March 25, 2023

मानहानि, वियना कन्वेंशन, कर्नाटक अल्पसंख्यकों का आरक्षण समाप्त, DNA प्रोफाइलिंग

मानहानि

चर्चा में क्यों ?

  • राहुल गांधी को 2019 में कर्नाटक में एक सार्वजनिक रैली के दौरान, मोदी उपनाम पर टिप्पणी किए जाने के  मानहानि के मामले में सूरत की एक अदालत के द्वारा दोषी ठहराया गया और दो साल की जेल की सजा सुनाई गई।
  • इसके अलावा, राहुल गाँधी को केरल की वायनाड लोकसभा क्षेत्र के सांसद पद से अयोग्य करार दिया गया।
  • राहुल गाँधी, जो अपना चौथा लोकसभा कार्यकाल पूरा कर रहे थे, को आठ साल के लिए चुनाव लड़ने से रोक दिया जाएगा, जब तक कि उच्च न्यायालय द्वारा दोषसिद्धि पर रोक नहीं लगाई जाती।

IPC की धारा 499 

  • अगर कोई बोलकर, लिखकर, पढ़कर, इशारों या तस्वीरों के जरिए किसी व्यक्ति की प्रतिष्ठा पर लांछन लगाता है तो इसे मानहानि माना जाएगा।

जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951

  • दोषसिद्धि के कारण जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत संसद सदस्य के रूप में स्वतः ही अयोग्य घोषित कर दिया गया।
  • अधिनियम की धारा 8 (3) के अनुसार, अगर संसद सदस्य को किसी अपराध का दोषी ठहराया जाता है और कम से कम दो साल की सजा सुनाई जाती है, वह अयोग्य माना जायेगा।
  • अनुच्छेद 102(E) और 191(E) और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 एक सांसद तथा विधायक की अयोग्यता से संबंधित हैं।
  • जुलाई 2013 से पहले, एक सजायाफ्ता सांसद व विधायक सदस्यता की तत्काल हानि के लिए उत्तरदायी नहीं था।
  • जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 (Representation of the People Act, 1951) संसद द्वारा भारतीय संविधान के अनुच्छेद 327 के तहत पारित किया गया था। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 327 के अनुसार, संसद समय-समय पर कानून द्वारा संसद के किसी भी सदन या विधानमंडल के सदन के चुनाव से संबंधित सभी मामलों के विषय में प्रावधान कर सकती है, जिसमें मतदाता सूची तैयार करना, निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन और सदन या सदनों के उचित गठन को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक ऐसे अन्य सभी मामले शामिल हैं।
  • जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 में निम्नलिखित चुनावी मामलों से संबंधित प्रावधान शामिल हैं:
  • संसद और राज्य विधानमंडल की सदस्यता के लिए योग्यताएं एवं अयोग्यताएं
  • आम चुनाव की अधिसूचना
  • चुनाव के संचालन के लिए प्रशासनिक मशीनरी
  • राजनीतिक दलों का पंजीकरण
  • चुनाव का संचालन
  • मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों को कुछ सामग्री की निःशुल्क आपूर्ति
  • चुनाव को लेकर विवाद
  • भ्रष्ट आचरण और चुनावी अपराध
  • सदस्यों की निरर्हताओं की जाँच के संबंध में निर्वाचन आयोग की शक्तियाँ।
  • रिक्तियों को भरने के लिए उपचुनाव और समय सीमा।
  • चुनाव से संबंधित विविध प्रावधान।

वियना कन्वेंशन

चर्चा में क्यों ?

  • खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमला कर क्षतिग्रस्त कर दिया तथा परिसर के अंदर दो खालिस्तानी झंडे लगा दिए।

वियना कन्वेंशन क्या है?

  • "वियना कन्वेंशन" शब्द वियना में हस्ताक्षरित कई संधियों को संदर्भित करता है, जो अधिकांश अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति की प्रक्रियाओं के सामंजस्य या औपचारिकता से संबंधित हैं। यह "स्वतंत्र संप्रभु राज्यों के बीच सहमति के आधार पर राजनयिक संबंधों की स्थापना, रखरखाव और समाप्ति के लिए एक पूर्ण रूपरेखा प्रदान करता है"।

राजनयिक संबंधों पर वियना कन्वेंशन (1961)

  • स्वतंत्र संप्रभु राज्यों के बीच सहमति के आधार पर राजनयिक संबंधों की स्थापना, रखरखाव और समाप्ति के लिए रूपरेखा प्रदान करता है।
  • राजनयिक संबंधों पर वियना कन्वेंशन 24 अप्रैल, 1964 को लागू हुआ और सिवाय पलाऊ और दक्षिण सूडान के अलावा विश्व के लगभग सभी देशों के द्वारा इसकी अभिपुष्टि की गयी।
  • यह कन्वेंशन राजनयिक सुरक्षा से सम्बंधित लंबे समय से चली आ रही प्रथा को संहिताबद्ध करता है, जिसमें राजनयिक मिशनों को विशेषाधिकार दिए जाते हैं।
  • ये विशेषाधिकार राजनयिकों को मेजबान देश (जहाँ दूतावास स्थित है) द्वारा जबरदस्ती या उत्पीड़न के डर के बिना अपने कार्यों को करने में सक्षम बनाते हैं।
  • यह कन्वेंशन राजनयिक मिशन की सीमा को किसी तरह से अनुल्लंघन करने से रोकता है।
  • कन्वेंशन का अनुच्छेद 22, मिशन के परिसर के दायित्वों से संबंधित है। इस अनुच्छेद के भाग 2 में कहा गया है कि दूतावास के मेजबान देश किसी भी घुसपैठ या क्षति से मिशन के परिसर की रक्षा के लिए और मिशन की शांति को किसी भी तरह की गड़बड़ी या इसकी गरिमा की हानि को रोकने के लिए सभी उचित कदम उठाने के लिए विशेष कर्त्तव्य से बंधे हुए हैं।
  • किसी भी उच्चायोग या दूतावास की सुरक्षा की जिम्मेदारी मेजबान देश की होती है। हालाँकि, राजनयिक मिशन अपनी की सुरक्षा के लिए सुरक्षा बल तैनात कर सकता है, परन्तु मेजबान देश ही सुरक्षा के लिए जवाबदेह है।

खालिस्तान क्या है ?

  • ख़ालिस्तान का अर्थ है : "ख़ालसे की सरज़मीन"
  • यह भारत के पंजाब राज्य के सिख अलगाववादीयों द्वारा प्रस्तावित राष्ट्र को दिया गया नाम है।
  • ख़ालिस्तान के क्षेत्रीय दावे के अंतर्गत में मौजूदा भारतीय राज्य पंजाब, चण्डीगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली और इसके इलावा राजस्थान, उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड इत्यादि राज्यों के भी कुछ क्षेत्र शामिल हैं।

कर्नाटक अल्पसंख्यकों का आरक्षण समाप्त

   चर्चा में क्यों?

  • कर्नाटक सरकार के द्वारा OBC श्रेणी में 2B श्रेणी के तहत मुसलमानों को दिए गए 4% आरक्षण को दो बराबर भागों में विभाजित करने की घोषणा की गयी।

प्रमुख बिंदु 

  • मुसलमानों के 4% आरक्षण (अल्पसंख्यक आरक्षण) को 2C और 2D के बीच विभाजित किया जाएगा।
  • जिसके अंतर्गत वोक्कालिगा और अन्य के लिए 4% आरक्षण बढ़कर 6% हो जाएगा तथा वीरशैव पंचमसाली एवं  अन्य (लिंगायत) को 5% आरक्षण मिलने पर अब 7% मिलेगा।
  • वोक्कालिगा और लिंगायत के लिए क्रमशः आरक्षित श्रेणी 3A और 3B को समाप्त कर दिया गया था, उनकी जगह दो नई श्रेणियां 2C और 2D बनाई गई थीं।
  • कैबिनेट के द्वारा धार्मिक अल्पसंख्यकों को EWS श्रेणी के तहत रखने का फैसला किया गया।
  • धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए कोटा हटा दिया जाएगा और उन्हें बिना किसी बदलाव के EWS श्रेणियों के 10% पूल में शामिल किया जाएगा।

धार्मिक अल्पसंख्यकों का कोटा समाप्त करने के पक्ष में तर्क 

  • मुसलमानों के लिए कोटा हटाने के फैसले का बचाव करते हुए सरकार के द्वारा कहा गया कि धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए संविधान में कोई प्रावधान नहीं है।
  • अल्पसंख्यकों के लिए आंध्र प्रदेश के आरक्षण को खारिज करने वाले एक अदालत के फैसले का हवाला देते हुए कहा गया कि भारतीय संविधान के संस्थापक बी.आर. अंबेडकर के द्वारा सामाजिक रूप से पिछड़े वर्ग के आरक्षण पर बल दिया गया था।
  • सरकार के द्वारा मुसलमानों को 3 आरक्षण श्रेणियों - 1, 2A और 2B में बांटा गया है।
  • श्रेणी 1 - इसमें अत्यधिक पिछड़े धार्मिक अल्पसंख्यक, जो पिंजारा, नदाफ, दारोजी और छप्परबंद जैसे मुसलमानों के उप-समूह बनाते हैं, शामिल हैं और वे अबाधित रहेंगे तथा उसी आरक्षित सूची में रहेंगे।
  • सरकार ने श्रेणी 2A के तहत मुस्लिम समुदाय को नहीं छुआ है। इसमें वे जातियाँ शामिल हैं जो पिछड़ी सूची सहित किसी भी सूची में प्रकट नहीं हैं।
  • ST श्रेणी के चार जिलों में फैले दो चरवाहा समुदायों, 'कडू कुरुबा' और 'गोंडा कुरुबा' को शामिल करने के लिए केंद्र को एक सिफारिश भेजी गई है।
  • SC समुदाय के संबंध में निर्णय में कहा गया कि 6% आरक्षण SC वाम उपश्रेणी को, 5.5% SC राइट उपश्रेणी को, 4.5% अस्पृश्यों को और 1% अन्य को दिया जाएगा।

वोक्कालिगा समुदाय 

  • भारत के कर्नाटक राज्य में आदि भगवान शिव में आस्था रखने वाले लोगों का एक समुदाय है।
  • कर्नाटक में वोक्कालिगा समुदाय मुख्य रूप से पूर्वी मैसूर राज्य और अब दक्षिणी कर्नाटक के अन्य क्षेत्रों में पाए जाने वाले विभिन्न कृषि सामाजिक समूहों को संदर्भित करता है।

लिंगायत सम्प्रदाय 

  • यह संप्रदाय भगवान शिव की स्तुति आराधना करता है। इस सम्प्रदाय की स्थापना 12वीं शताब्दी में  बसवन्ना ने की थी।

DNA प्रोफाइलिंग

   चर्चा में क्यों?

  • पर्यावरण मंत्रालय के द्वारा 270 पालतू हाथियों की DNA प्रोफाइलिंग पूरी की गयी।

प्रमुख बिंदु 

उद्देश्य -  हाथियों की DNA प्रोफाइलिंग का, ' पालतू हाथियों के आधार कार्ड' के रूप में प्रयोग करना। 

  • पालतू हाथियों को इससे पूर्व इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से की गयी गणना या रिकॉर्ड में जगह नहीं दी जाती थी।
  • हाथियों की देखभाल पर ध्यान केंद्रित किया जायेगा तथा उन्हें बेहतर चिकित्सा देखभाल प्रदान की जाएगी।

DNA प्रोफाइलिंग 

  • DNA कणों का ढांचा हर व्यक्ति में एक समान होता है, लेकिन उन्हें गढ़ने वाले बुनियादी अवयवों का क्रम सभी में समान नहीं होता। एक ही प्रजाति के सदस्यों के बीच पहचान ढूंढने के लिए इस अंतर का उपयोग किया जाता है। इस प्रक्रिया को ‘जेनेटिक फिंगरप्रिंटिंग’ और ‘डीएनए प्रोफाइलिंग’ भी कहा जाता है।

प्रोजेक्ट एलिफेंट

  • प्रोजेक्ट टाइगर के विपरीत, प्रोजेक्ट एलिफेंट पालतू हाथियों के कल्याण और स्वास्थ्य को भी देखता है।
  • प्रोजेक्ट एलिफेंट को 1992 में भारत सरकार, पर्यावरण और वन मंत्रालय द्वारा लॉन्च किया गया था, जिससे जंगली एशियाई हाथियों की आबादी के सन्दर्भ में राज्यों द्वारा वन्यजीव प्रबंधन प्रयासों को वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान की जा सके।
  • 2022 में प्रोजेक्ट एलिफेंट के 30 साल के सफल समापन के उपलक्ष्य में, मंत्रालय के द्वारा अप्रैल, 2023 से काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में गज उत्सव- 2023 आयोजित करने का निर्णय लिया गया है।
  • भारत में असम में जंगली हाथियों की दूसरी सबसे बड़ी आबादी है। इसमें बड़ी संख्या में पालतू हाथी भी पाए जाते हैं।
  • पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने भारत में मानव-हाथी संघर्ष (HEC) से निपटने एवं इसके प्रबंधन हेतु प्रमुख हाथी रेंज राज्यों में वन कर्मचारियों का मार्गदर्शन करने हेतु फील्ड मैनुअल लॉन्च किया है।
  • इस मैनुअल को मंत्रालय द्वारा भारतीय वन्यजीव संस्थान (WWI) और वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (WWFI) के साथ मिलकर तैयार किया गया है।
  • इसमें मानव-हाथी संघर्ष को कम करने के लिये विस्तृत एवं सर्वोत्तम तरीके शामिल हैं। यह वन अधिकारियों/विभागों और अन्य हितधारकों को मानव-हाथी संघर्ष (आपात स्थिति में और जब संघर्ष की चुनौती उत्पन्न हो) की घटनाओं में कमी करने में मदद तथा मार्गदर्शन प्रदान के उद्देश्य से तैयार किया गया है।

अन्य प्रमुख बिंदु 

  • भारत, वैश्विक पालतू एशियाई हाथी आबादी का 20% भाग कवर करता है, लेकिन पालतू हाथियों की जनगणना नियमित रूप से नहीं की जाती है।
  • पहली बार पालतू हाथियों की जनगणना 2018 में की गई थी। यह हाथियों की रक्षा और उनके आवास तथा गलियारों में सुधार करने, मानव-हाथी संघर्ष को कम करने एवं उनके कल्याण को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से शुरु की गयी थी।