
प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न
प्रश्न – माध्यमिका और योगाचार निम्नलिखित में से किससे संबंधित दार्शनिक परंपराएं हैं?
(a) तंत्रवाद
(b) वेदांत
(c) जैन धर्म
(d) बौद्ध धर्म
उत्तर –(d)
व्याख्या- माध्यमिका और योगाचार बौद्ध धर्म की महायान शाखा से सम्बंधित सिद्धांत हैं।
माध्यमिका (शून्यवाद): इस मत के प्रवर्तक नागार्जुन थे जिनकी प्रसिद्ध कृति माध्यमिककारिका है। इसे सापेक्षवाद भी कहा जाता है। इस दर्शन के अनुसार प्रत्येक वस्तु किसी न किसी कारण से उत्पन्न हुई है, अतः वह शून्य है। नागार्जुन ने प्रतित्यसमुत्पाद को भी शून्य माना है।
विज्ञानवाद (योगाचार): इस मत का विकास ईसा की तीसरी सदी में मैत्रेयनाथ द्वारा किया गया। आगे उनके शिष्य असंग ने इसे और स्पष्टता दी। कालांतर में वसुबंधु, दिङ्नाग तथा धर्मकीर्ति इस दर्शन से जुड़ गये। यह मत चित्त अथवा विज्ञान की ही एकमात्र सत्ता स्वीकार करता है। इस मत में योगाभ्यास तथा आचरण पर विशेष बल दिया गया है। असंग द्वारा लिखित सूत्रलंकार इस धर्म से संबंधित प्राचीनतम ग्रंथ है। इसका सबसे महत्त्वपूर्ण ग्रंथ लंकावतारसूत्र है।