June 20, 2023

भारत-अमेरिका संबंधों के केंद्र में:अर्थशास्त्र और रणनीति

(At the heart of Indo-US ties: Economics & Strategy-IE)

चर्चा में क्यों?

  • भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने, आर्थिक जुड़ाव और द्विपक्षीय संबंधों को 'वैश्विक रणनीतिक साझेदारी' तक बढ़ाने के लिए दोनों पक्षों के संकल्प को रेखांकित किया जा रहा है। इनका द्विपक्षीय व्यापार रिकॉर्ड ऊँचाई पर है और क्षमता असीमित है लेकिन कुछ बाधाएं हैं, जिनका निपटारा आवश्यक हो जाता है।

आर्थिक जुड़ाव

  • दोनों देशों कीरणनीतिक साझेदारी के केंद्र में आर्थिक जुड़ाव गहन हो रहा है और द्विपक्षीय संबंधों को "वैश्विक रणनीतिक साझेदारी" तक बढ़ाने के लिए दोनों पक्ष संकल्पित हैं।
  • इनके संबंध साझा लोकतांत्रिक मूल्यों और क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर हितों के बढ़ते अभिसरण में स्थापित हुए हैं।
  • हाल ही में दोनों देशों के बीच व्यापार का मूल्य रिकॉर्ड 191 अरब डॉलर पहुँच गया है, जिससे अमेरिका, भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बन गया है। वहीं दूसरी ओर अमेरिका के लिए भारत नौवां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है।

भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार 

  • अमेरिकी कंपनियों ने भारत में विनिर्माण से लेकर दूरसंचार और उपभोक्ता वस्तुओं से लेकर एयरोस्पेस तक के क्षेत्रों में लगभग 60 बिलियन डॉलर तक का निवेश किया है।
  • विदेश सचिव एंटनी ब्लिंकन ने यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल (USIBC) के वार्षिक भारत विचार शिखर सम्मेलन में पुष्टि की कि भारतीय कंपनियों ने IT, फार्मास्यूटिकल्स और हरित ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में 40 बिलियन डॉलर से अधिक का निवेश किया है।

सामरिक आधार

दोनों देशों के संबंधों का अधिकांश व्यापक पहलू रणनीतिक है, जिसमें दोनों देश साझेदार चीन पर नज़र रखते हुए जुड़ाव को बढ़ा रहे हैं। इस सहयोग के केंद्र में रणनीतिक निर्भरता को कम करते हुए विश्वसनीय देशों के साथ आपूर्ति श्रृंखलाओं में विविधता लाने और उन्हें गहरा करने पर महामारी के बाद की सहमति भी है। 

क्वाड क्या है ?

Quad चार देशों के बीच होने वाली सुरक्षा संवाद का ग्रुप है।

क्वाड का अर्थ क्वाड्रिलैटरल सिक्योरिटी डॉयलॉग (Quadrilateral Security Dialogue) है। इसमें चार सदस्य देश भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान है।

ये सभी देश समुद्री सुरक्षा और व्यापार के साझा हितों पर एकजुट हुए हैं।

इनका एक साझा उदेश्य चीन की विस्तावादी निति का विरोध करना था और केवल हिंद-प्रशांत क्षेत्र के साझा हितों की रक्षा करना है।

दोनों सरकारें विभिन्न स्तरों पर 50 से अधिक द्विपक्षीय वार्ता तंत्रों को आगे बढ़ा रही हैं।

  1. रणनीतिक जुड़ाव का ध्वजवाहक चतुर्भुज सुरक्षा संवाद(Quad) है। 2004 में हिंद महासागर सूनामी के बाद क्वाड एक व्यापक साझेदारी के रूप में प्रारंभ हुआ।
  2. हिंद महासागर रिम एसोसिएशन का गठन किया गया।
  3. I2U2, भारत, इज़राइल, अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात का एक समूह है, जो जल, ऊर्जा, परिवहन, अंतरिक्ष, स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा में संयुक्त निवेश और नई पहल पर केंद्रित है।
  4. iCET – 2023, जनवरी में दोनों देशों ने महत्त्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकी पर अमेरिका-भारत पहल (initiative on Critical and Emerging Technology- iCET) के तहत उच्च-प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिये एक रोडमैप पेश किया। iCET की घोषणा 2022 में की गयी और इसे जनवरी, 2023 में लॉन्च किया गया
  5. भारत की वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स आपूर्ति श्रृंखला के तहत वर्ष 2021 में भारत ने देश में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहित करने के लिये लगभग $ 10 बिलियन डॉलर की उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) योजना की घोषणा की।
  • भारत को अमेरिका द्वारा बढ़ावा दिए जा रहे क्षेत्रीय सहयोगात्मक प्रयास का उद्देश्य सेमीकंडक्टर चिप्स के लिए सोर्सिंग आपूर्ति आधार में विविधता लाना और प्रयासों के दोहराव से बचना है।
  • अमेरिका, 3 अन्य शीर्ष सेमीकंडक्टर निर्माताओं, ताइवान, जापान और दक्षिण कोरिया के साथ 'चिप 4' गठबंधन की पहल कर रहा है। 2021 में, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने "सेमीकंडक्टर्स और उनके घटकों तक सुरक्षित पहुंच के लिए" एक सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला पहल स्थापित करने की योजना की घोषणा की थी।

     6.  रक्षा क्षेत्र के समझौते पहले से मौजूद द्विपक्षीय सहयोग ढांचे पर आधारित हैं। बख़्तरबंद वाहनों, गोला-बारूद और हवाई युद्ध जैसे क्षेत्रों में सहयोग में भारत के लिए                एक सौदा शामिल हो सकता है, यह दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक है, जो कि स्वदेशी तेजस Mk2 हल्के लड़ाकू विमान को शक्ति प्रदान करने के लिए GE              के F414 टर्बोफैन जेट इंजन के लाइसेंस के तहत निर्माण करेगा।

हिंद महासागर रिम एसोसिएशन (IORA) के बारे में

  • हिंद महासागर रिम एसोसिएशन (IORA) एक अंतर-सरकारी संगठन है जिसे 7 मार्च, 1997 को स्थापित किया गया था।
  • फ्रांस सहित इसके सदस्यों की संख्या 23 हो गई है।
  • यह हिंद महासागरीय व्यापार और परिवहन के लिए जीवन रेखा के समान है। यह मार्ग दुनिया के एक-तिहाई कार्गो का वहन करता है और यहाँ से दुनिया के तेल-कार्गो का दो-तिहाई पास है।
  • IORA, सदस्य देशों के साथ सहयोग और वार्ता के माध्यम से हिंद महासागर क्षेत्र में सतत विकास और संतुलित विकास को बढ़ावा देने का प्रयास करता है।
  • हिंद महासागर रिम एसोसिएशन का मुख्यालय ABN साइबर सिटी, मॉरीशस में स्थित है।

समाधान की आवश्यकता 

  • अमेरिका का भारत के निर्यात पर नियंत्रण, प्रौद्योगिकी के मुक्त हस्तांतरण को रोकता है।
  • वीज़ा में देरी और 2019 में सामान्यीकृत वरीयता प्रणाली (GSP) कार्यक्रम के तहत भारत के व्यापार लाभों को रद्द करने की आवश्यकता शामिल करना क्योंकि अमेरिका द्वारा भारत की व्यापार नीति के अत्यधिक संरक्षणवादी होने की शिकायत की गयी है।
  • भारत, अमेरिका का एक प्रमुख भागीदार होने के बावजूद, रूस से रियायती कच्चे तेल की खरीद पर रोक लगाता है।
  • भारत को यूएस के नेतृत्व वाले इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क (IPEF) के व्यापार स्तंभ में शामिल होने के लिए प्रेरित किया गया, परंतु वॉशिंगटन की ओर से भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) का कोई आधार तैयार नहीं है।
  • भारत, IPEF के तीन स्तंभों में शामिल है - अधिक लचीली आपूर्ति श्रृंखला बनाना , स्वच्छ ऊर्जा के अवसरों का दोहन करना और भ्रष्टाचार का मुकाबला करना, लेकिन पर्यावरण, श्रम पर आवश्यक प्रतिबद्धताओं के बारे में आरक्षण का हवाला देते हुए भारत चौथे स्तंभ (व्यापार) से बाहर हो गया है क्योंकि  अमेरिका एक विकसित देश है और पूर्व प्रदूषणकर्त्ता का प्रमुख भागीदार विकसित देशों को माना जाता है।