Jan. 19, 2023

19 january 2023

ग्रेटर स्कूप

चर्चा में क्यों ?

  • हाल ही में बत्तख की एक दुर्लभ प्रजाति, ग्रेटर स्कूप, को 90 वर्षों के अंतराल के बाद मणिपुर की लोकटक झील में देखा गया।

ग्रेटर स्कूप के बारे में:

  • ग्रेटर स्कूप को मणिपुर में स्थानीय रूप से ‘सदांगमन’ के नाम से जाना जाता है।
  • यह एक मध्यम आकार की गोताखोर प्रजाति है।
  • बड़ी स्कूप वाली प्रजातियां एशिया, यूरोप, संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा में पायी जाती हैं और यह भारतीय उपमहाद्वीप की एक दुर्लभ प्रजाति है।
  • ब्रीडिंग स्कूप उथले, मीठे पानी की झीलों, पूलों और नदियों में घास के तट के साथ रहता है।
  • बड़ी स्कूप प्रजातियाँ अत्यधिक प्रवासी प्रकृति की होती हैं,ये आर्कटिक क्षेत्रों के पास प्रजनन करती हैं। 
  • IUCN की लाल सूची में स्थान: कम संकटग्रस्त (LE)

लोकटक झील के बारे में

  • लोकटक झील भारत के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित मणिपुर राज्य की एक झील है।
  • यह मिट्टी से बने द्वीपों और इसकी सतह पर तैरती वनस्पतियों के लिए प्रसिद्ध है, जिन्हें " फुमड़ी" कहा जाता है। 
  • झील पर सबसे बड़े तैरते हुए द्वीप को " केईबुल लामजाओ" कहा जाता है और इसका क्षेत्रफल 40 किमी² है। 
  • यह संगाई हिरण का घर है जो एक लुप्तप्राय प्रजाति है। इस द्वीप को भारत सरकार द्वारा केईबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान के नाम से संरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया है और यह विश्व का एकमात्र तैरता हुआ राष्ट्रीय उद्यान है।
  • लोकटक झील मणिपुर के लिए बहुत आर्थिक और सांस्कृतिक महत्व रखती है। इसके पानी का उपयोग बिजली उत्पादन, पीने और सिंचाई के लिए किया जाता है। इसमें मछलियां भी पकड़ी जाती हैं।

स्रोत- द हिन्दू 

नट्टुकोट्टई नागराथ

 चर्चा में क्यों ?

  • हाल ही में सेवई पोंगल को आयोजित किया गया।

नट्टुकोट्टई नागराथ के बारे में:

  • इन्हें ‘नट्टुकोट्टई चेट्टियार’ भी कहा जाता है
  • नागराथ भारतीय मूल के लोग हैं, जो अपने वित्तीय व्यवहार और आतिथ्य के लिए जाने जाते हैं। ये अपने स्थानीय व्यंजनों, वास्तुकला और धार्मिक मंदिरों के लिए भी जाने जाते हैं।
  • इन्होंने 96 गाँवों का निर्माण किया और प्रत्येक परिवार के साथ केवल एक मंदिर के प्रति निष्ठा रखते हुए 9 मंदिरों का निर्माण किया।
  • ये हिंदू धर्म के अनुयायी हैं और हिंदू धर्म के शिव और मुरुगन देवताओं की पूजा करते हैं।
  • इन्हें ‘आधुनिक बैंकिंग का अग्रदूत’ माना जाता है।
  • ये एक बहुत ही विपुल व्यापारिक समुदाय से संबंधित हैं, जो पुराने दिनों में बर्मा, सीलोन, जावा, सुमात्रा, मलेशिया, सिंगापुर और वियतनाम जैसी विदेशी भूमि में भारत से बाहर चले गए थे।
  • ये ‘चेट्टीनाड’ नामक स्थान से सम्बंधित हैं,जो तमिलनाडु के दक्षिण-पूर्वी क्षेत्र में स्थित एक क्षेत्र है।
  • अधिकांश औपनिवेशिक काल के दौरान नागराथ, बर्मी किसानों को पूंजी के प्राथमिक प्रदाता थे।

चेट्टीनाड क्षेत्र:

  • चेट्टीनाडु या शेट्टीनाडु दक्षिण भारत में तमिलनाडु का क्षेत्र है। 
  • चेट्टीनाड भारत के तमिलनाडु के शिवगंगई जिले में स्थित है। 
  • चेट्टीनाड की उत्पत्ति 13वीं शताब्दी में हुई,जब नट्टुकोट्टई चेट्टियार कराईकुडी चले गए थे। यह चेट्टीनाड नट्टुकोट्टई चेट्टियार का घर है।
  • चेट्टीनाड में अच्छी तरह से परिभाषित सड़कों, जलाशयों को स्टोर करने और शहर में पानी की आपूर्ति करने के लिए सुनियोजित शहर, एक नियोजित बाजार स्थान, मंदिर और अन्य सब कुछ है, जो लोगों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करता है।

स्रोत- द हिन्दू   

एडवांस मेडिकल डायरेक्टिव / लिविंग विल

चर्चा में क्यों ?

  • हाल ही में, सर्वोच्च न्यायालय की एक संविधान पीठ ने भारत में एक उन्नत चिकित्सा निर्देश को क्रियान्वित करने की उपयोगिता पर सवाल उठाया कि कब कोई व्यक्ति आक्रामक उपचार से इनकार करने और मृत्यु को स्वीकार करने के लिए स्वतंत्र है।

एडवांस मेडिकल डायरेक्टिव / लिविंग विल क्या है ?

  • यह चिकित्सा उपचार के संबंध में एक व्यक्ति की इच्छाओं को निर्धारित करने वाला एक दस्तावेज है, अगर व्यक्ति अपनी इच्छाओं को साझा करने में असमर्थ है या बेहोशी या कोमा की स्थिति में उचित निर्णय लेने की स्थिति में नहीं हो, तो यह दस्तावेज सहायता करता है ।
  • कॉमन कॉज बनाम यूनियन ऑफ इंडिया, 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने माना कि मरणासन्न रोगी या लगातार अस्वस्थता की स्थिति में रहने वाला व्यक्ति चिकित्सा उपचार से इंकार करने के लिए "अग्रिम चिकित्सा निर्देश" या "जीवित इच्छा'' को निष्पादित कर सकता है।
  • अदालत द्वारा जीवित वसीयत के निष्पादन की प्रक्रिया से संबंधित सिद्धांत भी निर्धारित किए गये हैं।
  • एक वयस्क, जो शारीरिक एवं मानसिक तौर पर स्वस्थ है तथा दस्तावेज़ को निष्पादित करने के उद्देश्य और परिणामों को संप्रेषित करने, संबोधितकरने और समझने की स्थिति में है, वह लिविंग बिल जारी कर सकता है, यह लिखित रूप में होना चाहिए। 
  • इसमें स्पष्ट होना चाहिए कि चिकित्सा उपचार कब वापस लिया जा सकता है।
  • इस विल में उल्लेख होना चाहिए कि क्या रोगी किसी भी समय निर्देशों/प्राधिकार को रद्द कर सकता है।
  • इसमें एक अभिभावक या करीबी रिश्तेदार का नाम निर्दिष्ट होना चाहिए, जो रोगी के प्रासंगिक समय पर निर्णय लेने में असमर्थ होने की स्थिति में, चिकित्सा उपचार से इनकार करने या वापस लेने की सहमति देने के लिए अधिकृत होगा।

लिविंग विल को रिकॉर्ड करना 

  • इस पर रोगी द्वारा दो गवाहों की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए जाने चाहिए और एक न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी (JMFC) द्वारा प्रतिहस्ताक्षरित होना चाहिए, जिसे संबंधित जिला न्यायाधीश द्वारा नामित किया गया है।
  • इसे कब और किसके द्वारा लागू किया जा सकता -  जब व्यक्ति गंभीर रूप से बीमार हो जाता है और बीमारी के ठीक होने और ठीक होने की कोई उम्मीद के साथ लंबे समय तक चिकित्सा उपचार से गुजर रहा है, तो इलाज करने वाले चिकित्सक को अग्रिम निर्देश के बारे में पता चलने पर, न्यायिक मजिस्ट्रेट (JMFC) से दस्तावेज़ की प्रामाणिकता का पता लगाना होता है।
  • सक्रिय इच्छामृत्यु: जब चिकित्सा पेशेवर या कोई अन्य व्यक्ति जानबूझकर कुछ ऐसा करता है जिससे रोगी की मृत्यु हो जाती है।
  • निष्क्रिय इच्छामृत्यु: यह तब होता है जब रोगी की मृत्यु हो जाती है जब चिकित्सा पेशेवर रोगी को जीवित रखने के लिए कुछ करना बंद कर देते हैं।

स्रोत- द हिन्दू 

मानव गतिविधियाँ जानवरों के आवास, दिनचर्या को बदल सकती हैं

चर्चा में क्यों ?

  • शिकारियों से बचने, भोजन खोजने और सफलतापूर्वक प्रजनन करने के लिए एक जानवर को सही समय एवं सही जगह पर होना आवश्यक है। 

प्रमुख बिंदु 

  • किसी भी पारिस्थितिक तंत्र में जानवरों के बीच संवाद एक नाटकीय उत्पादन की तरह होता है।
  • मानवीय गतिविधियाँ इन पारिस्थितिक अंतःक्रियाओं को बाधित कर सकती हैं और अंतर-प्रजातीय  मुठभेड़ों को बढ़ा सकती हैं।
  • बार-बार बातचीत से संसाधनों के लिए तीव्र प्रतिस्पर्धा हो सकती है या अंतर-प्रजातीय रोग संचरण का खतरा बढ़ सकता है।
  • यहाँ तक ​​कि जब जानवर आमने-सामने नहीं आते हैं, तो केवल एक शिकारी को सुनने या सूंघने से शिकार की प्रजातियों के व्यवहार पर "नाटकीय प्रभाव" पड़ सकता है।

एक पारिस्थितिक आला क्या है?

  • पारिस्थितिकी में, "आला" शब्द उस भूमिका का वर्णन करता है जो एक जीव एक समुदाय में निभाता है अर्थात उसका व्यवहार और उसका कर्त्तव्य।
  • चींटियाँ ग्लोबल वार्मिंग के अनुकूल होने में असमर्थ हो सकती हैं, जिससे वे जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के प्रति अत्यधिक संवेदनशील हो जाती हैं।
  • कीट ठंडे खून वाले जीव होते हैं, जिन्हें एक्टोथर्म भी कहा जाता है। उनके शरीर का तापमान सूर्य के प्रकाश जैसे बाहरी स्रोतों पर निर्भर करता है। दूसरी ओर मनुष्य (एन्डोथर्म), पर्यावरण पर निर्भर हुए बिना अपने शरीर के तापमान को बनाए रखते हैं।
  • चींटियों का महत्व: चींटियों को अक्सर "पारिस्थितिकी तंत्र के इंजीनियर" कहा जाता है। ये कीट घोंसले के निर्माण और फोर्जिंग के दौरान मिट्टी को हिलाते हैं, जिससे इसमें पोषक तत्वों का स्तर प्रभावित होता है।

स्रोत- इंडियन एक्सप्रेस 

एक्सोप्लैनेट LHS-475-B

चर्चा में क्यों ?

  • हाल ही में नासा द्वारा घोषणा की गयी कि जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने अपना पहला नया एक्सोप्लैनेट खोज लिया है।
  • शोधकर्त्ताओं ने ग्रह को ‘LHS-475-B’ नाम दिया जो लगभग पृथ्वी के समान आकार का है।
  • केवल 41 प्रकाश वर्ष दूर स्थित, यह ग्रह एक लाल बौने तारे के बहुत करीब है और केवल दो दिनों में एक पूर्ण कक्षा पूरी करता है।

एक्सोप्लैनेट्स क्या हैं?

  • एक्सोप्लैनेट वे ग्रह हैं जो अन्य तारों की परिक्रमा करते हैं और हमारे सौर मंडल से परे हैं।
  • 1990 के दशक में पहली बार इनकी खोज की गई थी और अब तक 5,000 से अधिक बाह्य ग्रहों की खोज की जा चुकी है।
  • एक्सोप्लैनेट विभिन्न आकारों के हो सकते हैं। वे बृहस्पति से बड़े गैसीय प्रकृति या पृथ्वी की तरह छोटे और चट्टानी हो सकते हैं। 
  • इन्हें अपने विभिन्न प्रकार के तापमानों के लिए भी जाना जाता है, जैसे - उबलता हुआ गर्म से लेकर जमा देने वाला ठंडा तापमान। 
  • इससे वैज्ञानिकों को यह निर्धारित करने में मदद मिलती है कि खोजी गई दुनिया रहने योग्य है या नहीं।

स्रोत- इंडियन एक्सप्रेस