Jan. 11, 2023

भारत में विदेशी विश्वविद्यालयों का परिसर

प्रश्न पत्र- 2 (सामाजिक न्याय)

स्रोत- द इंडियन एक्सप्रेस  

 चर्चा में क्यों ?

  • विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा सार्वजनिक किए गए मसौदा नियमों के अनुसार विदेशी विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों को जल्द ही भारत में परिसर स्थापित करने की अनुमति दी जा सकती है। 

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) द्वारा पारित मसौदा 

  • यह प्रस्ताव, शीर्ष 500 वैश्विक रैंकिंग में किसी विदेशी विश्वविद्यालय या अपने गृह क्षेत्राधिकार में प्रतिष्ठित विदेशी शैक्षणिक संस्थान को भारत में परिसर स्थापित करने के लिए UGC में आवेदन करने की अनुमति देता है।
  • ऐसे परिसर, घरेलू और विदेशी छात्रों को प्रवेश देने के लिए अपनी स्वयं की प्रवेश प्रक्रिया और मानदंड विकसित कर सकते हैं।
  • उन्हें अपनी शुल्क संरचना तय करने की स्वायत्तता भी होगी, साथ ही उन्हें भारतीय संस्थानों पर लगाए गए किसी भी कैप का सामना नहीं करना पड़ेगा। किन्तु शुल्क "उचित और पारदर्शी" होनी चाहिए। 
  • उन्हें भारत और विदेश से फैकल्टी और स्टाफ की भर्ती करने की भी स्वायत्तता होगी। हालाँकि, ऐसे विश्वविद्यालय और कॉलेज "अध्ययन के ऐसे किसी भी कार्यक्रम की पेशकश नहीं कर सकते हैं जो भारत के राष्ट्रीय हित या भारत में उच्च शिक्षा के मानकों को खतरे में डालता है।"
  • उन्हें धन की सीमा पार आवाजाही  के लिये अनुमति लेनी होगी।

विदेशी विश्वविद्यालयों की स्थापना से लाभ

  • ये वैश्विक शिक्षा क्षेत्र में एक किफायती मूल्य के खिलाड़ी के रूप में भारत की स्थिति को सशक्त बनाते हैं। विदेशी उच्च शिक्षा संस्थानों के कैंपस ग्लोबल साउथ के छात्रों को आकर्षित करेंगे। 
  • मसौदा नियम चार लाख से अधिक भारतीय छात्रों को अधिक व्यवहार्य विकल्प देते हैं, जो हर साल अन्तर्राष्ट्रीय शिक्षा के लिए विदेश जाते हैं तथा जो विदेश जाने की योजना बना रहे हैं।
  • विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 के प्रावधानों और इसके नियमों के माध्यम से विदेशी परिसरों की स्थापना की सुविधा प्रदान की जाएगी।
  • उन्हें कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत एक कंपनी के रूप में परिसर का संचालन तथा  सीमित देयता भागीदारी अधिनियम, 2008 के माध्यम से एक मौजूदा भारतीय संस्था के साथ एक संयुक्त उद्यम के रूप में विश्वविद्यालय या शिक्षा में संचालन के लिए भारत में एक शाखा कार्यालय स्थापित करना होगा । 
  • विदेशी उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए सबसे बड़ा प्रोत्साहन यह है कि उन्हें कोई कॉर्पस फंड रखने की आवश्यकता नहीं है और वे अपने फंड को मूल विश्वविद्यालय में प्रत्यावर्तित कर सकते हैं।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) देश में विदेशी परिसरों और उच्च शिक्षा की अनुमति देने के बारे में क्या कहती है?

  • NEP के अनुसार विश्व के शीर्ष 100 विश्वविद्यालयों को विधायी ढाँचे के माध्यम से भारत में संचालित करने की सुविधा प्रदान की जाएगी। 
  • "मसौदा नियम NEP के पाठ का पालन नहीं करते हैं क्योंकि जहाँ NEP एक विधायी ढांचा बनाने की बात करती है, वहीं सरकार नियामक मार्ग का अनुसरण कर रही है। 
  • NEP शीर्ष 100 विश्वविद्यालयों को आकर्षित करने का भी प्रस्ताव करती है, जबकि UGC का मसौदा शीर्ष 500 वैश्विक रैंकिंग वाले या अपने देश में प्रतिष्ठित माने जाने वाले विश्वविद्यालयों को अनुमति देता है।
  • भारत को वैश्विक शिक्षा गंतव्य के रूप में बढ़ावा देने का उद्देश्य स्पष्ट रूप से विदेशी मुद्रा के नुकसान को बचाना है। अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में चीनी छात्रों के बाद भारतीय विदेशी छात्रों की सबसे बड़ी श्रेणी है। विदेश मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 2022 में करीब 13 लाख छात्र विदेश में पढ़ रहे थे; और आरबीआई के अनुसार, वित्त वर्ष 2021-2022 में छात्रों के विदेश जाने के कारण विदेशी मुद्रा में 5 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ। 
  • NEP "भारत को किफायती कीमत पर प्रीमियम शिक्षा प्रदान करने वाले वैश्विक अध्ययन गंतव्य के रूप में प्रचारित करने के लिए कहती है जिससे भारत को ‘विश्व गुरु’ के रूप में अपनी भूमिका को बहाल करने में मदद मिलेगी"।

चुनौतियां –

  • विदेशी शिक्षण संस्थान शिक्षण क्षेत्र में महंगाई ला सकते हैं। 
  • शीर्ष विश्वविद्यालय परिसरों की स्थापना लागत परियोजना को अव्यावहारिक बनाती है। मूल विश्वविद्यालय और इसके अन्तर्राष्ट्रीय परिसर दोनों में समान शैक्षणिक मानकों का दृष्टिकोण एक आदर्श आकांक्षा मात्र है। हालांकि, वास्तविकता यह है कि अन्तर्राष्ट्रीय कैंपस दूसरे दर्जे का विकल्प बनकर रह जायेंगे क्योंकि विदेशी परिसरों में शिक्षण और अनुसंधान में गुणवत्ता तथा उत्कृष्टता उनके प्राथमिक स्थान से मेल नहीं खा सकती है।
  • कोविड के बाद वैश्विक उच्च शिक्षा का परिदृश्य नाटकीय रूप से बदल गया है। ईंट और मोर्टार अन्तर्राष्ट्रीय परिसरों के विचार ने ठोस साझेदारी, छात्र और संकाय गतिशीलता, विनिमय और विसर्जन कार्यक्रम, संयुक्त शिक्षण और अनुसंधान के अवसर, सहयोगी सम्मेलन और प्रकाशन तथा ऑनलाइन और मिश्रित डिग्री कार्यक्रमों के विकास का मार्ग प्रशस्त किया है।

सुझाव 

  • भारत उच्च शिक्षा के लिए एक वैश्विक गंतव्य बनना चाहता है, इस महत्वाकांक्षा का समर्थन करने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे पर बल देना होगा। 
  • वे भारतीय, जो विदेश में रहने के लिए वहाँ जाने की आकांक्षा रखते हैं,उन्हें रोकना मुश्किल है। उन लोगों पर विशेष  ध्यान देना होगा जो कम कीमत पर देश के भीतर विदेशी शिक्षा चाहते हैं।
  • पहले से उपलब्ध बुनियादी ढांचे से बेहतर बुनियादी ढांचे का निर्माण और रखरखाव करना चाहिए ।
  • हमें यह भी सुनिश्चित करने में सक्षम होना होगा कि हमारे द्वारा प्रदान किए जाने वाले बुनियादी ढांचे, शिक्षण और संकाय की गुणवत्ता को भी ऑस्ट्रेलियाई मानकों का पालन करना होगा।
  • विकसित देशों के विश्वविद्यालयों के अंतर्राष्ट्रीय परिसरों के निर्माण को सक्षम करने के बजाय, इसे अपने आप में एक वैश्विक उच्च शिक्षा गंतव्य बनने पर ध्यान देना चाहिए।
  • हमें 2,000 साल पहले उस नेतृत्व की भूमिका को ग्रहण करना चाहिए जब नालंदा, तक्षशिला, वल्लभी और विक्रमशिला ने दुनिया भर के शिक्षकों और छात्रों को आकर्षित किया था। हम कम कीमत पर उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने में वास्तव में वैश्विक नेता बन सकते हैं।
  • हमें नियामक निकायों की भूमिका को कम करते हुए अधिक स्वायत्तता, संसाधनों और बेहतर शासन संरचनाओं के साथ देश भर में अधिक सार्वजनिक और निजी विश्वविद्यालयों का निर्माण करना चाहिए।
  • भारतीय विश्वविद्यालयों को अधिक संसाधन प्रदान करने चाहिए। भारतीय विश्वविद्यालयों को संसाधनों की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। NEP ने अतिरिक्त संसाधन आवंटित करने के लिए उच्च शिक्षा और एक राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन में 6 % निवेश की परिकल्पना की है।
  • यदि भारत को विकासशील देशों के छात्रों के लिए एक लोकप्रिय अंतर्राष्ट्रीय गंतव्य बनना है तो शिक्षा के क्षेत्र में सुधारों की आवश्यकता होगी। सरकार को अपनी वीज़ा प्रक्रियाओं और FRRO पंजीकरण प्रक्रियाओं में सुधार करना होगा।

 

प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न

प्र. सैडलर आयोग के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये :

  1. इसने हाई स्कूल और व्यावसायिक शिक्षा की शिक्षा व्यवस्थाओं पर ध्यान केंद्रित किया।
  2.  यह ऑनर्स पाठ्यक्रम शुरू करने पर केंद्रित था, जो उत्तीर्ण पाठ्यक्रमों से अलग होता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?

(a) केवल 1

(b) केवल 2

(c) 1 और 2 दोनों

(d) न तो 1 और न ही 2

मुख्य परीक्षा प्रश्न

प्र.- भारत, विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में चुनौतियों का सामना करता है।, इस कथन के आलोक में नई शिक्षा नीति के महत्व की विवेचना कीजिए। (250 शब्द)