Nov. 22, 2022

21 november 2022

 


विक्रम-एस रॉकेट लॉन्च: भारत का पहला निजी तौर पर विकसित रॉकेट

चर्चा में क्यों ?

हाल ही में विक्रम-एस, भारत का पहला निजी तौर पर विकसित रॉकेट श्रीहरिकोटा में इसरो के लॉन्चपैड से प्रक्षेपित किया गया । विक्रम-एस एक छोटा उपग्रह प्रक्षेपण यान (SSLV) है।

विक्रम –एस के बारे में 

  • अंतरिक्ष प्रक्षेपण बाजार में भारतीय निजी क्षेत्र की पहली प्रविष्टि का कोडनाम प्रारंभ है।
  • हैदराबाद स्थित स्काईरूट एयरोस्पेस द्वारा विकसित भारत का पहला लॉन्च वाहन विक्रम-एस एक उप-कक्षीय उड़ान में 3 ग्राहक उपग्रह (2 भारतीय और 1 विदेशी) ले जाएगा।
  • यह विक्रम साराभाई के नाम पर एकल-चरण ठोस-ईंधन वाहन है।
  • यह उप-कक्षीय उड़ान में कक्षीय वेग की तुलना में धीमी गति से यात्रा करता है अर्थात यह बाहरी अंतरिक्ष तक पहुँचने के लिए पर्याप्त तेज़ है परन्तु पृथ्वी के चारों ओर एक कक्षीय आवेग हेतु तेज़ नहीं है।
  • इसके इंजन का नाम कलाम-80, पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर रखा गया है।

महत्व:

  • विक्रम-एस, कलाम-80 और 3डी प्रिंटेड पुर्जों का उपयोग विक्रम श्रृंखला के अंतरिक्ष प्रक्षेपण वाहनों में प्रौद्योगिकी के परीक्षण और प्रमाणन के लिए किया जाएगा।
  • कंपनी 3 विक्रम रॉकेट विकसित कर रही है जो विभिन्न ठोस और क्रायोजेनिक ईंधन का उपयोग करेंगे जिसमें कार्बन समग्र कोर संरचना होगी। निकट भविष्य में इसरो के SSLV का निर्माण और संचालन निजी कंपनियों द्वारा किए जाने की उम्मीद है।
  • अंतरिक्ष कार्यक्रम के विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के लिए लगभग 100 स्टार्ट-अप्स ने इसरो के साथ पंजीकरण कराया है।

आर्टेमिस -1 चंद्र मिशन

चर्चा में क्यों ?

हाल ही में नासा द्वारा आर्टेमिस-1 मिशन लॉन्च किया गया,जिसका उद्देश्य मानव मिशनों से पूर्व चंद्रमा तक की प्रत्येक घटना का परीक्षण करना है।

आर्टेमिस-1 मिशन के बारे में:

  • आर्टेमिस 1, पहला जाँचकर्त्ता मिशन-1 एवं पहली नियोजित बिना चालक दल वाली परीक्षण उड़ान है, जिसका उद्देश्य अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा  से वापस पृथ्वी पर लाना है।
  • महत्व: आर्टेमिस -1 SLS - ओरियन चंद्रमा से वापसी के लिए एक मिशन है।
  • आर्टेमिस -2 (2024)में एक चालक दल की उड़ान होगी लेकिन यह दल चंद्रमा पर नहीं उतरेगा।
  • आर्टेमिस-3 (2026) चाँद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा।
  • यह एजेंसी के स्पेस लॉन्च सिस्टम (SLS) रॉकेट की पहली उड़ान भी होगी, जो अंतरिक्ष में भेजा गया अब तक का सबसे शक्तिशाली रॉकेट इंजन होगा।
  • चंद्रमा के अन्य मिशन: लूना 2 (USSR), अपोलो 11 (USA ), चंद्रयान 1 और 2 (भारत )

रेजांग ला की लड़ाई

चर्चा में क्यों ?

हाल ही में 18 नवंबर को रेजांग ला की लड़ाई की 60वीं वर्षगाँठ मनाई गयी। 1962 के युद्ध में इस दिन 13 कुमाऊं कंपनियों ने लद्दाख के ऊँचे हिमालय में चीनी सेना के खिलाफ अपना वीरतापूर्ण आखिरी मोर्चा लड़ा था।

रेजांग-ला की अवस्थिति

  • यह भारत के लद्दाख़ क्षेत्र की चुशूल घाटी के दक्षिण-पूर्व में स्थित पहाड़ी दर्रा है।
  • यह स्पैंग्गुर गैप के दक्षिण में 11 मील की दूरी पर है।
  • रेजांग ला के उत्तर-पश्चिम में लगभग 2-3 किमी. की दूरी पर रेचिन ला है, जो वास्तविक नियंत्रण रेखा पर स्थित है।
  • भारतीय रक्षा मंत्री द्वारा ‘रेजांग ला’ युद्ध की वर्षगाँठ पर पुनर्निर्मित ‘रेजांग ला वॉर मेमोरियल’ का उद्घाटन किया गया।

गैर-निष्पादित आस्तियां

चर्चा में क्यों ?

हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक ने  पिछले 5 वर्षों के राइट-ऑफ़ में 10 लाख करोड़ रुपये द्वारा बैंकों को अपनी NPA को कम करने में सक्षम बनाया है।

क्या है गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (NPA)?

  • एक ऋण या अग्रिम है जिसके अंतर्गत मूलधन या ब्याज भुगतान 90 दिनों की अवधि के भीतर लौटाना होता है,न लौटाने पर वह  NPA कहलाता है।
  • बैंकों को NPA को घटिया, संदिग्ध और हानि वाली संपत्ति में वर्गीकृत करने की आवश्यकता है।
  • घटिया संपत्तियां:ऐसी संपत्तियां, जो 12 महीने से कम या उसके बराबर की अवधि के लिए NPA बनी हुई हैं।
  • संदिग्ध संपत्ति:एक संपत्ति को संदिग्ध के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा यदि वह 12 महीने की अवधि के लिए घटिया श्रेणी में बनी हुई है।
  • नुकसान की संपत्ति: भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार, नुकसान की संपत्ति को गैर-संग्रहणीय और इतने कम मूल्य का माना जाता है कि एक बैंक योग्य संपत्ति के रूप में इसकी निरंतरता की गारंटी नहीं है, हालांकि कुछ बचाव या वसूली मूल्य हो सकता है।

राईट ऑफ क्या है ?

  • किसी ऋण के खराब हो जाने के बाद, वसूली की संभावना कम होने पर बैंक उसे बट्टे खाते में डाल देता है। यह बैंक को न केवल अपने NPA को कम करने में मदद करता है, बल्कि करों को भी कम करता है क्योंकि बट्टे खाते में डाली गई राशि को कर से पहले लाभ से कटौती करने की अनुमति है।
  • एक बार वसूल हो जाने के बाद, उन ऋणों के लिए किए गए प्रावधान बैंकों के लाभ और हानि खाते में वापस आ जाते हैं।

कृषि पर कोरोनिविया संयुक्त कार्य

चर्चा में क्यों ?

हाल ही में भारत ने जलवायु परिवर्तन प्रयास के तहत कृषि पर कोरोनिविया संयुक्त कार्य के रूप में संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन के तहत( जिसमें कृषि क्षेत्र में ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने के प्रयासों का विस्तार करने की माँग ) चर्चाओं पर आपत्ति जताई है।

कृषि पर कोरोनिविया

  • इसका उद्देश्य जलवायु परिवर्तन से निपटने में कृषि की अनूठी क्षमता को पहचानना है। इसे 2017 में फिजी में UNFCCC पार्टियों के 23वें सम्मेलन (COP) में कृषि पर चर्चा को आगे बढ़ाने की एक नई प्रक्रिया के रूप में स्थापित किया गया था।
  • यह संयुक्त कार्य मिट्टी, पोषक तत्वों के उपयोग, पशुधन, पानी ,अनुकूलन का आकलन करने के तरीकों और कृषि क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन के सामाजिक-आर्थिक और खाद्य सुरक्षा आयामों से संबंधित 6 विषयों को संबोधित करेगा।

क्रिप्टो करेंसी

चर्चा में क्यों ?

हाल ही में बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स के एक शोध-पत्र के अनुसार, 73% से अधिक क्रिप्टो मुद्रा उपयोगकर्त्ताओं को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा है।

प्रमुख बिंदु 

  • भारत को ,US और तुर्की के बाद क्रिप्टो एक्सचेंज ऐप्स डाउनलोड में तीसरा स्थान प्राप्त है, परन्तु प्रति व्यक्ति डाउनलोड के मामले में, भारत सबसे कम डाउनलोड वाले देशों में शामिल है।
  • कम डाउनलोड का प्रमुख कारण भारत की विशाल आबादी और क्रिप्टो जागरूकता का ज्यादातर शहरी क्षेत्र तक सीमित होना है। वहीं दूसरी ओर प्रति व्यक्ति डाउनलोड के मामले में यू.एस., कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और यू.के. जैसे देश बहुत आगे हैं।
  • भारत उन देशों में भी शामिल है जहाँ प्रति 1 लाख लोगों पर सबसे कम औसत मासिक ऐप का उपयोग होता है।

 

क्रिप्टो-करेंसी क्या है?

  • क्रिप्टोकरेंसी, डिजिटल या आभासी मुद्राएँ हैं जिनमें एन्क्रिप्शन तकनीकों का उपयोग करके धन के हस्तांतरण को सत्यापित किया जाता है। ये मुद्राएं एक केंद्रीय बैंक से इतर स्वतंत्र रूप से संचालित होती हैं।
  • क्रिप्टोकरेंसी में अंतर्निहित आर्थिक लेन-देन विकेंद्रीकृत है।पहली और सबसे प्रसिद्ध क्रिप्टोकरेंसी, बिटकॉइन को 2009 में पेश किया गया था।

तकनीकी:

  • दुनिया की अधिकांश क्रिप्टोकरेंसी, ब्लॉकचेन तकनीक पर निर्भर हैं।
  • ब्लॉकचेन पीयर-टू-पीयर नेटवर्क पर एक विकेन्द्रीकृत और वितरित डेटाबेस है। यह नेटवर्क पर प्रत्येक नोड (कंप्यूटर) को शामिल करने वाली सर्वसम्मति तंत्र के आधार पर काम करता है।