
Dec. 16, 2022
सीमा पर झड़प के बावजूद चीन से आयात में वृद्धि
प्रश्न पत्र- 3 (अर्थव्यवस्था)
स्रोत- द इंडियन एक्सप्रेस
चर्चा में क्यों?
- अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन के हालिया अतिक्रमण से व्यापार संबंधों को समाप्त करने की सम्भावना बढ़ गयी है।
- हालांकि, आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि चीन से भारत का आयात पिछले 30 महीनों में रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया है।
पृष्ठभूमि:
- पिछले हफ्ते अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई थी।
- दोनों देश 2020 में गलवान घाटी में हुई बड़ी झड़प के बाद से तनाव कम करने के लिए प्रयास कर रहे थे।
- यह घटना 9 दिसंबर को हुई थी जब पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के 300-400 सैनिकों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा के पार घुसपैठ की थी।
- इस घुसपैठ का वहाँ तैनात भारतीय सैनिकों ने कड़ा विरोध किया, जिससे चीनियों को पीछे हटने पर मजबूर होना पड़ा।
भारत - चीन व्यापार संबंध:
- वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, मार्च 2022 तक पिछले 12 महीनों में भारत और चीन के बीच कुल व्यापारिक व्यापार 34% बढ़कर 115.83 बिलियन डॉलर हो गया।
- इस साल अब तक दोनों देशों के बीच अप्रैल से अक्टूबर के बीच 69.04 अरब डॉलर का व्यापार हुआ।
चीन से/को प्रमुख आयात-निर्यात:
- चीन वर्ष 2022 में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार रहा है।
चीन से भारत को आयातित प्रमुख वस्तुएं हैं -
- इलेक्ट्रॉनिक सामान ($ 35.4 बिलियन), इंजीनियरिंग सामान ($ 24.9 बिलियन), रसायन और संबंधित उत्पाद ($ 19.6 बिलियन), अन्य निर्मित सामान ($ 8.3 बिलियन), और वस्त्र ($ 2.8 बिलियन)।
चीन को भारत से निर्यातित प्रमुख वस्तुएं हैं -
- इंजीनियरिंग सामान ($5.4 बिलियन), कृषि और संबद्ध उत्पाद ($3.8 बिलियन), अयस्क और खनिज ($2.9 बिलियन), रसायन और संबंधित उत्पाद ($2.9 बिलियन) तथा पेट्रोलियम और कच्चे उत्पाद ($1.9 बिलियन)।
- परंपरागत रूप से, भारत, चीन से निर्यात की तुलना में अधिक आयात करता है, इस प्रकार 2021 में भारत का व्यापार संतुलन नकारात्मक ($65.05 बिलियन) था।
उच्च व्यापार घाटे के कारण:
- भारत के अत्यधिक उच्च और लगातार बढ़ते आयात-निर्यात व्यापार घाटे के पीछे का कारण यह है कि यह घरेलू उत्पादन और आपूर्ति के साथ-साथ विभिन्न उत्पादों के लिए उपभोक्ता और मांग वरीयताओं के बीच अंतर को भरने के लिए वस्तुओं का आयात करता है।
सबसे बढ़कर, व्यापार घाटे की वृद्धि के लिए दो कारकों को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है -
- वस्तुओं की एक संकीर्ण टोकरी, ज्यादातर प्राथमिक, जो भारत, चीन को निर्यात करता है।
- अधिकांश भारतीय कृषि उत्पादों और प्रतिस्पर्धी बाजारों; जैसे-फार्मास्यूटिकल्स, आईटी/आईटीईएस, आदि के लिए बाजार पहुंच की बाधाएं।
- भारत द्वारा निर्यात किए जाने वाले कच्चे माल पर आधारित जिंसों को समय के साथ चीनी निर्यातों ने पीछे छोड़ दिया है।
- भारत में कई उद्योग, विशेषकर चिकित्सा उद्योग, चीनी उत्पादों पर बहुत अधिक निर्भर हैं।उदाहरण के लिए, भारत का 42 बिलियन डॉलर का फार्मास्युटिकल उद्योग, चीन से लगभग 68% सक्रिय दवा सामग्री (एपीआई) का आयात करता है।
मुख्य परीक्षा प्रश्न
प्रश्न- ‘चीन अपने आर्थिक संबंधों और सकारात्मक व्यापार अधिशेष को, एशिया में संभाव्य सैन्य शक्ति हैसियत को विकसित करने के लिए, उपकरण के रूप में इस्तेमाल कर रहा है।‘ इस कथन के प्रकाश में, उसके पड़ोसी के रूप में भारत पर इसके प्रभाव की चर्चा कीजिए। (UPSC - 2017)
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