
Jan. 20, 2023
20 january 2023
यांग्त्ज़ी फ़िनलेस पोरपॉइज़
चर्चा में क्यों ?
- वैज्ञानिकों ने पाया कि रेत के खनन पर रोक से गंभीर रूप से लुप्तप्राय यांग्त्ज़ी फ़िनलेस पोरपॉइज़ की आबादी को फिर से बढ़ने में मदद मिल सकती है।
प्रमुख बिंदु
- पिछली रिपोर्टों से पता चला है कि रेत खनन के कारण पोरपॉइज़ को उनके आवास के कुछ हिस्सों से बाहर धकेल दिया गया था।
- यह उनकी आबादी को विभाजित करता है और उनमें तनाव बढ़ाता है, विशेष रूप से गर्भावस्था के दौरान।
- चीनी सरकार ने यांग्त्ज़ी नदी की पूरी लंबाई के साथ अवैध रेत खनन पर कार्रवाई की घोषणा की।
- यांग्त्ज़ी नदी एशिया की सबसे लंबी नदी है जो इन porpoises की आश्रय स्थली है।
- IUCN लाल सूची में स्थिति : गंभीर रूप से संकटग्रस्त
- यांग्त्ज़ी फ़िनलेस पोरपॉइज़ – यह जानवरों के उस समूह से संबंधित है जिसमें डॉल्फ़िन और व्हेल भी शामिल हैं। यह दुनिया का एकमात्र मीठे पानी का वृश्चिक है और 18 महीनों में सिर्फ एक बार प्रजनन करता है। ओवरफिशिंग, शिपिंग ट्रैफ़िक में वृद्धि और ध्वनि प्रदूषण सभी को पोरपॉइज़ की आबादी में गिरावट के साथ जोड़ा गया है।
- डोंगटिंग लेक ब्रिज के नीचे चलने वाले चैनल द्वारा यांग्त्ज़ी नदी के मुख्य भाग से जुड़ी हुई है।
- यांग्त्ज़ी फ़िनलेस पोरपॉइज़ अपनी शरारती मुस्कान के लिए जाना जाता है और इसमें गोरिल्ला की तुलना में बुद्धिमत्ता का स्तर अधिक होता है।
स्रोत- डाउन टू अर्थ
ASER रिपोर्ट
चर्चा में क्यों ?
- हाल ही में जारी ASER रिपोर्ट- 2022 के अनुसार, 6-14 वर्ष की आयु वर्ग के लगभग सभी (98.4%) छात्र अब स्कूलों में नामांकित हैं।
ASER सर्वेक्षण के बारे में:
- यह राष्ट्रीय सर्वेक्षण है जो स्कूलों में सीखने के परिणामों पर प्रकाश डालता है। इस सर्वेक्षण को प्रत्येक वर्ष 2005 से आयोजित किया जा रहा है।
- इसे प्रथम फाउंडेशन के द्वारा जारी किया जाता है।
- यह एक नागरिक-नेतृत्व वाला घरेलू सर्वेक्षण है जो राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर पर 3-16 आयु वर्ग के बच्चों के नामांकन की स्थिति और 5-16 आयु वर्ग के बच्चों के बुनियादी स्तर पर पढ़ने और अंकगणितीय स्तर का अनुमान प्रदान करता है।
- यह आखिरी बार 2018 में आयोजित किया गया था, इसलिए यह चार साल बाद सर्वेक्षण की वापसी को दर्शा रहा है।
सर्वेक्षण के परिणाम
- 616 जिलों के 19,060 स्कूलों के 7 लाख उम्मीदवारों का सर्वेक्षण किया गया है। महामारी से प्रभावित हुई पढ़ाई, पढ़ने और बुनियादी गणित की क्षमताओं में गिरावट आई है ।महाराष्ट्र में सरकारी स्कूली छात्रों के बीच गणित के ज्ञान में आश्चर्यजनक गिरावट देखने को मिली।
- मणिपुर में सभी पूर्वोत्तर राज्यों में सरकारी स्कूल नामांकन दर सबसे कम थी।
- ASER- 2022 सर्वेक्षण, स्कूली बच्चों पर महामारी के बाद सीखने के परिणामों की गणना करने के लिए गया था।
- नामांकन 2018 में 97.2 प्रतिशत से बढ़कर 2022 में 98.4 प्रतिशत हो गया है।
- सर्वेक्षण में शामिल 72.9 प्रतिशत छात्र सरकारी स्कूलों में जाते हैं।
- केवल तीन राज्यों में, स्कूल न जाने वाली लड़कियों की संख्या 10% से ऊपर है - मध्य प्रदेश (17%), उत्तर प्रदेश (15%) और छत्तीसगढ़ (11.2%)।
- राष्ट्रीय स्तर पर, बच्चों की बुनियादी पढ़ने की क्षमता 2012 के पूर्व के स्तर तक गिर गई है, जो बीच के वर्षों में प्राप्त धीमे सुधार को उलट देती है।
- सरकारी और निजी दोनों स्कूलों में, कक्षा 3 के केवल 20.5% छात्र पढ़ सकते हैं, जबकि 2018 में यह 27.3% था।
- कक्षा 5 के पढ़ने वाले छात्रों का अनुपात 2022 में घटकर 42.8% रह गया है, जबकि 2018 में यह 50.5% था।
स्रोत- इंडियन एक्सप्रेस
स्पॉट बेलीड ईगल उल्लू
चर्चा में क्यों ?
- हाल ही में पहली बार आंध्र प्रदेश के शेषाचलम जंगल में स्पॉट बेलीड ईगल उल्लू को देखा गया।
स्पॉट बेलीड ईगल उल्लू :
- वैज्ञानिक नाम: बुबो निपलेंसिस।
- स्पॉट बेलीड ईगल उल्लू को वन ईगल-उल्लू के रूप में भी जाना जाता है।
- ये बड़े, बहुत शक्तिशाली और निर्भीक शिकारी पक्षी हैं।
- इसकी लंबाई लगभग 50 से 65 सेमी. और वजन 1500 से 1700 ग्राम होता है।
- यह "पक्षी इंसानों के समान अजीब तरह चीखता है और इसलिए इसे भारत में 'जंगल का भूत' और श्रीलंका में 'डेविल बर्ड' कहा जाता है।"
- यह वन में रहने वाली प्रजाति है जो भारत, श्रीलंका, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, म्यांमार, चीन, थाईलैंड, लाओस, कंबोडिया और वियतनाम में पाई जाती है।
- ये प्रजातियाँ 300 से 3000 मीटर की ऊँचाई पर पाई जाती हैं।
- IUCN स्थिति : कम चिंताजनक (LC)
- वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972: अनुसूची IV
- CITES (जंगली जीवों और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन): परिशिष्ट II
शेषाचलम हिल्स:
- शेषाचलम पहाड़ियाँ आंध्र प्रदेश में पूर्वी घाट का एक हिस्सा हैं।
- यह सात पहाड़ियों का एक समूह है, जिनके नाम शेषाद्रि, नीलाद्रि, गरुदाद्रि, अंजनाद्रि, वृषभाद्रि, नारायणाद्रि और वेंकटाद्रि हैं।
- शेषाचलम पहाड़ियों में चूना पत्थर के साथ बलुआ पत्थर और शैल शामिल हैं।
- तिरुपति, जिसे भारत के प्रमुख हिंदू तीर्थस्थलों में से एक माना जाता है, इन पहाड़ियों में स्थित है।
- यहाँ लाल चंदन के बड़े भंडार पाए जाते हैं।
स्रोत- द हिन्दू
विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक-2023
चर्चा में क्यों ?
- हाल ही में, केंद्रीय मंत्री ने दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) को संबोधित किया।इनके अनुसार भारत $ 10-ट्रिलियन अर्थव्यवस्था की राह पर आगे बढ़ रहा है।
प्रमुख बिंदु
- WEF की वार्षिक बैठक दावोस में 16 जनवरी से 20 जनवरी, 2023 तक चलेगी।
- 2023 के शिखर सम्मेलन का विषय "एक खंडित विश्व में सहयोग" है।
- यह विश्व आर्थिक मंच शिखर सम्मेलन का 53वां संस्करण है।
विश्व आर्थिक मंच
- विश्व आर्थिक मंच स्विट्ज़रलैंड में स्थित एक ग़ैर-लाभकारी संस्था है।
- स्विस अधिकारियों द्वारा इसे एक निजी-सार्वजनिक सहयोग के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था के रूप में मान्यता प्राप्त हुई है।
- इसकी स्थापना जनवरी,1971 में जर्मन इंजीनियर और अर्थशास्त्री क्लाउस श्वाब ने की थी।
- इसका उद्देश्य विश्व के व्यावसायिक, राजनीतिक, शैक्षिक और अन्य क्षेत्रों में अग्रणी लोगों को एक साथ लाकर वैश्विक, क्षेत्रीय और औद्योगिक दिशा तय करना है।
- मुख्यालय: जिनेवा, स्विट्जरलैंड।
- इसकी कोई स्वतंत्र निर्णय लेने की शक्ति नहीं है।
- वार्षिक रूप से, WEF स्विट्जरलैंड के पूर्वी आल्प्स क्षेत्र,दावोस, में जनवरी के अंत में एक बैठक आयोजित करता है। इस वार्षिक बैठक को ‘दावोस एजेंडा’ के रूप में भी जाना जाता है।
- WEF द्वारा प्रकाशित अन्य रिपोर्ट्स
- Global Competitiveness Report (वैश्विक प्रतिस्पर्धा रिपोर्ट)
- Global Information Technology Report (वैश्विक सूचना प्रौद्योगिकी रिपोर्ट),
- Global Gender Gap Report (ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट)
- Global Risks Report (वैश्विक जोखिम रिपोर्ट),
- Global Travel and Tourism Report (वैश्विक यात्रा और पर्यटन रिपोर्ट),
- Financial Development Report (वित्तीय विकास रिपोर्ट )और
- Global Enabling Trade Report (वैश्विक सक्षम व्यापार रिपोर्ट)
भारत की भागीदारी
- 2023 में भारत के साथ फोरम के सहयोग के 36 वर्ष पूरे हुए ।
- शिखर सम्मेलन में, भारत का प्रतिनिधित्व एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल द्वारा किया जाता है जिसमें केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री, व्यापारिक नेता आदि शामिल होते हैं।
- भारत ने शिखर सम्मेलन में वैश्विक निवेशकों को स्थिर नीति प्रदान करने वाले एक मजबूत नेतृत्व के साथ एक लचीली अर्थव्यवस्था के रूप में अपनी स्थिति को दोहराया है।
- भारत ने महामारी से उत्पन्न मानवीय और आर्थिक संकटों से निपटने के लिए एक व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाया और देश में मध्यम मुद्रास्फीति और उच्च विकास सुनिश्चित किया।
- भारत @ 100: $ 26 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था की क्षमता को साकार करना है, इसलिए एक रिपोर्ट लांच की गयी है
- इस रिपोर्ट के अनुसार, देश की आजादी के 100वें वर्ष 2047 तक भारत की अर्थव्यवस्था 26 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगी।
रिपोर्ट के अन्य मुख्य बिंदु
- यह रिपोर्ट भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास पथ को रेखांकित करती है, जो आने वाले दशकों में किसी भी बड़ी अर्थव्यवस्था के लिए उच्चतम होने का अनुमान है।
- यह मैक्रो-इकोनॉमिक स्थिरता और लचीलापन सुनिश्चित करने तथा सुधारों पर निरंतर बल देने की सिफारिश करती है।
- यह चल रहे भू-राजनीतिक संघर्ष, मुद्रास्फीति के दबाव और धीमी वैश्विक वृद्धि की पृष्ठभूमि के खिलाफ विशेष रूप से प्रासंगिक होगी।
राष्ट्रीय कोयला सूचकांक
चर्चा में क्यों ?
- हाल ही में, कोयला मंत्रालय ने राष्ट्रीय कोयला सूचकांक (NCI) पर आधारित प्रदर्शन बैंक गारंटी (PBG) के संशोधन में छूट की पेशकश की और वाणिज्यिक कोयला ब्लॉक नीलामी के लिए बोली की नियत तिथि को बढ़ा दिया।
राष्ट्रीय कोयला सूचकांक क्या है?
- इसे वर्ष 2020 में शुरू किया गया था, ताकि यह वास्तव में बाजार मूल्य को दर्शाए।
- इसका आधार वर्ष वित्त वर्ष 2017-18 है।
- NCI एक मूल्य सूचकांक है जो निश्चित आधार वर्ष के सापेक्ष किसी विशेष महीने में कोयले के मूल्य स्तर में परिवर्तन को दर्शाता है।
- यह मूल्य सूचकांक सभी बिक्री चैनलों; जैसे- अधिसूचित मूल्य, नीलामी मूल्य और आयात मूल्य से कोयले की कीमतों को जोड़ता है।
कोयला नीलामी क्या है?
- 2014 में एक नीलामी-आधारित व्यवस्था शुरू की गई थी, जिसमें निजी क्षेत्र की भागीदारी की अनुमति थी। इस क्षेत्र को हाल ही में निजी क्षेत्र द्वारा वाणिज्यिक खनन के लिए खोला गया है।
स्रोत- बिजनेस स्टैण्डर्ड