
Jan. 30, 2023
भारत का भूजल शासन बेहतर स्थिति में है
प्रश्न पत्र- 3 (पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी)
स्रोत- द हिन्दू
चर्चा में क्यों ?
- भारत में भूजल की स्थिति के बेहतर और वैज्ञानिक प्रबंधन के लिए सरकार के हस्तक्षेप एक बहुमूल्य संसाधन के प्रबंधन में सहकारी संघवाद की भावना को दर्शाते हैं।
भारत की स्थिति
- दुनिया की लगभग 18% आबादी के साथ भारत, कुल भौगोलिक क्षेत्र के लगभग 2.4% भाग को कवर करता है और कुल जल संसाधनों का 4% उपभोग करता है।
- विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार,भारत सबसे बड़ा भूजल उपयोगकर्त्ता है। यहाँ तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और जनसंख्या देश के भूजल संसाधनों पर दबाव डाल रही है।
- एक विशाल देश के रूप में, भारत के पास अलग-अलग हाइड्रो-जियोलॉजिकल सेटिंग्स हैं।
- संयुक्त राष्ट्र विश्व जल दिवस 2022 का विषय 'भूजल, अदृश्य दृश्य बनाना' था, यह दुनिया भर में जल संसाधन को दिए गए महत्व का प्रतिबिंब है।
- भूजल भारत की कृषि, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पेयजल सुरक्षा की रीढ़ है, जो देश के लगभग 80% पीने के पानी और इसकी दो-तिहाई सिंचाई जरूरतों को पूरा करता है।
केंद्र द्वारा किये गए प्रयास
- भूजल अवलोकन कुओं के नेटवर्क को बढ़ाना।
- वास्तविक समय की निगरानी के लिए डिजिटल जल स्तर रिकॉर्डर स्थापित करना।
- भूजल गुणवत्ता की आवधिक निगरानी।
- ऐप जलदूत
- नवीनतम आकलन के अनुसार, 2017 की तुलना में 'अतिदोहित' भूजल इकाइयों की संख्या में 3% की कमी और 'सुरक्षित' श्रेणी की इकाइयों की संख्या में 4% की वृद्धि हुई है
- जलभृत मानचित्रण और डेटा प्रसार।
- उद्योगों द्वारा भूजल निष्कर्षण का बेहतर नियमन।
- सहभागी भूजल प्रबंधन।
- समय-समय पर भूजल संसाधन मूल्यांकन को बढ़ावा देना।
जल संसाधन मंत्रालय
- एक रिपोर्ट के अनुसार, कुल वार्षिक भूजल पुनर्भरण ( भूजल के रूप में परिभाषित) पूरे देश के लिए 437.60 बिलियन क्यूबिक मीटर (BCM) है, जिसमें से निकाली गई मात्रा 239.16 BCM थी, जो पुनर्भरण पर एक अच्छा संकेत है।
- भारत के गतिशील भूजल संसाधनों पर राष्ट्रीय संकलन- 2022 के आकलन से पता चलता है कि भूजल निष्कर्षण 2004 के बाद से सबसे कम है, जब यह 231 BCM था।
- अनुमान के लिए उपयोग किए गए भूजल ब्लॉकों, या कुओं की संख्या पिछले वर्षों की तुलना में अधिक थी और यह पता चला है कि उन ब्लॉकों का प्रतिशत,जहाँ भूजल 'गंभीर रूप से' कम था, लगभग 14% था, या मोटे तौर पर पिछले वर्षों के समान था।
- पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गंभीर भूजल स्तर वाले सबसे अधिक ब्लॉक हैं, जहाँ पुनःपूर्ति योग्य प्रणालियों के बावजूद अंधाधुंध भूजल निकासी ने जल तालिका को नीचे गिरा दिया है।
- राष्ट्रीय जल नीति के एक मसौदे में पानी की खपत वाली फसलों से उपयोग में बदलाव और औद्योगिक उद्देश्यों के लिए मीठे पानी पर पुनर्नवीनीकरण को प्राथमिकता देने की सिफारिश की गई है।
- 2019 में, जल शक्ति मंत्रालय का निर्माण किया गया जो मांग और आपूर्ति प्रबंधन पर विशेष ध्यान देने के साथ जल संसाधनों के प्रबंधन को गति देने के लिए प्रतिबद्ध है। समुदाय की भागीदारी के महत्व को महसूस करते हुए, संपत्ति निर्माण, वर्षा जल संचयन ('कैच द रेन' अभियान) और व्यापक जागरूकता अभियान के माध्यम से जन शक्ति को जल शक्ति में बदलने के लिए बाद में जल शक्ति अभियान शुरू किया गया था।
एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण
- भूजल के प्रभावी प्रबंधन और नियमन के लिए अटल भूजल योजना (ABY) और जलभृत प्रबंधन पर राष्ट्रीय परियोजना (NAQUIM) प्रारंभ की गईं। "सहभागी भूजल प्रबंधन" के लक्ष्य के साथ, ABY प्रोत्साहन द्वारा संभव किए गए व्यवहार परिवर्तन को विकसित करना चाहती है।
- NAQUIM, जो पूरा होने के करीब है, प्रामाणिक डेटा एकत्र करने और सूचित निर्णय लेने में सक्षम बनाने के लिए उप-सतही जल धारण करने वाली भूगर्भीय संरचनाओं (एक्विफर) के मानचित्रण की परिकल्पना करती है।
- भारत में लगभग 65,025 निगरानी स्टेशन हैं, जिनमें 7,885 स्वचालित स्टेशन शामिल हैं। इनके द्वारा उच्च भूजल निकालने वाले औद्योगिक और शहरी समूहों तथा भूजल तनाव वाले क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
- अन्य गुणवत्ता संबंधी अभ्यासों के अलावा, भारी धातुओं की उपस्थिति की जाँच के लिए निश्चित स्थानों से नमूने प्राप्त किए जाते हैं।
- गतिशील भूजल आकलन अब सालाना किया जाएगा और मूल्यांकन पद्धति को संशोधित करने के लिए एक भूजल आकलन समिति गठित की जाएगी। साथ ही एक सॉफ्टवेयर, 'इंडिया-ग्राउंडवाटर रिसोर्स एस्टिमेशन सिस्टम (IN-GRES)' भी विकसित किया गया है।
आगे की राह
- विभिन्न सरकारी एजेंसियों और गैर-सरकारी संगठनों की मदद से समुदायों को अपने भूजल संसाधनों का बेहतर प्रबंधन करना होगा।
- जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में, चूंकि भूजल संसाधनों के संबंध में अनिश्चितताएं बढ़ेंगी, अतः ऐसे समाधान खोजने के प्रयास किए जाने चाहिए जो सतत विकास के लिए आवश्यक हों।
- भूजल संसाधन मूल्यांकन रिपोर्ट -2022 दे श में भूजल स्थितियों के लिए एक उज्जवल भविष्य दिखाती है , यह एक नई शुरुआत है जो सरकार द्वारा इस दिशा में किए गए कार्यों की जानकारी देती है।
- भारत को एक जल अधिशेष राष्ट्र बनाने के लिए विशेष कदम उठाए जाने चाहिए और जल से सम्बंधित संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्य के उद्देश्य को पूरा करना चाहिए।
मुख्य परीक्षा अभ्यास प्रश्न
प्रश्न- भारत में भूजल उपयोग का एक सामान्य विवरण दीजिये। भूजल संरक्षण के लिए कौन-कौन से उपायों की आवश्यकता है?