Aug. 8, 2022

पिंगली वेंकय्या

चर्चा में क्यों ?

  • हाल ही में, संस्कृति मंत्रालय ने  पिंगली वेंकय्या की 146वीं जयंती मनाने के लिए 'तिरंगा उत्सव' का आयोजन किया। वेंकय्या द्वारा डिजाइन किया गया राष्ट्रीय ध्वज देश के लिए एक उपहार था तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया 'हर घर तिरंगा' कार्यक्रम ध्वज डिजाइनर के लिए एक उपयुक्त श्रद्धांजलि है|
  • साथ ही इस अवसर पर भारत सरकार ने पिंगली वेंकय्या की स्मृति में  एक विशेष स्मारक डाक टिकट जारी किया।

पिंगली वेंकय्या के बारे में  

जीवन 

  • इनका जन्म 2 अगस्त ,1876 को आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम के पास भाटलापेनुमरु में एक तेलुगु ब्राह्मण परिवार में हुआ था।
  • इनकी मृत्यु 4 जुलाई , 1963 को हुई थी |

भारत के राष्ट्रीय ध्वज के डिजाइनर

  • एक स्वतंत्रता सेनानी और भारत के राष्ट्रीय ध्वज के डिजाइनर पिंगली वेंकय्या गांधीवादी सिद्धांतों के अनुयायी थे |महात्मा गांधी के अनुरोध पर उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को केसरिया, सफेद और हरे रंगों के बीच में चक्र के साथ डिजाइन किया था।

शैक्षणिक योगदान

  • वह एक कृषक, एक भूविज्ञानी , एक शिक्षाविद के साथ-साथ जापानी भाषा के ज्ञाता भी थे इसलिए उन्हें ‘जापान वेंकय्या’ के नाम से भी जाना जाता था | उन्होंने मछलीपट्टनम में एक शैक्षणिक संस्थान की स्थापना की थी।
  • इसके अतिरिक्त,उन्होंने 1817 में उड़ीसा में अंग्रेजों के खिलाफ आठ साल की अवधि के लिए बक्सी जगबंधु के नेतृत्व में प्रारंभ किए गए पाइका विद्रोह पर 'महासंग्राम - महा नायक' नामक एक नाटक भी लिखा | हाल ही में इस नाटक का प्रदर्शन विजयवाड़ा के थुम्मलपल्ली कला क्षेत्रम में किया गया था।

भारत रत्न

  • वर्ष 2009 में उनकी स्मृति में एक डाक टिकट जारी किया गया था और 2011 में यह प्रस्तावित किया गया था कि उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा।

पुस्तक 

  • उन्होंने "भारत के लिए राष्ट्रीय ध्वज" नामक एक पुस्तक लिखी, जो 1916 में प्रकाशित हुई थी।जिसमें भारतीय ध्वज से सम्बंधित तीस डिजाइनों का प्रदर्शन किया गया हैं।

भारत का राष्ट्रीय ध्वज

  • 15 अगस्त, 1947 को ब्रिटिश से भारत की स्वतंत्रता से कुछ दिन पहले 22 जुलाई, 1947 को हुई संविधान सभा की बैठक के दौरान भारत के राष्ट्रीय ध्वज को उसके वर्तमान स्वरूप में अपनाया गया था।
  • इसे 15 अगस्त,1947 और 26 जनवरी,1950 के बीच भारत के डोमिनियन के राष्ट्रीय ध्वज के रूप में और उसके बाद भारत गणराज्य के राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया गया।
  • भारत में "तिरंगा" शब्द भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को संदर्भित करता है जिसे पिंगली वेंकय्या डिज़ाइन किया गया।
  • भारत का राष्ट्रीय ध्वज एक क्षैतिज तिरंगा है जो सबसे ऊपर गहरे केसरिया (केसरी), बीच में सफेद और सबसे नीचे गहरे हरे रंग के समान अनुपात में है।
  • झंडे की चौड़ाई और उसकी लंबाई का अनुपात 2:3 होता है।
  • सफेद पट्टी के केंद्र में एक नीले रंग का चक्र है जो धर्म चक्र का प्रतिनिधित्व करता है।
  • यह धर्म चक्र ‘विधि के चक्र’ का प्रतीक है जिसे तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में मौर्य सम्राट अशोक द्वारा सारनाथ स्थित सिंह स्तंभ की चौकी पर बनवाया गया था जो यह दर्शाता है की गति में जीवन है और ठहराव में मृत्यु है।
  • इसका व्यास सफेद पट्टी की चौड़ाई के लगभग समान होता है और इसमें 24 तीलियाँ होती हैं।

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