Nov. 30, 2022

29 november 2022

 


मंकीपॉक्स

चर्चा में क्यों ?

हाल ही में WHO ने नस्लवाद की चिंताओं का हवाला देते हुए मंकीपॉक्स का नाम बदलकर Mpox कर दिया है। साथ ही इसने  मंकीपॉक्स के प्रसार को वैश्विक आपातकाल घोषित किया।

मंकीपॉक्स क्या है ? 

  • यह मंकीपॉक्स वायरस के कारण होने वाली एक दुर्लभ बीमारी है। मंकीपॉक्स वायरस आमतौर पर कृन्तकों को प्रभावित करता है, जैसे कि चूहे या बंदर। Mpox को पहली बार 1958 में मंकीपॉक्स नाम दिया गया था जब इसे  डेनमार्क की एक प्रयोगशाला में बंदरों में "चेचक जैसी" बीमारी के रूप में देखा गया था। 
  • जानवरों से उत्पन्न मंकीपॉक्स, मध्य और पश्चिम अफ्रीका में व्यापक मात्रा में पाया जाता है।
  • जापानी एन्सेफलाइटिस, जर्मन खसरा, मारबर्ग वायरस और मिडिल ईस्टर्न रेस्पिरेटरी सिंड्रोम सहित कई अन्य बीमारियों का नाम भौगोलिक क्षेत्रों के नाम पर रखा गया है, जिन्हें अब प्रतिकूल माना जा सकता है। WHO ने इनमें से किसी भी नाम को बदलने का सुझाव नहीं दिया है।

लक्षण:

  • इस बीमारी के फैलने पर संक्रमित लोगों में दाने निकल आते हैं जो चिकनपॉक्स की तरह दिखते हैं। लेकिन मंकीपॉक्स से होने वाला बुखार, अस्वस्थता और सिरदर्द आमतौर पर चिकनपॉक्स के संक्रमण की तुलना में अधिक गंभीर होते हैं।
  • बीमारी के प्रारंभिक चरण में, मंकीपॉक्स को चेचक से अलग किया जा सकता है क्योंकि इसके संक्रमण से लसीका ग्रंथि बढ़ जाती है।

 

 

उपाय 

  • कोई भी जानवर, जो किसी संक्रमित जानवर के संपर्क में आया हो, उसे क्वारंटाइन किया जाना चाहिए और उसकी मानक सावधानियों के साथ देखभाल की जानी चाहिए। इसके साथ ही 30 दिनों के लिए मंकीपॉक्स के लक्षणों की निगरानी की जानी चाहिए। 

SOURCE-Indian Express 

हिंद-चीन महासागर क्षेत्र फोरम

चर्चा में क्यों ?

  • हाल ही में ऑस्ट्रेलिया और मालदीव ने हिंद-चीन महासागर क्षेत्र फोरम की बैठक में भागीदारी से मना किया
  • आयोजक:  इसका आयोजन चीन अंतर्राष्ट्रीय विकास सहयोग एजेंसी (CIDCA) द्वारा किया गया जो बीजिंग की नई विकास सहायता एजेंसी है।
  • इसमें भारत को छोड़कर, 19 देशों के प्रतिनिधियों को एक साथ लाने का दावा किया गया। इसमें इंडोनेशिया, पाकिस्तान, म्यांमार, श्रीलंका, बांग्लादेश, मालदीव, नेपाल, अफगानिस्तान, ईरान, ओमान, दक्षिण अफ्रीका, केन्या, मोजाम्बिक, तंजानिया, सेशेल्स, मेडागास्कर, मॉरीशस, जिबूती, ऑस्ट्रेलिया को साथ बुलाया गया।

चीन के नीतिगत ढाँचे में हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) की प्रमुखता:

  • वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में चीन की प्रमुख भूमिका,
  • हिंद महासागर का विशाल संसाधन आधार, और
  • IOR के माध्यम से संचार की सामरिक समुद्री लाइनों का मार्ग।

चिंताए 

  • चीन द्वारा IOR में  एक नए मंच की शुरूआत अन्य देशों के लिए चिंताजनक है।
  • भौगोलिक रूप से IOR से दूर होने के बावजूद चीन लगातार इस क्षेत्र में राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा पैठ बनाने की कोशिश कर रहा है। इसका उद्देश्य क्षेत्र में भारत के मजबूत प्रभाव का मुकाबला करना है।

SOURCE- Indian Express 

शिवलुच ज्वालामुखी

चर्चा में क्यों ?

हाल ही में रूस के सुदूर पूर्वी कमचटका प्रायद्वीप में स्थित शिवलुच ज्वालामुखी से शक्तिशाली विस्फोट की आशंका जताई गयी है।

शिवलुच ज्वालामुखी 

  • शिवलुच ,कमचटका के सबसे बड़े और सबसे सक्रिय ज्वालामुखियों में से एक है।

कमचटका प्रायद्वीप :

  • कमचटका प्रायद्वीप 29 सक्रिय ज्वालामुखियों का घर है, जो पृथ्वी के एक विशाल क्षेत्र "रिंग ऑफ फायर" का हिस्सा है यह प्रशांत महासागर में स्थित है।
  • इस प्रायद्वीप के अधिकांश ज्वालामुखी कम आबादी वाले वनों और टुंड्रा क्षेत्र से घिरे हुए हैं।

रिंग ऑफ़ फायर 

  • इसे प्रशांत रिम या सर्कम-पैसिफिक बेल्ट भी कहा जाता है। यह प्रशांत महासागर में स्थित एक ऐसा क्षेत्र है, जहाँ अधिकांश सक्रिय ज्वालामुखी और भूकंप रिकॉर्ड किये जाते हैं।
  • पृथ्वी के 75% ज्वालामुखी यानी 450 से अधिक ज्वालामुखी रिंग ऑफ फायर के किनारे स्थित हैं। पृथ्वी के 90% भूकंप इस क्षेत्र में आते हैं, जिसमें पृथ्वी की सबसे विध्वंशक भूकंपीय घटनाएँ  संपन्न होती हैं।

 

ज्वालामुखी के प्रकार 

 

SOURCE-IE

हरिकेआर्द्रभूमि

चर्चा में क्यों ?

हाल ही में पंजाब में स्थित हरिके वेटलैंड में प्रवासी पक्षियों का आगमन देखा गया है। हरिके वेटलैंड को "हरि-के-पट्टन" के नाम से भी जाना जाता है।

हरिके आर्द्रभूमि, सर्दियों के मौसम में प्रवासी पक्षियों की दुर्लभ प्रजातियों के लिए आवास के रूप में कार्य करता है।

इसे भारत में अवस्थित रामसर स्थलों में से एक के रूप में नामित किया गया है।

 

 

रामसर संधि 

  • रामसर, ईरान का एक शहर है। यहाँ 2 फरवरी, 1971 को आर्द्रभूमियों के संरक्षण और उनके प्रबंधन के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे। इस संधि या समझौते को ‘रामसर समझौता’ के नाम से जाना जाता है।  इस संधि का उद्देश्य समस्त विश्व के सभी महत्त्वपूर्ण आर्द्रभूमि स्थलों की सुरक्षा करना है। यह समझौता 21 दिसंबर, 1975 से प्रभाव में आया।

आर्द्रभूमि क्या है?


  • जल  में स्थित मौसमी या स्थायी पारिस्थितिक तंत्र, जिसमें दलदल,नदियाँ, झीलें, डेल्टा, बाढ़ के मैदान, चावल के खेत, समुद्री क्षेत्र, तालाब और जलाशय आदि शामिल होते हैं, आद्रभूमि कहलाते हैं ।यह जल एवं स्थल के मध्य का संक्रमण क्षेत्र होता है। जैव विविधता की दृष्टि से आर्द्रभूमि एक समृद्ध क्षेत्र होता है जिसका संरक्षण अति आवश्यक है।  

री-हैब प्रोजेक्ट

चर्चा में क्यों ?

हाल ही में नैनीताल में महत्वाकांक्षी पुनर्वास परियोजना का उद्घाटन किया गया।

प्रमुख बिंदु 

  • इस परियोजना के तहत मधुमक्खी के बक्सों की बाड़ ऐसे क्षेत्रों में लगाई जाती है जहाँ से हाथी, मानव बस्तियों और किसानों के खेतों की ओर बढ़ते हैं।
  • इस तरह मधुमक्खियों के जरिए हाथियों को इंसानों पर हमला करने और किसानों की फसल बर्बाद होने से रोका जा सकता है।
  • हाथियों के आने-जाने के रास्तों पर मधुमक्खी के  बक्सों की बाड़ जंगली हाथियों के रास्ते को अवरूद्ध कर देती है।
  • यह परियोजना देश के 7 राज्यों-कर्नाटक, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, असम और उड़ीसा में चल रही है।
  • यह खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) की एक पहल है।

राष्ट्रीय शहद मिशन:

  • प्रोजेक्ट RE-HAB, KVIC के राष्ट्रीय हनी मिशन का एक उप-मिशन है। भारत सरकार ने शहद के मामले में भारत की स्थिति को सुधारने और मधुमक्खी पालन उद्योग को बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन शहद मिशन की स्थापना की थी।
  • यह कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के तहत एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है। 
  • हनी मिशन': हनी मिशन' को 'मीठी क्रांति' के नाम से भी जाना जाता है| इस मिशन के तहत KVIC द्वारा मधुमक्खी पालकों को मधुमक्खी कॉलोनी की जांच करने, वानस्पतिक उपकरणों के साथ परिचित कराने, मधुमक्खी की बीमारियों की पहचान एवं प्रबंधन, शहद निकालने और मोम शोधन करने तथा वसंत, गर्मी, मानसून, शरद ऋतु एवं  सर्दियों में मधुमक्खी कॉलोनियों के प्रबंधन के बारे में व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है |