Dec. 3, 2022

G-20 अध्यक्षता पर भारत का एजेंडा

चर्चा में क्यों ?

हाल ही में 1 दिसम्बर, 2022 से भारत ने G-20 संगठन की अध्यक्षता ग्रहण की।इसी उपलक्ष्य परविदेश मंत्री एस. जयशंकर के द्वारा कहा गया कि नई दिल्ली " ग्‍लोबल साउथ (वैश्विक दक्षिण) की आवाज" के रूप में उभरने की कोशिश करेगी तथा भोजन, उर्वरक और चिकित्सा उत्पादों की वैश्विक आपूर्ति का  "अराजनीतिकरण" करने के लिए कार्य करेगी।

 

ग्लोबल साउथ क्या है ?

  • ग्‍लोबल साउथ एक ऐसी शब्दावली है जिसका प्रयोग विकासशील और कम विकसित देशों- लैटिन अमेरिकी, एशियाई, अफ्रीकी और ओसिनिया क्षेत्र के देशों के लिए होता है। 
  • इनमें ज्‍यादातर देश औपनिवेशिक शासन से आजाद हुए हैं। ग्‍लोबल साउथ अंतर-क्षेत्रीय और बहुपक्षीय गठबंधन का पक्षधर भी है। 
  •  G-20 यूनिवर्सिटी कनेक्ट-एंगेजिंग यंग माइंड्स’कार्यक्रम को संबोधित किया गया। यह परामर्श की व्यापक प्रक्रिया के माध्यम से प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर सहमति बनाने का भारत का प्रयास होगा।  "लोकतंत्र के जनक के रूप में, भारत की G-20 अध्यक्षता परामर्शी , सहयोगी  और निर्णायक  होगी।"

G-20 समूह क्या है?

  • इसमें 19 देश और यूरोपीय संघ शामिल हैं। इसकी बैठक सदस्य देशों के  प्रमुख तथा मंत्रिस्तरीय बैठकों में, उन्नीस देशों और यूरोपीय संघ के वित्त मंत्री एवं केंद्रीय बैंक के गवर्नर शामिल होते हैं। 
  • G-20  के सदस्यों में प्रमुख विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाएं शामिल हैं, जो वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 85 प्रतिशत, व्यापार का 75 प्रतिशत और दुनिया की आबादी का लगभग दो-तिहाई हिस्से का प्रतिनिधित्व करती हैं।

अध्यक्षता के तहत भारत की कार्यवाही

  • आजादी के 75वें वर्ष के गौरव पर एक ऑनलाइन कार्यक्रम के दौरान भारत द्वारा G-20 लोगो (Logo),थीम और वेबसाइट का अनावरण किया गया
  • G-20 का लोगो, केवल एक प्रतीक चिन्ह नहीं है। इस लोगो और थीम के जरिए एक संदेश दिया गया कि ‘युद्ध से मुक्ति के लिए बुद्ध के उपदेशों और हिंसा के प्रतिरोध में महात्मा गांधी द्वारा सुझाये गए समाधानों को संजोकर रखना है। वर्तमान समय युद्ध का नहीं है।‘
  • 1-7 दिसंबर तक सात दिनों की अवधि के लिए G-20 लोगो को भारतीय ध्वज के रंगों- केसरिया, हरे, सफेद और नीले रंग से सजाया जायेगा। 
  • ताजमहल को छोड़कर, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा तैयार सूची के तहत 100 स्मारकों को G-20 लोगो और उसके रंगों से सात दिनों तक रोशन किया जाएगा।
  • ताजमहल, आगरा का किला, खजुराहो,कोणार्क का सूर्य मंदिर और हम्पी के स्थलों पर G-20 की 5 सांस्कृतिक बैठकें की जाएगी। 
  • भारत ने अपनी अध्यक्षता में बांग्लादेश, मॉरीशस, मिस्र, सिंगापुर, नाइजीरिया, नीदरलैंड, ओमान, स्पेन, संयुक्त अरब अमीरात को आमंत्रित किया है। जो इन देशों के साथ व्यापारिक ,सांस्कृतिक और सामरिक संबंधों में बढ़त की ओर देखा जा रहा है। 

G-20 के Think20 (T20) समूह की गतिविधियों और विचार-विमर्श  हेतु कुछ कार्यबलो की सहायता से कार्य किया जायेगा।

  • "मैक्रोइकॉनॉमिक्स, व्यापार और आजीविका" पर टास्क फोर्स –  यह मौद्रिक एवं राजकोषीय नीति, व्यापार, निवेश और आपूर्ति श्रृंखला के लचीलेपन में सामंजस्य बनाने हेतु G-20 के भीतर समन्वय स्थापित करने का कार्य करेगी। इसका उद्देश्य महामारी के बाद की अवधि में इंडोनेशियाई राष्ट्रपति द्वारा प्रारंभ "एक साथ उबरना, मजबूत होकर उबरना" की पहल को और गति देना है।
  • "डिजिटल फ्यूचर्स" पर टास्क फोर्स-  यह सभी के लिए सामर्थ्य और सुरक्षित पहुंच सुनिश्चित करने के लिए एक समावेशी डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढाँचे का निर्माण करने का प्रयास करेगी।साथ ही यह डिजिटल सेवाओं की सार्वभौमिक अंतःक्रियाशीलता पर चर्चा करेगी। यह डिजिटल वित्तीय समावेशन और कौशल के मुद्दों को भी संबोधित करेगी जो आर्थिक विकास के अभिन्न अंग हैं।
  • "लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट" (Life) की अवधारणा- 2021 में COP-26 में प्रस्तुत किया गया LiFE कार्यक्रमके माध्यम से  जलवायु परिवर्तन की चर्चा का ध्यान राष्ट्रों के इर्द-गिर्द घूमता है। इसका उद्देश्य व्यक्ति को संवाद के केंद्र में रखना है  तथा राष्ट्रीयता और भूगोल की परवाह किए बिना प्रत्येक इंसान को संवेदनशील बनाना है।
  • ग्रीन ट्रांज़िशन पर टास्क फोर्स-  इसका उद्देश्य "रिफ्यूलिंग ग्रोथ" है  क्योंकि यह महामारी के बाद की दुनिया में वैश्विक आर्थिक पुनरुद्धार के प्रयासों से समझौता किए बिना स्वच्छ ऊर्जा के लिए और एक सुचारु परिवर्तन के लिए नवीन रास्तों की सिफारिश करती है।
  • "वैश्विक वित्तीय व्यवस्था" पर टास्क फ़ोर्स - वैश्विक वित्तीय संरचना को पुन: व्यवस्थित करने की क्षमता की जाँच करेगी। इसका उद्देश्य वर्तमान बुनियादी ढाँचे की चुनौतियों सहित समकालीन आर्थिक जरूरतों के अनुसार संस्थानों का पुनर्गठन करना है। यह नवोन्मेषी तरीकों के माध्यम से विकास वित्त और संसाधन जुटाने के लिए अधिक पहुंच हेतु महत्वपूर्ण है।
  • स्टैंडअलोन टास्क फोर्स-  यह SDG को गति देने हेतु मजबूत और स्थायी सहयोग के माध्यम से 2030 एजेंडे को पूरा करने के लिए नए रास्ते तलाशेगी। साथ ही यह पृथ्वी के सीमित संसाधनों को देखते हुए, एक चक्रीय अर्थव्यवस्था की ओर बदलाव तथा कुशल अपशिष्ट प्रबंधन एवं विकास हेतु एक चक्र बनाने का कार्य करेगी।
  • G-20 सदस्य देश के रूप में, भारत बहुपक्षवाद 2.0 के लिए रोडमैप तैयार करने हेतु समान विचारधारा वाले देशों के साथ काम करेगा।

अध्यक्षता के दौरान वैश्विक स्थिति 

  • विश्व के इस चुनौतीपूर्ण समय में  भू-राजनीतिक संकट फैला है और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के टूटने की चुनौती है।
  • जलवायु वित्त और जलवायु कार्रवाई का संकट है। 
  • कोविड के परिणामस्वरूप, 200 मिलियन लोग गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन कर रहे हैं।

 

उद्देश्य 

  • भारत के उद्देश्यों में "महत्वाकांक्षी, कार्रवाई-उन्मुख और निर्णायक" एजेंडे में पर्यावरण के अनुकूल जीवन शैली को बढ़ावा देना शामिल है। खाद्य, उर्वरक और चिकित्सा उत्पादों की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का "अराजनीतिकरण" इसकी प्राथमिकता रहेगी।
  • साथ ही G-20 का व्यापक एजेंडा विश्व की वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करना है और तकनीकी विकास सहित आर्थिक विकास के प्रतिफल को लोगों तक पहुँचाना है।

 

संभावित प्रश्न

प्रश्न -निम्नलिखित में से कौन-सा कथन G- 20 के संबंध में सही नहीं है?

(a) अब G-20 शिखर सम्मेलन में सदस्य देशों के वित्त मंत्री और केंद्रीय बैंक के गवर्नर ही भाग लेते हैं।

(b) भारत ने कभी भी किसी G-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी नहीं की।

(c) इसका मुख्य उद्देश्य दुनिया से गरीबी को खत्म करना है।

(d) इसकी बैठकें प्रतिवर्ष आयोजित की जाती हैं।

मुख्य परीक्षा प्रश्न

प्रश्न -भारत की G20 अध्यक्षता वैश्विक समस्याओ पर ध्यान केंद्रित करने का अवसर प्रदान करती है। टिप्पणी कीजिये।