March 30, 2023

IMF बेलआउट

IMF बेलआउट

चर्चा में क्यों?

  • हाल ही में श्रीलंका द्वारा स्वतंत्रता के बाद से व्यापक स्तर पर हुए आर्थिक संकट के बीच अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से $ 3 बिलियन का बेलआउट प्राप्त किया गया।
  • दूसरा देश पाकिस्तान है जो आर्थिक सहायता प्राप्त करने के लिए IMF का दरवाजा खटखटा रहा है, परंतु IMF के द्वारा बेलआउट फंड जारी करने के लिए बाहरी वित्तपोषण पर मित्र देशों से प्रतिबद्धताओं को पूरा न करने पर  2019 में सहमत $6.5 बिलियन बेलआउट के हिस्से के रूप में IMF के द्वारा $1.1 बिलियन फंडिंग जारी करने में देरी की जा रही है।

IMF क्या है ?

  • IMF की अभिकल्पना जुलाई, 1944 में संयुक्त राज्य के 'न्यू हैम्पशायर' में संयुक्त राष्ट्र के ब्रेटन वुड्स सम्मेलन में की गई थी।
  • सम्मेलन में 44 देशों ने एक साथ मिलकर आर्थिक-सहयोग हेतु एक फ्रेमवर्क के निर्माण की बात की, ताकि प्रतिस्पर्द्धा अवमूल्यन की पुनरावृत्ति से बचा जा सके, जिसके कारण वर्ष 1930 के दशक में आयी विश्वव्यापी महामंदी जैसी परिस्थितियाँ उत्पन्न हो गई थीं।
  • यदि कोई देश अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) का सदस्य नहीं है, तो वह विश्व बैंक(WORLD BANK) की शाखा अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण एवं विकास बैंक (International Bank for Reconstruction and Development-IBRD) में सदस्यता नहीं ले सकता है।
  • ब्रेटन वुड्स समझौते के अनुरूप अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सहयोग को प्रोत्साहित करने के लिये IMF ने निश्चित विनिमय दरों पर मुद्रा परिवर्तन की एक प्रणाली स्थापित की।
  • वर्ष 1971 में ब्रेटन वुड्स प्रणाली (स्थायी विनिमय दरों की प्रणाली) के समाप्त हो जाने के पश्चात् IMF ने अस्थायी विनिमय दरों की प्रणाली को प्रोत्साहित किया है। इसके अनुसार देश अपनी विनिमय व्यवस्था को चुनने के लिये स्वतंत्र हैं जिसका अर्थ है कि बाज़ार की शक्तियाँ एक-दूसरे के सापेक्ष मुद्रा के मूल्यों को निर्धारित करती हैं।
  • IMF, अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक प्रणाली के प्रमुख संगठनों में से एक है। IMF की संरचना अंतर्राष्ट्रीय पूंजीवाद के पुनर्निर्माण को राष्ट्रीय आर्थिक संप्रभुता एवं मानव कल्याण के उच्चतम मूल्यांकन (Maximisation) के साथ संतुलित करने में सुविधा प्रदान करती है। इस प्रणाली को सन्निहित उदारवाद (Eembedded Liberalism) कहते हैं।
  • वैश्विक आर्थिक संकट (2008): IMF ने वैश्वीकरण एवं पूरी दुनिया को आर्थिक तौर पर जोड़ने तथा निगरानी तंत्र को मज़बूत करने हेतु प्रमुख पहलें की हैं। इन पहलों में स्पिल-ओवर (जब किसी एक देश की आर्थिक नीतियाँ किसी अन्य देशों को प्रभावित कर सकती हों) को कवर करने, वित्तीय प्रणाली एवं जोखिमों के विश्लेषण की निगरानी हेतु कानूनी ढाँचे का पुनर्निर्माण करना, आदि शामिल था।

IMF बेलआउट क्या है?

  • जब कोई देश या संस्थान किसी संभावित दिवालियापन के खतरे का सामना कर रहा हो, तो उसे वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाने की एक प्रक्रिया बेलआउट कहलाती है।
  • बेलआउट पैकेज राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर, दो प्रकार के होते हैं।
  • राष्ट्रीय स्तर पर जब किसी देश में बैकों या अन्य संस्थानों का आर्थिक ढाँचा बिगड़ने लगता है, तो उस देश की सरकार स्वयं बेलआउट पैकेज जारी कर सकती है, ताकि संस्थानों की बिगड़ी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाया जा सके।
  • दूसरी ओर, जब किसी देश में आर्थिक संकट गहरा रहा हो। तब अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष उस देश को बेलआउट पैकेज जारी करता है। इस पैकेज के जरिए उस देश के लिए एक राशि जारी की जाती है, ताकि वहाँ के आर्थिक हालातों को सुधारा जा सके।

आर्थिक संकट का कारण 

  • अनुचित राजकोषीय और मौद्रिक नीतियां
  • एक अनुचित स्तर पर निर्धारित विनिमय दर
  • राजनीतिक अस्थिरता
  • दिवालिया वित्तीय संस्थान
  • श्रीलंका और पाकिस्तान दोनों की घरेलू कीमतों में तेज वृद्धि देखी गयी।
  • श्रीलंका में कोविड-19 महामारी के दौरान विदेशी पर्यटकों की गिरावट के कारण देश में अमेरिकी डॉलर के प्रवाह में गिरावट देखी गई थी।

IMF बेलआउट प्रक्रिया-

  • IMF, विशेष आहरण अधिकार (SDR) के रूप में संकटग्रस्त अर्थव्यवस्थाओं को पैसा उधार देता है।
  • SDR, 5 मुद्राओं की एक टोकरी है - अमेरिकी डॉलर, यूरो, चीनी युआन, जापानी येन और ब्रिटिश पाउंड।
  • IMF,SDR को ऋण, नकद, बांड या स्टॉक खरीद के रूप में निष्पादित करता है।

IMF बेलआउट पर लागू होने वाली शर्तें?

  • वित्तीय सहायता मांगने वाले देश के लिए निर्धारित शर्तों में कुछ संरचनात्मक सुधार हो सकते हैं, जैसे –राजकोषीय पारदर्शिता, कर सुधार और राज्य के स्वामित्व वाले उद्यमों में सुधार।
  • IMF द्वारा उधार सुनिश्चित करने के लिए निर्धारित शर्तें आवश्यक हैं क्योंकि ऐसी नीतियां देश के आर्थिक विकास और स्थिरता को रोकती हैं और ये नीतियां कर्ज का भुगतान करने में बाधा बन सकती हैं।
  • IMF, प्रभावित देश को अर्थव्यवस्था और संस्थानों को मजबूत करने के लिए सुधारों को लागू करने के तरीके पर तकनीकी विशेषज्ञता भी प्रदान कर सकता है।

IMF की शर्तों का नकारात्मक पक्ष

  • सरकारी खर्च में कमी
  • करों में वृद्धि
  • सार्वजनिक अशांति

IMF को पैसे कहाँ से मिलते हैं?

  • IMF फंड तीन स्रोतों से आते हैं: सदस्य कोटा, बहुपक्षीय और द्विपक्षीय उधार समझौते।
  • कोटा, आईएमएफ के वित्तपोषण का मुख्य स्रोत है, जिसमें आईएमएफ के प्रत्येक सदस्य को विश्व अर्थव्यवस्था में अपनी सापेक्ष स्थिति के आधार पर एक कोटा सौंपा गया है।
  • IMF के मौजूदा कुल संसाधन लगभग SDR- 977 बिलियन में से SDR- 713 बिलियन के ऋण देने की क्षमता में तब्दील हो जाते हैं।
  • संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्रांस और जापान जैसे लेनदार देशों के पेरिस क्लब के सदस्यों के अलावा, अन्य उधारदाताओं में चीन, भारत, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका और कुवैत शामिल हैं।