July 6, 2023
SCO बैठक
चर्चा में क्यों ?
- हाल ही में भारत के द्वारा SCO के 23वें शिखर सम्मेलन का आयोजन आभासी रूप में किया गया। ऐसा पहली बार है जब भारत SCO शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहा है।
- इसमें सीमा-पार आतंकवाद, डी-रेडिकलाइजेशन रणनीतियों में सहयोग, जलवायु परिवर्तन को संबोधित करने के लिए बाजरा और टिकाऊ जीवन शैली को बढ़ावा देने से सम्बंधित बिन्दुओं पर बल दिया गया।
- 2023 के SCO शिखर सम्मेलन की थीम है - ‘SECURE’ यानी सिक्योरिटी, इकोनॉमिक डेवलपमेंट, कनेक्टिविटी, यूनिटी, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए सम्मान और पर्यावरणीय संरक्षण।
प्रमुख बिंदु
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के आभासी शिखर सम्मेलन की मेजबानी की गयी।
- भारत द्वारा गोवा में SCO के विदेश मंत्रियों की बैठक में सख्त रुख अपनाया गया, जिसमें पाकिस्तान के बिलावल भुट्टो जरदारी, चीन के किन गैंग और रूस के सर्गेई लावरोव सहित अन्य लोग शामिल थे।
- SCO के साथ भारत का जुड़ाव एक पर्यवेक्षक देश के रूप में 2005 में शुरू हुआ। अधिकारियों के अनुसार, भारत 2017 में अस्ताना शिखर सम्मेलन में SCO का पूर्ण सदस्य राज्य बन गया, जो संगठन के साथ भारत की भागीदारी में एक "ऐतिहासिक क्षण" था।
- विगत 6 वर्षों में, भारत के द्वारा SCO की गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में "बहुत सक्रिय और रचनात्मक भूमिका" निभाई गयी है।
- अपनी अध्यक्षता के दौरान, भारत के द्वारा SCO में सहयोग के पांच नए स्तंभ और फोकस क्षेत्र बनाए गये; जिनमें शामिल हैं –
- स्टार्टअप और इनोवेशन,
- पारंपरिक चिकित्सा,
- डिजिटल समावेशन,
- युवा सशक्तिकरण
- साझा बौद्ध विरासत।
- “SCO में दो नए तंत्र, स्टार्टअप और इनोवेशन पर विशेष कार्य समूह और पारंपरिक चिकित्सा पर विशेषज्ञ कार्य समूह, भारत की पहल पर बनाए गए थे।“
- हाल ही में भारत द्वारा संयुक्त राज्य अमेरिका की सफल यात्रा के बाद SCO बैठक, वास्तव में भारत की रणनीतिक स्वायत्तता और आत्मविश्वास को प्रदर्शित करती है।
भारत और रूस
- युद्ध के कारण रूस के प्रभाव और प्रासंगिकता में गिरावट आई है, परंतु भले ही भारत ने सीधे तौर पर रूस की निंदा या आलोचना नहीं की हो, लेकिन वह राष्ट्रपति पुतिन से अपनी बात कहने की क्षमता रखता है।
- भारत और चीन की नियमित बातचीत कुछ प्रमुख क्षेत्रों में तनाव कम करने और चीन को पीछे हटाने पर चर्चा आवश्यक है।
SCO क्या है?
- चीन, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, रूस और ताजिकिस्तान द्वारा 1996 में "शंघाई V" नाम से संगठन की स्थापना शंघाई में की गयी थी।
- सन् 2001 में पुनः शंघाई में आयोजित शिखर सम्मेलन में उज्बेकिस्तान को शामिल कर इसे "शंघाई VI" में बदल दिया गया, जो अब शंघाई सहयोग संगठन ( Shanghai Cooperation Organisation) या SCO नाम से जाना जाता है।
- इसका मुख्यालय बीजिंग में है। इसका peace mission- 2018 Russia के charbakul में हुआ जिसमें भारत और पाकिस्तान की सेना ने पहली बार भाग लिया। शंघाई सहयोग संगठन में भारत 2017 में शामिल हुआ है।
- SCO एक स्थायी अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जिसमें आठ सदस्य देश- रूस, चीन, भारत, पाकिस्तान और चार केंद्रीय एशियाई देश (कजाखस्तान, किर्गिज़स्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान) शामिल हैं।
- 2023 के सम्मेलन में एक सदस्य के रूप में ईरान भी शिरकत करेगा। अन्य देश भी इस अवसर की तलाश में हैं, जैसे- तुर्की, ईरान (जो इस वर्ष SCO का सदस्य बनने जा रहे हैं), संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप।
मुख्य उदेश्य
- आतंकवाद से लड़ना SCO के मूल अधिदेशों में से एक है।
- क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी संरचना (RATS), SCO का एक स्थायी अंग है।
- इसमें नई दिल्ली घोषणा के अलावा, 4 अलग-अलग दस्तावेज़ अपनाए जाएंगे-
- पहला कट्टरवाद पर,
- दूसरा बाजरा पर,
- तीसरा मिशन LiFE (पर्यावरण के लिए जीवन शैली) पर,
- चौथा मिशन डिजिटलीकरण पर।
- दो स्वतंत्र कार्यसमूह भी स्थापित किये जाएंगे - एक पारंपरिक चिकित्सा पर तथा दूसरा स्टार्टअप और नवाचार पर।
- सम्मेलन के अंतर्गत भारतीय प्रधानमंत्री के द्वारा कुछ देशों की आड़ में चीन और पाकिस्तान पर नीतियों के लिए "सीमा-पार आतंकवाद को एक साधन के रूप में उपयोग करने का आरोप लगाया गया"।
- भारत के अनुसार, इस्लामाबाद आतंकवादी समूहों को "राज्य नीति" के साधन के रूप में उपयोग करता है, जबकि बीजिंग संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों की सूची को रोक रहा है।
- "आतंकवाद क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए एक बड़ा खतरा बन गया है। इस चुनौती से निपटने के लिए निर्णायक कार्रवाई की आवश्यकता है। इसके स्वरूप या अभिव्यक्ति के बावजूद, हमें आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में एकजुट होना चाहिए।''
SCO-क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी संरचना
- SCO-RATS शंघाई सहयोग संगठन का एक स्थायी निकाय है और इसका उद्देश्य आतंकवाद, उग्रवाद एवं अलगाववाद के खिलाफ लड़ाई में शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों के बीच समन्वय तथा बातचीत की सुविधा प्रदान करना है। SCO-RATS का मुख्य कार्य समन्वय और सूचना साझा करना है।