Nov. 9, 2022

गुरु नानक देव जयंती

चर्चा में क्यों ?

प्रत्येक वर्ष, प्रकाश पर्व अर्थात गुरु नानक देव जयंती को कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है|यह पहले सिख गुरु, गुरु नानक के जन्म का  553 वाँ जश्न पर्व  है| 

गुरु नानक जयंती कार्तिक माह की पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है|

गुरु नानक देव के बारे में:

  • गुरु नानक देव (1469-1539) का जन्म लाहौर के निकट तलवंडी राय के भोई नामक गाँव में हुआ था, जिसे बाद में ननकाना साहिब के नाम से जाना गया|
  • इन्होंने  सिख धर्म की स्थापना की थी| सिखों के प्रथम गुरु, गुरु नानक देव जी ने एक ओंकार का संदेश दिया, जिसका अर्थ ईश्वर एक है | उन्होंने सिख धर्म के तीन स्तंभों -नाम जपना, कीरत  करनी और वंड चकना की स्थापना की | इन्होंने  यज्ञ , पूजा, तपस्या को नकार दिया | इन्होंने विश्व को 'कर्म' का संदेश दिया  और भक्ति के 'निर्गुण' रूप की शिक्षा दी |
  • ये हमेशा जातिवाद  के विरोधी  रहे| साथ ही इन्होंने रूढ़िवादिता, धार्मिक आडंबर और अंधविश्वास के खिलाफ भी मोर्चा खोला | इसी क्रम में इन्होंने अपने समय में लंगर की शुरुआत की, ताकि छोटा-बड़ा, अमीर-गरीब और जातिगत भेद को समाप्त कर सभी एक साथ बैठकर भोजन कर सकें |
  • उन्होंने 16वीं शताब्दी में अंतर-धार्मिक संवाद शुरू किया और अपने समय के विभिन्न धार्मिक संप्रदायों विद्वानों से विचार विमर्श किया|
  • उनकी लिखित रचनाओं को 5 वें सिख गुरु अर्जन देव (1563-1606) द्वारा संकलित कर आदिग्रंथ में शामिल किया गया |
  • 10 वें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह (1666-1708) द्वारा किए गए परिवर्द्धन  के बाद संकलन को गुरु ग्रंथ साहिब के रूप में जाना गया |

गुरु नानक की शिक्षाएँ: 

  • इन्होंने सभी के लिए शांति और सद्भाव का संदेश दिया | 
  • गुरु नानक समानता के महान समर्थक थे। उनका उद्देश्य एक जातिविहीन समाज का निर्माण करना था जिसमें कोई पदानुक्रम न हो | उनके लिए, जाति, पंथ, धर्म और भाषा के आधार पर मतभेद और पहचान अप्रासंगिक थी |
  • महिलाओं के सम्बंध में , गुरु नानक देव के विचार थे कि “जब वे पुरुषों को जन्म देती हैं तो वे कैसे हीन हो सकती हैं? भगवान की कृपा में महिलाओं के साथ-साथ पुरुष भी हिस्सा लेते हैं और उनके कार्यों के लिए समान रूप से जिम्मेदार हैं |"
  • सामंजस्यपूर्ण रूप से एक साथ काम करने की भावना, सद्भाव  का एक सुसंगत धागा है जो गुरु नानक के भजनों के माध्यम से चलता है |

उनकी शिक्षाओं का महत्व और प्रासंगिकता:

  • गुरु नानक देव जी, संत-संगीतकार और महान आध्यात्मिक नेताओं में से एक थे , उनके विचार और शिक्षाएं आज पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक हैं | वे विश्वभर में शांति, समानता और समृद्धि को बढ़ावा देना चाहते थे |
  • परन्तु आधुनिक भारत एक समतावादी समाज, सामाजिक सद्भाव ,न्यायपूर्ण समाज का निर्माण और  लैंगिक समानता का निर्माण करने में विफल रहा है | 
  • मृत्यु- वर्ष 1539 में करतारपुर, पंजाब में हुई |

करतारपुर साहिब कॉरिडोर 

  • 2018 में, गुरु नानक देव की 550वीं जयंती के अवसर पर करतारपुर गलियारा बनकर तैयार हुआ  जो पाकिस्तान में  पंजाब के नरोवाल जिले में स्थित दरबार साहिब गुरुद्वारा को, भारत के गुरदासपुर जिले में स्थित डेरा बाबा नानक गुरूद्वारे  से जोड़ता है | 
  • करतारपुर को सिखों के लिए सबसे पवित्र स्थानों में से एक माना जाता है क्योंकि  गुरु नानक देव ने अपने जीवन के अंतिम 18 वर्ष व्यतीत किए थे| 
  • यह गलियारा भारत और पाकिस्तान देशों के बीच शांति संधि का काम करता है और तमाम तनावों के बीच धार्मिक सहिष्णुता को बढ़ावा देता है |