनाब से जुड़ती है।
  • कलनई, नीरू, बिचलेरी, राघी, किश्तवाड़ और अखनूर चिनाब के क्षेत्र में शामिल होते हैं।
  • नीरू धारा, 30 किमी. लंबी बारहमासी धारा है जो औसत समुद्र तल से 3,900 मीटर ऊपर कैलाश झील में उत्पन्न होती है और पुल-डोडा में चिनाब में मिल जाती है।
  • तेजी से मानव जनसंख्या प्रवाह, बुनियादी ढांचे के विस्तार और प्रदूषण ने नीरू धारा के जल और आकृति विज्ञान को बदल दिया है, जिससे ओटर आबादी प्रभावित हुई है।

स्त्रोत-द हिन्दू 

सुप्रीम कोर्ट

चर्चा में क्यों ?

  • सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के अनुसार किसी पार्टी में असहमति, विश्वास मत हासिल करने के लिए पर्याप्त आधार नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट के अनुसार 

  • महाराष्ट्र मामले का (महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के सदन के पटल पर विश्वास मत के आह्वान के कारण 2022 में उद्धव ठाकरे सरकार गिर गई) हवाला देते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्यपाल, लोकतंत्र को गंभीर रूप से कमजोर कर सकते हैं, यदि वे एक सत्ताधारी राजनीतिक दल के भीतर असंतोष का हवाला देते हुए विश्वास मत हासिल करने के लिए अपने संवैधानिक कार्यालय का उपयोग करते हैं और एक वैध रूप से स्थापित तथा कार्यशील सरकार के पतन का कारण बन सकते हैं।
  • "एक राज्यपाल को इस तथ्य के बारे में पता होना चाहिए कि विश्वास मत के लिए उसका आह्वान सरकार के लिए बहुमत के नुकसान का कारण बन सकता है।
  • राज्यपाल ऐसे किसी भी क्षेत्र में प्रवेश नहीं कर सकते हैं जिससे सरकार के पतन का मार्ग निर्धारित हो।
  • राज्यपाल संविधान के अधीन होता है।

राज्यपाल पर कौन-से संवैधानिक प्रावधान लागू होते हैं?

  • अनुच्छेद 153 में प्रत्येक राज्य के लिये एक राज्यपाल का प्रावधान किया गया है। किसी व्यक्ति को दो या दो से अधिक राज्यों के राज्यपाल के रूप में भी नियुक्त किया जा सकता है।
  • राज्यपाल को राष्ट्रपति द्वारा अपने हस्ताक्षर एवं मुहर सहित अधिपत्र द्वारा नियुक्त किया जाता है और वह राष्ट्रपति के प्रसादपर्यंत पद धारण करता है (अनुच्छेद 155 और 156)
  • अनुच्छेद 161 में कहा गया है कि राज्यपाल के पास क्षमा आदि की और कुछ मामलों में दंडादेश के निलंबन, परिहार या लघुकरण की शक्ति है।
  • सर्वोच्च न्यायालय द्वारा यह निर्णय दिया गया था कि किसी बंदी को क्षमा करने की राज्यपाल की संप्रभु शक्ति वास्तव में विवेकाधिकार के बजाय राज्य सरकार के साथ आम सहमति से प्रयोग की जाती है।
  • अनुच्छेद 163 के तहत राज्यपाल को अपने कृत्यों का प्रयोग करने में सहायता और सलाह देने के लिये एक मंत्रिपरिषद होगी, जिसका प्रमुख मुख्यमंत्री होगा।

राज्यपाल की विवेकाधीन शक्तियों में शामिल हैं:

  • राज्य विधानमंडल में स्पष्ट बहुमत के अभाव में मुख्यमंत्री की नियुक्ति
  • अविश्वास प्रस्ताव की स्थिति में
  • राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता के मामले में (अनुच्छेद 356)
  • अनुच्छेद 200 राज्यपाल को विधानसभा या विधानमंडल द्वारा पारित किसी विधेयक पर अनुमति देने, अनुमति रोकने अथवा उस विधेयक को राष्ट्रपति के विचार के लिये आरक्षित करने की शक्ति प्रदान करता है।

स्त्रोत- TH

स्वास्थ्य बीमा योजना

चर्चा में क्यों?

  • महाराष्ट्र सरकार ने महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना के तहत कर्नाटक के 865 विवादित गांवों में स्वास्थ्य बीमा योजनाओं को लागू करने की घोषणा की।
  • इन योजनाओं के लिए सरकार के द्वारा अतिरिक्त 54 करोड़ रुपये की घोषणा की गयी, परंतु कर्नाटक सरकार के द्वारा इसका विरोध किया गया क्योंकि यह कर्नाटक सरकार की विफलता की ओर संकेत कर रही है।

अन्य प्रमुख बिंदु 

  • कन्नड़ संगठनों के द्वारा महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले की कड़ी आलोचना की गयी है।
  • यह संघवाद के पवित्र सिद्धांतों का उल्लंघन करता है।

महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना के बारे में 

  • प्रारंभ  – 1 अप्रैल, 2017 
  • उद्देश्य- राज्य के गरीब नागरिकों को सरकारी अस्पताल में मुफ्त इलाज की सुविधा प्रदान करना। 
  • इस योजना के तहत अब तक नागरिकों को केवल 1.5 लाख रुपए का नि:शुल्क इलाज, सर्जरी, थेरेपी आदि की सुविधा प्रदान की जा रही है।
  • लेकिन वर्तमान इस सीमा को बढ़ाकर सरकार द्वारा 5 लाख रुपए कर दिया गया है। अब गरीब और निम्न मध्यवर्ग के नागरिकों को इस योजना के माध्यम से एक वित्तीय वर्ष में 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज मिल सकेगा।
  • महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना के अंतर्गत 200 नए अस्पतालों को शामिल किया जाएगा।  जिससे लोगों को इलाज के लिए कई विकल्प मिल सकेंगे। 

एनजीओ (NGO’s) और विदेशी फंड

   चर्चा में क्यों?

  • गृह मंत्रालय द्वारा संसद को सूचित किया गया कि भारतीय गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) को पिछले तीन वर्षों में 55,449 करोड़ रुपये का विदेशी धन प्राप्त हुआ है।
  • अधिकांश धन, दिल्ली में विदेशी अंशदान पंजीकरण अधिनियम (FCRA) के तहत पंजीकृत गैर-सरकारी संगठनों द्वारा प्राप्त किया गया है। 

भारतीय गैर-सरकारी संगठनों के बारे में 

  • देश में कुल 16,383 NGO’s हैं जिनके पास वैध FCRA लाइसेंस प्राप्त हैं।
  • विगत वर्षों के आधार पर वित्त वर्ष 2019-20 में देश भर के एनजीओ को 16,306.04 करोड़ रुपये, वित्त वर्ष 2020-21 में 17,058.64 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2021-22 में 22,085.10 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त हुई थी।
  • सरकार के द्वारा पांच वर्षों में 6,600 से अधिक एनजीओ के एफसीआरए लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं।

विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (FCRA) 

  • इस क़ानून की धारा 5 के अनुसार केंद्र सरकार किसी भी एनजीओ को राजनीतिक प्रकृति का घोषित कर सकती है और उसे विदेशों से मिलने वाले दान अथवा चंदे को इस्तेमाल करने से रोक सकती है। 

उद्देश्य:

  • विदेशी दान प्राप्त करने के इच्छुक प्रत्येक व्यक्ति या एनजीओ को अधिनियम के तहत पंजीकृत होने, विदेशी धन की प्राप्ति के लिये एक बैंक खाता खोलने और उन निधियों का उपयोग केवल उसी उद्देश्य के लिये करने की आवश्यकता है जिसके लिये उन्हें प्राप्त किया गया है, जैसा कि अधिनियम में निर्धारित है।
  • यह अधिनियम चुनावों के लिये उम्मीदवारों, पत्रकारों या समाचार-पत्रों और मीडिया प्रसारण कंपनियों, न्यायाधीशों तथा सरकारी कर्मचारियों, विधायिका के सदस्यों एवं राजनीतिक दलों या उनके पदाधिकारियों व राजनीतिक प्रकृति के संगठनों द्वारा विदेशी धन प्राप्त करने पर रोक लगाता है।
  • गृह मंत्रालय को किसी संगठन की गतिविधियों के बारे में प्रतिकूल जानकारी मिलती है तो शुरू में 180 दिनों के लिए उसका एफसीआरए लाइसेंस निलंबित किया जा सकता है। इस दौरान NGO विदेशी चंदा नहीं ले सकता। साथ ही, वह संस्था सरकार की अनुमति के बगैर अपने बैंक खाते में जमा 25% से ज्यादा राशि का इस्तेमाल नहीं कर सकती। 

ऑस्कर पुरस्कार- 2023

चर्चा में क्यों?

  • हाल ही में, 'द एलिफेंट व्हिस्परर्स' और ‘RRR’ ऑस्कर जीतने वाली पहली भारतीय प्रोडक्शन फिल्म बनीं।

अन्य प्रमुख बिंदु 

  • अकादमी पुरस्कार, जिसे ऑस्कर के रूप में जाना जाता है, सिनेमाई उपलब्धियों में उत्कृष्टता की मान्यता के रूप में एकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेज द्वारा सालाना दिया जाता है।
  • SS राजामौली की RRR ऑस्कर जीतने वाली पहली भारतीय फीचर फिल्म बन गई। कीरावनी द्वारा फिल्म के 'नातु नातु' साउंडट्रैक को सर्वश्रेष्ठ मूल गीत के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 
  • इस गाने को एमएम कीरावनी ने कंपोज किया था और इसे चंद्रबोस ने लिखा था।
  • 'द एलिफेंट व्हिस्परर्स' डॉक्यूमेंट्री  तमिलनाडु के मुदुमलाई नेशनल पार्क की आश्चर्यजनक सुंदरता पर प्रकाश डालती है और दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में रहने वाले स्वदेशी समुदाय कट्टुनायकन के जीवन की एक झलक देती है।
  • यह पहली भारतीय डॉक्यूमेंट्री भी बन गयी जिसने वृत्तचित्र लघु श्रेणी के लिए अकादमी पुरस्कार जीता।

अन्य विजेता 

  • रेसुल पुकुट्टी: स्लमडॉग मिलियनेयर पर उनके काम ने उन्हें सर्वश्रेष्ठ साउंड मिक्सिंग के लिए 2009 में अकादमी पुरस्कार मिला।
  • ए. आर. रहमान और गुलज़ार: 2009 में रहमान और गुलज़ार द्वारा लिखित गीत "जय हो" ने फिल्म स्लमडॉग मिलियनेयर के लिए सर्वश्रेष्ठ मूल गीत का ऑस्कर जीता। 
  • ए.आर. रहमान द्वारा रचित और गुलज़ार द्वारा लिखित 'जय हो' अकादमी पुरस्कार जीतने वाला पहला हिंदी गीत है।

स्रोत: TH