
Jan. 7, 2023
06 januaray 2023
मलयालम और तमिल कैलेंडर-2023
चर्चा में क्यों ?
- हाल ही में भाषा के प्रति उत्साही लोगों के लिए वर्ष 2023 के दो क्षेत्रीय कैलेंडर जारी किये गये हैं।
मुथस्सी द्वारा जारी कैलेंडर
- भले ही विश्व स्तर पर ग्रेगोरियन कैलेंडर का पालन किया जाता हो, परन्तु मलयाली समुदाय के अपने महीने और सितारे हैं जो विशु और ओणम जैसे प्रत्येक त्यौहार को परिभाषित करते हैं।
- ऑनलाइन मलयालम स्कूल मुथस्सी ने 2023 का बच्चों के लिए अनुकूल सचित्र अध्ययन कैलेंडर बनाया है। इसे मलयालम और अंग्रेजी में डिज़ाइन किया गया, यह धीरे-धीरे मलयालम महीनों, सप्ताह के दिनों और सितारों के विषय में बच्चों को सिखाने की एक पहल है।
- मेदा मासम (मेदम महीना) का पहला दिन और तारीख हर साल बदलती है, और ओणम चिंगा मासम (चिंगम महीना) में मनाया जाता है जो अगस्त या सितंबर में पड़ सकता है।
द आर्ट ब्रू द्वारा जारी कैलेंडर
- चेन्नई स्थित ब्रांडिंग कंपनी द आर्ट ब्रू में, वार्षिक कैलेंडर की शुरुआत तिरुक्कुरल के एक दोहे से होती है। यह तमिल भाषा और उसके समृद्ध इतिहास के लिए एक विनम्र श्रद्धांजलि है। इसमें हर महीने के लिए एक विशिष्ट तमिल शब्द पर ध्यान केंद्रित किया गया है और यह एक ऐसे विचार के इर्द-गिर्द घूमता है जिसे कोई भी आसानी से जान सकता है।
ग्रेगोरियन कैलेंडर
- ग्रेगोरियन कैलेंडर की शुरुआत विक्रम संवत से हुई। यह दुनिया में लगभग हर जगह उपयोग किया जाने वाला कैलेंडर या तिथिपत्रक है। यह जूलियन कैलेंडर का रूपान्तरण है। इसे पोप ग्रेगोरी XIII ने लागू किया था। इससे पहले जूलियन कैलेंडर प्रचलन में था, लेकिन उसमें अनेक त्रुटियाँ के कारण इसे लाया गया था।
ओणम
- केरल का एक प्रमुख त्योहार है। ओणम का उत्सव चिंगम (सिंघम/सिंहम्) मास में भगवान वामन की जयन्ती और राजा बलि के स्वागत में प्रति वर्ष आयोजित किया जाता है जो दस दिनों तक चलता है।
PFF पर प्रतिबंध
चर्चा में क्यों ?
- केंद्र ने जैश-ए-मोहम्मद के छद्म संगठन पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट (PFF) पर प्रतिबंध लगाया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य अरबाज अहमद मीर को UAPA के तहत एक व्यक्तिगत आतंकवादी के रूप में नामित किया है।
प्रमुख बिंदु
- केंद्र ने जम्मू-कश्मीर और अन्य जगहों पर आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद के प्रॉक्सी संगठन पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट (PAFF) पर प्रतिबंध लगा दिया और गृह मंत्रालय ने लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य अरबाज अहमद मीर को सख्त आतंकवाद विरोधी कानून गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत एक व्यक्तिगत आतंकवादी के रूप में नामित किया।
- साथ ही केंद्र ने द रेजिस्टेंस फ्रंट को आतंकवादी संगठन घोषित किया।
PFF की गतिविधियां
- यह सुरक्षा बलों, राजनीतिक नेताओं और अन्य राज्यों से जम्मू-कश्मीर में काम कर रहे नागरिकों के लिए नियमित रूप से धमकियां जारी करता रहा है।
- यह अन्य संगठनों के साथ, जम्मू-कश्मीर और भारत के प्रमुख शहरों में हिंसक आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए शारीरिक और सोशल मीडिया दोनों में सक्रिय रूप से साजिश रचने में शामिल है।
- अन्य संगठनों के साथ-साथ, PAFF बंदूक, गोला-बारूद और विस्फोटकों को अंजाम देने में ,भर्ती और प्रशिक्षण के लिए प्रभावशाली युवाओं के कट्टरपंथीकरण में शामिल है। इसकी आतंकी गतिविधियों के कारण इसे गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम,1967 की धारा 35 की उप-धारा (1) के खंड (A) द्वारा प्रतिबंधित संगठन घोषित किया गया है।
सूडान के लिए संयुक्त राष्ट्र शांति दल रवाना
चर्चा में क्यों ?
- भारत ने संयुक्त राष्ट्र के अंतरिम सुरक्षा बल (UNISFA) के हिस्से के रूप में सूडान के अबेई क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के शांति मिशन पर भारतीय सेना और असम राइफल्स की एक महिला-संयुक्त टुकड़ी की एक पलटन भेजी है ।
- "हाल के वर्षों में महिला शांति सैनिकों की यह सबसे बड़ी तैनाती है।" भारतीय दल में दो अधिकारी और 25 अन्य रैंक शामिल हैं। भारतीय सेना के अनुसार, "टीम संयुक्त राष्ट्र के झंडे के तहत अत्यधिक परिचालन और चुनौतीपूर्ण इलाकों में से एक में महिलाओं और बच्चों को राहत एवं सहायता प्रदान करेगी।"
मिशन का उद्देश्य-
- इस मिशन का उद्देश्य सूडान की अबेई पुलिस सेवा (APS) को सहायता प्रदान करना, कर्मियों को प्रशिक्षण देना तथा कानून और व्यवस्था पर APS के साथ समन्वय करना है। इसे संयुक्त राष्ट्र के कर्मियों, सुविधाओं और प्रतिष्ठानों की सुरक्षा का भी काम सौंपा गया है।
संयुक्त राष्ट्र शांति सेना
- इसका आरंभ 1948 में किया गया था और इसने अपने पहले ही मिशन, 1948 में हुए अरब-इज़राइल युद्ध के दौरान युद्धविराम का पालन करवाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
- संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना देशों को संघर्ष से शांति के कठिन रास्ते पर लाने में मदद करती है।
- इसमें दुनिया भर से सैनिकों और पुलिस को तैनात करता है, उन्हें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) तथा महासभा द्वारा निर्धारित जनादेशों की शृंखला को संबोधित करने के लिये नागरिक शांति सैनिकों के साथ एकीकृत किया जाता है।
- संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस 29 मई को विश्व स्तर पर मनाया जाता है।
- 2022 के लिये थीम: लोग, शांति, प्रगति: साझेदारी की शक्ति।
प्रमुख बिंदु
- UNISFA की स्थापना सूडान के अबेई क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा 27 जून, 2011 के अपने संकल्प1990 द्वारा वहाँ की आपातकालीन स्थिति को ध्यान में रखकर की गई थी। कोर को उत्तर और दक्षिण के बीच की सीमा पर फ्लैशप्वाइंट की निगरानी करने तथा मानवीय सहायता की सुविधा देने का काम सौंपा गया है तथा नागरिकों और मानवीय कार्यकर्त्ताओं की सुरक्षा में बल का उपयोग करने के लिए अधिकृत है।
- संयुक्त राष्ट्र का शांति मिशन कर्मियों के प्रशिक्षण सहित सहायता प्रदान करके तथा कानून और व्यवस्था के मामलों पर APS के साथ समन्वय करके अबेई पुलिस सेवा (APS) को मजबूत करना है।
- 200,000 से अधिक भारतीयों ने 1948 के बाद से 71 संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों में से 49 में सेवा अपनी दी है। भारत, संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में सबसे बड़े योगदानकर्त्ताओं में से एक है और कमांडेंट के तहत 2007 में लाइबेरिया में गठित पुलिस इकाई के रूप में पहली महिला शांति सैनिकों की टुकड़ी को तैनात करने में अग्रणी था।
- मई 2020 में, भारतीय सेना की मेजर सुमन गवानी तथा ब्राजील के नौसेना अधिकारी कमांडर कार्ला मोंटेइरो डी कास्त्रो अरुजो को संयुक्त राष्ट्र के शांति सैनिकों के रूप में संयुक्त राष्ट्र सैन्य जेंडर एडवोकेट पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार 2016 में स्थापित किया गया।
समलैंगिक विवाह
चर्चा में क्यों ?
- हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली, केरल और गुजरात सहित विभिन्न उच्च न्यायालयों से समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने वाली विभिन्न याचिकाओं को अपने पास स्थानांतरित कर लिया।
प्रमुख बिंदु
- कारण- सुप्रीम कोर्ट के अनुसार दिल्ली, केरल और गुजरात सहित विभिन्न उच्च न्यायालयों में एक ही विषय से जुड़ी याचिकाओं के कई बैच लंबित हैं, इसलिए इन्हें शीर्ष अदालत द्वारा स्थानांतरित और तय किया जाना चाहिए।
LGBTQIA-Lesbian, Gay, Bisexual, Transgender, Queer/Questioning (one's sexual or gender identity), Intersex, and Asexual/Agender LGBTQIA+ फ़्लैग क्या है?
LGBTQQIP2SAA.
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विशेष विवाह अधिनियम, (SMA ) 1954
- यह अधिनियम समलैंगिक विवाह और विपरीत-लिंग वालों के बीच विवाह में भेदभाव करता है" और भारत में अंतर-धार्मिक एवं अंतर्जातीय विवाह को पंजीकृत एवं मान्यता प्रदान करता है। इसमें हिंदू, मुस्लिम, ईसाई, सिख, जैन और बौद्ध विवाह भी शामिल हैं।
- अधिनियम के तहत किसी धार्मिक औपचारिकता के निर्वहन की आवश्यकता नहीं होती है। यह अधिनियम न केवल विभिन्न जातियों और धर्मों के भारतीय नागरिकों पर ,बल्कि विदेशों में रहने वाले भारतीय नागरिकों पर भी लागू होता है।
- अधिनियम में समलैंगिक विवाह को "कानूनी अधिकारों के साथ-साथ सामाजिक मान्यता और स्थिति" दोनों से वंचित रखा गया है।
- इसकी धारा 4 ,जो किन्हीं दो व्यक्तियों के बीच विवाह की अनुमति को मंजूरी देती है ,जिसे दोबारा लागू करने की मांग की जा रही है।
IPC 377-
- यह ब्रिटिश भारत का एक अवशेष है, जिसके अनुसार "जो कोई भी स्वेच्छा से प्रकृति के आदेश के खिलाफ किसी भी पुरुष, महिला या जानवर के साथ यौन संबंध बनाता है, उसे दंडित किया जाएगा।"
रबड़ बागान
चर्चा में क्यों?
- हाल ही के एक अध्ययन अनुसार,. त्रिपुरा में उष्णकटिबंधीय जंगलों को प्राकृतिक रबड़ के बागानों में बदलने से ,यहाँ प्रजातियों और वनस्पतियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
प्रमुख बिंदु
प्राकृतिक रबड़
- प्राकृतिक रबड़ आइसोप्रीन (Isoprene) नामक रासायनिक अणु से बना हुआ एक बहुलक है।
- यह अमेज़न बेसिन में मूल रूप से पाया जाता है, जो 19वीं शताब्दी के अंत में एशिया और अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय देशों में में भी फ़ैल गया ।
जलवायु परिस्थितियाँ
- 200 सेमी. से अधिक की वर्षा
- नम और आर्द्र जलवायु
- 25 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान
- अच्छी जल निकासी वाली, भुरभुरी मिट्टी की आवश्यकता
भारत में रबड़ के बागान
- भारत, प्राकृतिक रबड़ में दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक और तीसरा सबसे बड़ा उपयोगकर्त्ता है।
- पारंपरिक उत्पादक क्षेत्र: मुख्य रूप से तमिलनाडु के कन्याकुमारी जिले और केरल में।
- गैर-पारंपरिक क्षेत्र: तटीय कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र का कोंकण क्षेत्र, तटीय आंध्र प्रदेश और उड़ीसा, पूर्वोत्तर क्षेत्र तथा अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह।