Aug. 24, 2023

असम राइफल्स

असम राइफल्स

चर्चा में क्यों ?

  • मणिपुर में मैतेई और कुकी जोमी प्रभुत्व वाले क्षेत्रों के बीच "बफर ज़ोन" की व्यवस्था करने का काम करते हुएअसम राइफल्स को मैतेई लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है। क्योंकि उनपर आरोप है कि वे पहाड़ी कुकी समुदाय का समर्थन कर रहे हैं।

विवाद के कारण 

  • हाल ही में, असम राइफल्स को एक विवाद का सामना करना पड़ा क्योंकि उन्होंने मैतेई-प्रभुत्व वाले बिष्णुपुर जिले के मणिपुर राज्य पुलिस कर्मियों को कुकी-ज़ोमी-प्रभुत्व वाले क्षेत्र में जाने से रोक दिया था। 
  • राज्य पुलिस के अनुसार वे "संदिग्ध कुकी उग्रवादियों" का पीछा कर रहे थे, जिन्होंने तीन मैतेई लोगों की हत्या को अंजाम दिया था और असम राइफल्स के जवानों की कार्रवाई ने उन्हें भागने की अनुमति दी। पुलिस ने केंद्रीय बल के खिलाफ भी FIR दर्ज की। 

मणिपुर में असम राइफल्स 

  • मणिपुर में असम राइफल्स की 20 बटालियनें हैं, जिनका प्राथमिक कार्य उग्रवाद-विरोधी और सीमा सुरक्षा है। 
  • असम राइफल्स और सेना को "सीमांत स्थानों" पर रखा गया है, जहां घाटी में मैतेई-प्रभुत्व वाले क्षेत्र पहाड़ियों में कुकी-ज़ोमी-प्रभुत्व वाले क्षेत्रों से मिलते हैं, जिसका उद्देश्य उपद्रवियों को पार करने से रोकना है।
  • असम राइफल्स के खिलाफ "मीरा पैबिस" नाम से मशहूर मैतेई महिला कार्यकर्ताओं ने पूरी घाटी में विरोध प्रदर्शन किया और 'असम राइफल्स वापस जाओ' और 'मेइतीस के खिलाफ भारतीय सुरक्षा बलों का इस्तेमाल बंद करो' के नारे लगाये।
  • मीरा पैबिस और असम राइफल्स के बीच टकराव ने कर्मियों की आवाजाही को रोक दिया है, और शिविरों में राशन और अन्य आपूर्ति ले जाने वाले ट्रकों की आवाजाही भी रोक दी है।

मैतेई लोगो का पक्ष 

  • बिष्णुपुर घटना को लेकर मीरा पैबी समुदाय के सदस्यों के अनुसार असम राइफल्स के जवानो के होते हुए उन्हें अत्याचार का सामना करना पड़ता है।
  • मणिपुर में जमीनी स्थिति की जटिल प्रकृति के कारण, विभिन्न सुरक्षा बलों के बीच सामरिक स्तर पर मतभेद होते रहते हैं लेकिन वर्तमान संघर्ष के अलावा, लंबे समय से चली आ रही शिकायतों और  आप्रवासन के लिए असम राइफल्स को जिम्मेदार ठहराया गया है।

असम राइफल्स का पक्ष 

  • असम राइफल्स के अनुसार पोस्ता की खेती पर कार्रवाई करना राज्य पुलिस की जिम्मेदारी है, लेकिन सीमा पर बड़े पैमाने पर बाड़ नहीं लगाई गई है जिस कारण मुक्त आवाजाही व्यवस्था लागू है। 
  • इस क्षेत्र में पाए जाने वाले अवैध अप्रवासी की जानकारी राज्य और गृह मंत्रालय को सूचित की जाती है, ताकि उनके बायोमेट्रिक्स दर्ज किए जा सकें। 
  • ऐतिहासिक रूप सेअर्धसैनिक बल का घाटी के निवासियों के साथ तनावपूर्ण संबंध रहा है, खासकर जब आतंकवाद विरोधी अभियानों के लंबे वर्षों के दौरान जब सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) लागू था। 
  • मणिपुर में प्रतिरोध के सबसे प्रमुख कृत्यों 2004 में 32 वर्षीय महिला थांगजाम मनोरमा देवी की हत्या के खिलाफ 12 मैतेई महिलाओं ने इंफाल में असम राइफल्स मुख्यालय के सामने नग्न होकर विरोध प्रदर्शन किया था।

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