
प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न
प्र.- निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए –
1. विदथ आर्यों की सबसे पुरानी संस्था थी।
2. ईशान, समिति के अध्यक्ष होते थे।
3. ऋग्वैदिक काल में बलि एक नियमित कर था।
उपर्युक्त में से कौन सा/से कथन सत्य है /हैं ?
(a) केवल 2
(b) 1 और 3
(c) केवल 1
(d) 1 और 2
उत्तर – (d)
व्याख्या - ऋग्वैदिक काल में राज्य क्षेत्र पर आधारित न होकर, जन पर आधारित था। राजा को ‘जनस्य गोपा’ कहा जाता था। कबीले के लोग स्वेच्छा से राजा को एक कर देते थे। इसे बलि कहा जाता था।
कुछ कबीलाई संस्थायें अस्तित्व में थीं; जैसे - सभा, समिति, विदथ और गण। अथर्ववेद के अनुसार सभा और समिति प्रजापति की दो पुत्रियाँ थी। समिति संभवतः राजा का निर्वाचन करती थी। समिति के अध्यक्ष को पति या ईशान कहा जाता था।
मैत्रायणी संहिता के अनुसार सभा में स्त्रियाँ भाग नहीं लेती थीं। सभा में भागीदारी करने वाले को ‘सभेय’ कहा जाता था। इसके सदस्य श्रेष्ठजन होते थे, जिन्हें सुजात कहा जाता था।