
Oct. 21, 2022
शुमंग लीला महोत्सव
चर्चा में क्यों ?
हाल ही में 50वाँ अखिल मणिपुर शुमंग लीला महोत्सव 2021-2022, इम्फाल के पैलेस कंपाउंड में मनाया गया ।
शुमंग लीला के बारे में:
- शुमंग' का अर्थ है 'खुला आँगन' और 'लीला' का अर्थ है खेलना अर्थात शुमंग लीला का शाब्दिक अर्थ है "खुले आँगन का खेल"।
- इसकी उत्पत्ति मेती समुदाय के एक त्यौहार लाई हरोबा से हुई है।
- शुमंग लीला मणिपुर में रंगमंच का एक पारंपरिक रूप है जिसमें महिला कलाकारों की भूमिका पुरुष अभिनेताओं द्वारा निभाई जाती है जिन्हें 'नुपी शबी' कहा जाता है।
- यह नाटक के रूप में राजशाही शासन के समय से ही प्रचलित था, लेकिन औपचारिक रूप से इसकी शुरुआत 1895 ई. में हुई।
- यह अपने विषयों और रंगमंच के माध्यम से लोगों में सामाजिक जागरूकता फैलाने के लिए संचार का एक माध्यम है जो न केवल मणिपुर , बल्कि विश्व स्तर पर लोगों के सामाजिक-राजनीतिक-आर्थिक मुद्दों को चित्रित करता है।
- यह अपने प्रदर्शन के माध्यम से मानवतावाद, सहिष्णुता, आत्मविश्वास, भक्ति, सत्य और न्याय को संरक्षित और इन्हें बढ़ावा देने का प्रयास करता है।
- 2017 में, शौग्रकपम हेमंत को शुमंग लीला में उनके योगदान के लिए प्रतिष्ठित संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इस कला में पुरस्कार पाने वाले ये पहले व्यक्ति बने।
लाई हरोबा
- लाई हरोबा प्राचीन काल से मणिपुरी के मेती समुदायों द्वारा मनाया जाने वाला एक आनुष्ठानिक त्यौहार है।
- लाई हरोबा संगीत, नृत्य और अनुष्ठानों के माध्यम से मनाया जाता है।इस महोत्सव के दौरान सांस्कृतिक दल मणिपुरी मार्शल आर्ट, लोक संगीत और लोक नृत्य सहित विभिन्न सांस्कृतिक और पारंपरिक संगीत का प्रदर्शन करते हैं।
- इस पाँच दिवसीय उत्सव का आयोजन संयुक्त रूप से सूचना और सांस्कृतिक मामलों के विभाग, त्रिपुरा सरकार, पुथिबा लाई हरोबा समिति और पुथिबा वेलफेयर एंड कल्चरल सोसाइटी, अगरतला द्वारा किया जाता है।