
13 december 2022
श्री अरबिंदो घोष
चर्चा में क्यों?
- हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 दिसंबर, 2022 को श्री अरबिंदो घोष की 150 वीं जयंती के उपलक्ष्य में एक कार्यक्रम के दौरानश्री अरबिंदो के सम्मान में एक स्मारक सिक्का और डाक टिकट जारी किया।
श्री अरबिंदो घोष के बारे में:
आरंभिक जीवन:
- जन्म- इनका जन्म 15 अगस्त, 1872 को कलकत्ता में सर्जन कृष्ण धन घोष और स्वर्णलता देवी के यहाँ हुआ।
- उन्होंने 1890 में भारतीय सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण की, लेकिन घुड़सवारी परीक्षा में असफल रहे जिसके कारण वे सेवा में प्रवेश नहीं कर सके।
- 1893 में, वह बड़ौदा राज्य सेवा में नियुक्त हुए। उन्होंने यहाँ 13 वर्ष तक कार्य किया और बड़ौदा स्टेट कॉलेज के प्रिंसिपल के पद तक पहुंचे।
- बाद में, उन्होंने बंगाल नेशनल कॉलेज में शामिल होने के लिए बड़ौदा में अपनी नौकरी छोड़ दी।
क्रांतिकारी नेता :
- वे स्वतंत्रता आंदोलन में एक अग्रणी व्यक्ति बनकर उभरे और अंग्रेजी अखबार ‘बंदे मातरम’ के लिए लेख लिखते थे।
- उन्होंने बंगाली साप्ताहिक ‘युगान्तर’ में भी योगदान दिया।
- बाद में, उन्होंने ‘धर्मा’ नाम से साप्ताहिक अंग्रेजी पत्रिका शुरू की, जिसमें उन्होंने स्वराज या ब्रिटिश शासन से आजादी का संदेश देने की कोशिश की।
- वह युवा संगठन ‘अनुशीलन समिति’ के संस्थापकों में से एक थे जिसके माध्यम से इन्होंने ब्रिटिश सरकार के अत्याचारों के खिलाफ विरोध किया था।
- वह 1905 के बंगाल विभाजन के खिलाफ प्रमुख प्रदर्शनकारियों में से एक थे। उन्होंने नागरिकों से ब्रिटिश संस्थानों और वस्तुओं का बहिष्कार करने का आह्वान किया।
- उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1906 के सत्र में भाग लिया। इसमें उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर चार उद्देश्य निर्धारित किए- स्वदेशी, स्वराज, शिक्षा और बहिष्कार।
अलीपुर बम कांड
- क्रांतिकारी और उग्रवादी राष्ट्रवादी नेता अरबिंदो पर अलीपुर बम केस (1906-1910) का आरोप लगाया गया था और उन्हें जेल की सजा सुनाई गई थी।
- उन्होंने कलकत्ता में अलीपुर सेंट्रल जेल में एक साल एकान्त कारावास में बिताया।
- देशबंधु चितरंजन दास ने उनका केस लड़ा जिसमें उन्हें को रिहा कर दिया गया।
पुदुचेरी में आध्यात्मवाद:
- उन्होंने जेल में अपने कार्यकाल के बाद सक्रिय राजनीति छोड़ने का निर्णय किया और स्वयं को आध्यात्मिकता के लिए समर्पित कर दिया।
- 1910 में, उन्होंने ब्रिटिश के अधीन भारतीय क्षेत्र को छोड़कर दक्षिण-पूर्वी भारत में पांडिचेरी (जिसे अब 'पुदुचेरी' कहा जाता है) के फ्रांसीसी उपनिवेश में शरण ली।
- उन्होंने आध्यात्मिक साधकों के एक समुदाय का गठन किया, जो 1926 में श्री अरबिंदो आश्रम के रूप में स्थापित हुआ।
- उन्होंने अपने शेष जीवन को अपने "अभिन्न" योग के विकास के लिए समर्पित कर दिया।
कार्य:
- अरबिंदो के साहित्यिक कार्यों में दार्शनिक व्याखाएं, योग पर कई ग्रंथ, कविता, नाटक और अन्य लेखन शामिल हैं।
उनकी प्रमुख कार्यों में शामिल हैं:
- गीता पर निबंध (1922),
- द लाइफ डिवाइन (1939)
- एकत्रित कविताएं और नाटक (1942),
- योग का संश्लेषण (1948),
- मानव चक्र (1949),
- मानव एकता का आदर्श (1949),
- सावित्री: ए लेजेंड एंड ए सिंबल (1950),
- ऑन द वेद (1956)।
स्रोत- ऑल इंडिया रेडियो
प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना
चर्चा में क्यों?
हाल ही में जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने 'प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना के लिए विशेष केंद्रीय सहायता' की मौजूदा योजना को नया रूप दिया है।
प्रमुख बिंदु
उद्देश्य:
- 4.22 करोड़ (कुल जनजातीय आबादी का लगभग 40%) की आबादी को कवर करने वाले महत्वपूर्ण जनजातीय आबादी वाले गांवों को मॉडल गांव (आदर्श ग्राम) में बदलना।
- अभिसरण दृष्टिकोण के माध्यम से चयनित गांवों के एकीकृत सामाजिक-आर्थिक विकास को प्राप्त करना।
- स्वास्थ्य, शिक्षा, कनेक्टिविटी और आजीविका जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों के बुनियादी ढाँचे में सुधार।
- इसमें केंद्र / राज्य सरकारों की व्यक्तिगत / पारिवारिक लाभ योजनाओं के कवरेज को अधिकतम करना शामिल है।
- यह योजना, विकास के 8 क्षेत्रों में मौजूद अंतराल को कम करने की कल्पना करती है जिनमें से प्रमुख हैं- सड़क संपर्क, दूरसंचार संपर्क, स्कूल, आंगनवाड़ी केंद्र, स्वास्थ्य उप-केंद्र, पेयजल सुविधा।
योजना के संशोधित दिशा-निर्देश
- विभिन्न क्षेत्रों; जैसे- जल और स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण, कृषि गतिविधियों आदि के हिस्से के रूप में सामाजिक-आर्थिक 'निगरानी योग्य संकेतक' में अंतराल को कम के लिए योजना को संशोधित किया गया।
कार्यान्वयन के लिए नया दृष्टिकोण
- 'निगरानी योग्य संकेतक' के संबंध में जरूरतों या अंतराल की पहचान एक आवश्यकता आकलन अभ्यास पर आधारित है।
- 'ग्राम विकास योजना' (VDP) आवश्यकता आकलन अभ्यास के भाग के रूप में एकत्रित आंकड़ों पर आधारित है।
- PMAGY विभिन्न क्षेत्रों में सफलता प्राप्त करने के उद्देश्य से अन्य योजनाओं के संयोजित कार्यान्वयन के लिए मंच प्रदान करती है।
स्रोत- पीआईबी
पर्यावरण शिक्षा, जागरूकता और प्रशिक्षण (EEAT)
चर्चा में क्यों ?
- हाल ही में पर्यावरण शिक्षा योजना को पर्यावरण शिक्षा कार्यक्रम में नया स्वरुप प्रदान किया गया है।
पर्यावरण शिक्षा, जागरूकता और प्रशिक्षण (EEAT) के बारे में:
- यह पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है।
- इसका उद्देश्य पर्यावरण जागरूकता को बढ़ावा देना और पर्यावरण संरक्षण के लिए छात्रों की भागीदारी को सुनिश्चित करना है।
- इस योजना के तहत ग्रीन कॉर्प्स (NGC) प्रोग्राम और नेशनल नेचर कैंपिंग प्रोग्राम (NNCP) नामक दो प्रमुख कार्यक्रम शामिल हैं।
ग्रीन कॉर्प्स (NGC) कार्यक्रम:
- इस योजना के तहत छात्रों को शिक्षित करने और पर्यावरणीय मुद्दों पर जागरूकता फैलाने के लिए स्कूलों और कॉलेजों में 1 लाख से अधिक इको-क्लब बनाए गए हैं।
- इस कार्यक्रम के तहत प्रति जिला 500 स्कूल इको-क्लब और प्रति राज्य 100 कॉलेज इको-क्लब की सीमा के साथ 5,000/- प्रति इको-क्लब की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती थी।
राष्ट्रीय प्रकृति कैम्पिंग कार्यक्रम (NNCP )
- इस योजना के तहत छात्रों के लिए देश के विभिन्न संरक्षित क्षेत्रों/नेचर पार्क/टाइगर रिजर्व में फील्ड विजिट/नेचर कैंप के आयोजन में मदद की गई।
- इन शिविरों ने छात्रों को 'प्रकृति का अनुभव' प्रदान किया जिसने प्रकृति और इसके संरक्षण के प्रति उनकी संवेदनशीलता को प्रोत्साहित किया।
स्रोत- पीआईबी
उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश
चर्चा में क्यों?
- हाल ही में केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के दो अतिरिक्त न्यायाधीशों को स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने की अधिसूचना जारी की है।
उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के बारे में:
- अतिरिक्त न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा संविधान के अनुच्छेद 224 के खंड (1) के तहत की जा सकती है।
- राष्ट्रपति विधिवत योग्य व्यक्तियों को उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीशों के रूप में दो वर्ष से अधिक की अस्थायी अवधि के लिए नियुक्त कर सकता है जब:
- उच्च न्यायालय के कार्य में अस्थायी वृद्धि हुई हो ; या
- उच्च न्यायालय में काम अवशेष हो।
- उच्च न्यायालय के अतिरिक्त या कार्यवाहक न्यायाधीश के रूप में नियुक्त कोई भी व्यक्ति 62 वर्ष की आयु होने के बाद पद धारण नहीं करेगा।
- हालांकि, किसी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को सम्बंधित उच्च न्यायालय में स्थायी न्यायाधीश की रिक्ति उपलब्ध होने पर अतिरिक्त न्यायाधीश की नियुक्ति के लिए सिफारिश नहीं करनी चाहिए।
- स्रोत- ऑल इंडिया रेडियो
न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम
चर्चा में क्यों?
- हाल ही में, भारत सरकार ने वर्ष 2022-23 से 2026-27 के लिए एक न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम की घोषणा की।
- उद्देश्य: इसका उद्देश्य 15 और उससे अधिक आयु वर्ग के गैर-साक्षर लोगों के बीच साक्षरता को बढ़ावा देने में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सहायता करना है।
- घटक: (i) मूलभूत साक्षरता और संख्या पद्धति (ii) महत्वपूर्ण जीवन कौशल, (iii) व्यावसायिक कौशल विकास, (iv) बुनियादी शिक्षा और (v) सतत शिक्षा।
- कवरेज: इस कार्यक्रम का लक्ष्य मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता घटक के तहत पांच वर्षों के दौरान 5.00 करोड़ शिक्षार्थियों के लक्ष्य को कवर करना है।
वित्त पोषण
- इस कार्यक्रम के वित्त पोषण में सभी राज्यों के लिए केंद्र और राज्य का हिस्सा 60:40 के अनुपात में है। उत्तर- पूर्वी क्षेत्र (एनईआर) और हिमालयी राज्यों के लिए यह अनुपात 90:10 है।
- विधानसभा वाले केंद्र शासित प्रदेशों के लिए वित्त पोषण का अनुपात 60:40 है जबकि जम्मू और कश्मीर केंद्रशासित प्रदेश के लिए यह अनुपात 90:10 है
- बिना विधानसभा वाले अन्य सभी केंद्रशासित प्रदेशों के लिए केंद्र सरकार द्वारा 100% वित्त पोषण दिया जायेगा।
स्रोत- पीआईबी