Jan. 7, 2023

05 january 2023

Y-20 समिट 

 

चर्चा में क्यों?

  • युवा मामले और खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर 6 जनवरी को नई दिल्ली में Y-20 समिट इंडिया के कर्टेन रेजर इवेंट में Y-20 समिट की थीम, लोगो और वेबसाइट लॉन्च करेंगे।

Y-20 शिखर सम्मेलन के बारे में: 

  • Y-20, G-20 समूह के लिए आधिकारिक युवा जुड़ाव समूह है, जो दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे उन्नत अर्थव्यवस्थाओं का मंच है।
  • Y-20 एक ऐसी प्रक्रिया है जो वैश्विक चुनौतियों पर चर्चा करने और बहस करने के लिए दुनिया भर के युवा नेताओं को एक साथ लाती है तथा उन नीतिगत सिफारिशों पर सहमत होती है जिन्हें वे G-20 के नेताओं को आगे बढ़ते हुए देखना चाहते हैं।
  • नीतिगत अनुशंसाओं की सूची को एक विज्ञप्ति के रूप में जाना जाता है, जिसे Y-20 शिखर सम्मेलन में सार्वजनिक रूप से घोषित किया जाता है और आधिकारिक G-20 शिखर सम्मेलन के भाग के रूप में वैश्विक नेताओं को प्रस्तुत किया जाता है।
  • भारत पहली बार Y-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है।
  • YOUTH- 20 सम्बद्ध समूह में, भारत का मुख्य फोकस दुनिया भर के युवा नेताओं को एक साथ लाना और बेहतर कल के लिए विचारों पर चर्चा करना तथा कार्रवाई के लिए एक एजेंडा तैयार करना है।
  • भारत की अध्यक्षता के दौरान Y-20 द्वारा की जाने वाली गतिविधियाँ वैश्विक युवा नेतृत्व और साझेदारी पर केंद्रित होंगी।

 

 

ब्रॉडकास्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर एंड नेटवर्क डेवलपमेंट

चर्चा में क्यों?

  • हाल ही में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने 2025-26 तक 2,539.61 करोड़ रुपये की लागत से BIND योजना के संबंध में सूचना और प्रसारण मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दी। 

ब्रॉडकास्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर एंड नेटवर्क डेवलपमेंट (BIND) योजना के बारे में:

  • यह एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है जो प्रसार भारती यानी ऑल इंडिया रेडियो (AIR) और दूरदर्शन (DD) के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
  • यह योजना सार्वजनिक प्रसारक को बेहतर बुनियादी ढांचे के साथ अपनी सुविधाओं का एक बड़ा उन्नयन करने में सक्षम बनाएगी जिससे वामपंथी उग्रवाद, सीमावर्ती और रणनीतिक क्षेत्रों सहित इसकी पहुंच बढ़ेगी तथा दर्शकों को उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री प्रदान की जाएगी।
  • इस योजना का एक अन्य प्रमुख प्राथमिकता वाला क्षेत्र घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दर्शकों दोनों के लिए उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री का विकास करने के साथ- साथ अधिक चैनलों को समायोजित करने के लिए DTH प्लेटफॉर्म की क्षमता के उन्नयन द्वारा दर्शकों के लिए विविध सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करना है।
  • ओबी वैन की खरीद तथा डीडी और आकाशवाणी स्टूडियो को HD-रेडी बनाने के लिए डिजिटल अपग्रेडेशन को भी परियोजना के हिस्से के रूप में किया जाएगा।
  • प्रसारण अवसंरचना के आधुनिकीकरण और संवर्धन की परियोजना में प्रसारण उपकरणों की आपूर्ति और स्थापना से संबंधित निर्माण तथा सेवाओं के माध्यम से अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित करने की भी क्षमता है।
  • यह योजना देश में AIR तथा FM ट्रांसमीटरों के कवरेज को क्रमशः 59% और 68% से बढ़ाकर भौगोलिक क्षेत्र के हिसाब से 66% और आबादी के हिसाब से 80% कर देगी।
  • इसमें दूरस्थ, आदिवासी, वामपंथी उग्रवाद और सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को 8 लाख से अधिक डीडी फ्री डिश एसटीबी के मुफ्त वितरण की भी परिकल्पना की गई है।

साइलेंट वैली नेशनल पार्क

चर्चा में क्यों?

  • हाल ही में दिसंबर के अंतिम सप्ताह में साइलेंट वैली नेशनल पार्क में किए गए एक पक्षी सर्वेक्षण में 141 प्रजातियों की पहचान की गई, जिनमें से 17 नई थीं।

प्रमुख बिंदु 

  • इस साल के सर्वेक्षण ने साइलेंट वैली में पहले पक्षी सर्वेक्षण की 30वीं वर्षगांठ को चिह्नित किया।
  • ब्राउन वुड आउल, बैंडेड बे कोयल, मालाबार वुडश्रीक, व्हाइट-थ्रोटेड किंगफिशर, इंडियन नाइटजर, जंगल नाइटजर और लार्ज कोयल श्राइक उन 17 प्रजातियों में शामिल हैं, जिन्हें साइलेंट वैली में पहचाना गया है।

साइलेंट वैली नेशनल पार्क:

  • यह केरल के शेष अंतिम वर्षावन का एक सुंदर प्रतिनिधित्व करता है। साइलेंट वैली नेशनल पार्क के जंगल दुनिया के कुछ सबसे प्राचीन, अनोखे और अत्यधिक उत्पादक जंगल हैं। 
  • साइलेंट वैली नीलगिरी के दक्षिण-पश्चिमी छोर पर स्थित है।
  • कुन्थिपुझा नामक एक बारहमासी नदी पार्क के पश्चिमी भाग से होकर उत्तर से दक्षिण दिशा की ओर बहती हुई अंत में भरतपुझा में मिल जाती है।
  • जीव: साइलेंट वैली पार्क कई अत्यधिक लुप्तप्राय प्रजातियों; जैसे शेर-पूंछ वाले मकाक, बाघ, गौर, तेंदुआ, जंगली सूअर, तेंदुआ, भारतीय सिवेट और सांभर के लिए जाना जाता है।
  • पार्क की सीमाओं के भीतर रहने वाले स्वदेशी जनजातीय समूहों में इरुलास, कुरुम्बास, मुदुगास और कट्टुनाईकर शामिल हैं।

राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन

चर्चा में क्यों?

  • हाल ही में, भारत के प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन को मंजूरी दी है।

राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के बारे में:

  • मिशन के लिए प्रारंभिक परिव्यय 19,744 करोड़ रुपये होगा, जिसमें साइट कार्यक्रम के लिए 17,490 करोड़ रुपये, पायलट परियोजनाओं के लिए 1,466 करोड़ रुपये R&D  के लिए 400 करोड़ रुपये और 200 करोड़ रुपये शामिल हैं। 

उद्देश्य: 

  • ग्रीन हाइड्रोजन और इसके डेरिवेटिव के उत्पादन, उपयोग और निर्यात के लिए भारत को एक वैश्विक केंद्र बनाना।
  • नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय संबंधित घटकों के कार्यान्वयन के लिए योजना एवं दिशानिर्देश तैयार करेगा।

योजना के घटक 

ग्रीन हाइड्रोजन ट्रांजिशन प्रोग्राम के लिए रणनीतिक हस्तक्षेप (SIGHT): इसके तहत दो अलग-अलग वित्तीय प्रोत्साहन तंत्र प्रदान किए जाएंगे-

  • इलेक्ट्रोलाइज़र के घरेलू विनिर्माण को लक्षित करना
  • ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन
  • यह मिशन उभरते अंतिम उपयोग क्षेत्रों और उत्पादन मार्गों में पायलट परियोजनाओं का भी समर्थन करेगा।
  • बड़े पैमाने पर उत्पादन और/या हाइड्रोजन के उपयोग को समर्थन देने में सक्षम क्षेत्रों की पहचान की जाएगी और उन्हें हरित हाइड्रोजन हब के रूप में विकसित किया जाएगा।
  • मिशन के तहत R&D (रणनीतिक हाइड्रोजन इनोवेशन पार्टनरशिप - SHIP) के लिए एक सार्वजनिक-निजी भागीदारी ढांचे की सुविधा प्रदान की जाएगी। 
  • मिशन के तहत एक समन्वित कौशल विकास कार्यक्रम भी चलाया जाएगा।

ग्रीन हाइड्रोजन

  • यह एक इलेक्ट्रोलाइज़र का उपयोग करके पानी को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में विभाजित करके उत्पादित गैस है जिसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से उत्पन्न बिजली द्वारा संचालित किया जा सकता है।

कैसे दीमकों का व्यवहार वैश्विक ऊष्मन से जुड़ा हुआ है?

चर्चा में क्यों?

  • साइंस में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, पृथ्वी के गर्म होने से दुनिया भर में दीमक तेजी से फैलेगी। बदले में, यह वैश्विक तापमान में और वृद्धि का कारण बन सकता है।

प्रमुख बिंदु 

  • अध्ययन में यह पाया गया है कि दीमक गर्म परिस्थितियों में लकड़ी को बहुत अधिक दर से विघटित करते हैं।
  • तापमान में प्रत्येक 10 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि के लिए, उनकी अपघटन गतिविधि लगभग सात गुना बढ़ जाती है।
  •  
  • दुनिया भर में दीमकों की लगभग 3,000 प्रजातियां हैं, जिनमें पौधों तथा मिट्टी का उपभोग करने वाली प्रजातियाँ भी शामिल है। हालांकि, सबसे अधिक लकड़ी खाने वाले दीमक हैं।