Dec. 17, 2022

16 december 2022

स्वदेश दर्शन योजना

चर्चा में क्यों?

  • पर्यटन मंत्रालय द्वारा ओडिशा सहित देश में विकास के लिए इको-टूरिज्म को एक महत्वपूर्ण पर्यटन क्षेत्र के रूप में चिन्हित किया गया है। 

प्रमुख बिंदु 

  • कार्यान्वयन मंत्रालय: पर्यटन मंत्रालय द्वारा। 
  • योजना का प्रकार: केंद्रीय क्षेत्र योजना द्वारा।
  • लॉन्च :2014-15 में।

उद्देश्य: 

  • भारत को विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल बनाने के लिए महत्वपूर्ण पर्यटन अवसंरचना का विकास करना।
  • इस योजना का स्वच्छ भारत अभियान, स्किल इंडिया, मेक इन इंडिया आदि जैसी अन्य योजनाओं के साथ सामंजस्य स्थापित स्थापित करने की परिकल्पना की गई है, जिसमें पर्यटन क्षेत्र को रोजगार सृजन के लिए एक प्रमुख इंजन के रूप में स्थापित करने, आर्थिक विकास के लिए प्रेरक शक्ति तथा विभिन्न क्षेत्रों के साथ तालमेल बनाने का विचार संकल्पित है,ताकि पर्यटन क्षेत्र को बेहतर बनाया जा सके।

सर्किट:  

  • इस योजना के तहत हिमालयन सर्किट, नॉर्थ ईस्ट सर्किट, कृष्णा सर्किट, बौद्ध सर्किट और कोस्टल सर्किट, डेजर्ट सर्किट, ट्राइबल सर्किट, इको सर्किट, वाइल्डलाइफ सर्किट, रूरल सर्किट, स्पिरिचुअल सर्किट, रामायण सर्किट, हेरिटेज सर्किट, तीर्थंकर सर्किट और सूफी सर्किट के विकास के लिए 15 सर्किट क्षेत्रों की पहचान की गई है।  

स्वदेश दर्शन योजना 2.0

  • इसका उद्देश्य नीति और संस्थागत सुधारों द्वारा समर्थित पर्यटन और संबद्ध बुनियादी ढांचे, पर्यटन सेवाओं, मानव पूंजी विकास, गंतव्य प्रबंधन और प्रचार को कवर करने वाले स्थायी और जिम्मेदार पर्यटन स्थलों को विकसित करने के लिए स्वदेश दर्शन योजना को एक समग्र मिशन के रूप में विकसित करना है।

इस योजना के तहत पर्यटन के लिए प्रमुख विषयों की पहचान की गई है।

  • संस्कृति और विरासत
  • रोमांचक पर्यटन
  • पारिस्थितिकी पर्यटन
  • स्वास्थ्य पर्यटन
  • MICE पर्यटन
  • ग्रामीण पर्यटन
  • समुद्र तट पर्यटन
  • परिभ्रमण - महासागर और अंतर्देशीय

स्रोत- पीआईबी 

वायु प्रदूषण

चर्चा में क्यों?

  • विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए समस्त दक्षिण एशिया में प्रयासों की आवश्यकता है।

प्रमुख बिंदु 

  • रिपोर्ट के अनुसार, सरकार द्वारा मौजूदा उपायों से पार्टिकुलेट मैटर को कम किया जा सकता है, महत्वपूर्ण कमी तभी संभव है जब एयरशेड में फैले क्षेत्र समन्वित नीतियों को लागू करें।
  • वर्तमान में 60% से अधिक दक्षिण एशियाई सालाना औसतन 35 g/m3 PM2.5 के संपर्क में हैं।
  • भारत-गंगा के मैदान (IGP) के कुछ हिस्सों में यह 100 g/m3 तक बढ़ गया जो विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अनुशंसित 5 g/m3 की ऊपरी सीमा का लगभग 20 गुना है।
  • रिपोर्ट के अनुसार, भारत में छह बड़े एयरशेड हैं, जिनमें से कुछ पाकिस्तान के साथ साझा किए गए हैं, जिनके बीच वायु प्रदूषक सक्रिय रहते हैं।
  • दक्षिण एशिया में छह प्रमुख एयरशेड, जहाँ एक की वायु की गुणवत्ता ने दूसरे को प्रभावित किया: 
  • पश्चिम/मध्य IGP: पंजाब (पाकिस्तान), पंजाब (भारत), हरियाणा, राजस्थान का भाग, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश;
  • मध्य/पूर्वी IGP: बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखंड, बांग्लादेश;
  • मध्य भारत: ओडिशा/छत्तीसगढ़; 
  • मध्य भारत: पूर्वी गुजरात/पश्चिमी महाराष्ट्र;
  • उत्तरी/मध्य सिंधु नदी का मैदान: पाकिस्तान, अफगानिस्तान का हिस्सा;  तथा
  • पश्चिम और दक्षिणी सिंधु का मैदान: दक्षिण पाकिस्तान, पश्चिमी अफगानिस्तान, जो पूर्वी ईरान तक फैला हुआ है।
  • जब हवा की दिशा मुख्य रूप से उत्तर-पश्चिम से दक्षिण पूर्व की ओर थी, तो भारतीय पंजाब में 30% वायु प्रदूषण पाकिस्तान के पंजाब प्रांत से आया और औसतन 30% वायु प्रदूषण बांग्लादेश के सबसे बड़े शहरों से (ढाका, चटगाँव, और  खुलना) भारत में उत्पन्न हुआ।
  • कुछ वर्षों में, सीमाओं के पार दूसरी दिशा में पर्याप्त प्रदूषण प्रवाहित हुआ।
  • यदि दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र 2030 तक सभी वायु प्रदूषण नियंत्रण उपायों को पूरी तरह से लागू करता है, जबकि दक्षिण एशिया के अन्य हिस्से वर्तमान नीतियों का पालन करना जारी रखते हैं, तो यह प्रदूषण जोखिम 35 g/m3 से कम नहीं रहेगा।  हालाँकि, यदि दक्षिण एशिया के अन्य भागों ने भी सभी संभव उपायों को अपनाया, तो यह प्रदूषण स्तर को कम करने में सहायक होगा। 

स्रोत- द हिन्दू 

अग्नि-V

चर्चा में क्यों?

  •  

प्रमुख बिंदु 

  • प्रकार: यह सतह से सतह पर मार करने वाली परमाणु सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल है। 
  • वारहेड: यह परमाणु और पारंपरिक दोनों तरह के हथियार ले जा सकती है।
  • रेंज: अग्नि- V, 5,000 किमी से अधिक की रेंज के साथ, भारत की सबसे लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है जो चीन के अधिकांश हिस्सों तक पहुंच सकती है, जिससे यह परमाणु हथियार ले जाने हेतु भारत की तिकड़ी का मुख्य आधार बन जाती है।
  • आयाम: यह दो मीटर व्यास वाली 17 मीटर लंबी मिसाइल है। 
  • विकास: इसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है।
  • प्रौद्योगिकियां: अग्नि-V, अग्नि श्रृंखला की सबसे उन्नत मिसाइल है, जिसमें उच्च सटीकता वाली रिंग लेजर गायरो आधारित जड़त्वीय नेविगेशन प्रणाली (RINS) और माइक्रो नेविगेशन सिस्टम (MINS) शामिल है, जो मिसाइल की सटीकता में सुधार करती है।
  • अग्नि- V के साथ भारत, अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन जैसे देशों के विशिष्ट क्लब में शामिल हो गया है, जो अंतर-महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) क्षमताओं का दावा करते हैं।

स्रोत- ऑल इंडिया रेडियो 

 

भारत जल प्रभाव शिखर सम्मेलन

चर्चा में क्यों?

  • हाल ही में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने भारत जल प्रभाव शिखर सम्मेलन के 7वें संस्करण का उद्घाटन किया। 

भारत जल प्रभाव शिखर सम्मेलन के 7वें संस्करण के बारे में: 

  • इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य विचलन के संभावित कारणों की जानकारी देना और अभिसरण प्राप्त करने के लिए रणनीति तैयार करना है। 
  • इसका आयोजन नीति आयोग द्वारा डॉ अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर (DAIC), 15 जनपथ, नई दिल्ली में किया जाता है।
  • देश-विदेश के विशेषज्ञ बड़ी नदी घाटियों में छोटी नदियों को बचाने के तरीकों पर चर्चा कर रहे हैं।

थीम: 

  • '5P- लोग (people), नीति (policy), योजना (plan), कार्यक्रम (programme) और परियोजना (project) के मानचित्रण और अभिसरण' के चुनिंदा पहलुओं पर बल देने के साथ 'एक बड़े बेसिन में छोटी नदियों की बहाली और संरक्षण'।

वित्त मंच: 

  • यह शिखर सम्मेलन "वित्त फोरम" की भी मेजबानी करेगा, जो एक विशेष ट्रैक है जो नदी बहाली और संरक्षण कार्यक्रमों में रुचि रखने वाले वैश्विक वित्तीय संस्थानों और निवेशकों को एक साथ लाएगा।
  • 2022 का शिखर सम्मेलन, पहले के शिखर सम्मेलनों की तरह, विश्व की उन दर्जनों प्रौद्योगिकी और नवाचार कंपनियों को भी अवसर प्रदान करेगा जो हमारी नदी घाटियों से संबंधित विभिन्न मुद्दों और चिंताओं को दूर करने के लिए भारत में समाधान लाने की इच्छुक हैं।

स्रोत- ऑल इंडिया रेडियो 

यूथ को:लैब

चर्चा में क्यों?

  • हाल ही में यूथ को:लैब का 5वां संस्करण 15 दिसंबर, 2022 को लॉन्च किया गया। 

प्रमुख बिंदु 

  • यूथ को:लैब 2019 में यूएनडीपी इंडिया द्वारा अटल इनोवेशन मिशन, नीति आयोग के साथ संयुक्त रूप से शुरू की गई एक पहल है।
  • यूथ को:लैब को यूएनडीपी और सिटी फाउंडेशन, यूथ को:लैब द्वारा 2017 में स्थापित किया गया था।
  • यह सतत विकास लक्ष्यों (SDG) से सम्बंधित वैश्विक चुनौतियों का समाधान खोजने में युवाओं को सबसे आगे रखकर चुनौतियों से निपटने के लिए एक बहु-आयामी और बहु-स्तरीय प्रतिक्रिया है।
  • इसका उद्देश्य नेतृत्व, सामाजिक नवाचार और उद्यमिता के माध्यम से सतत विकास लक्ष्यों (SDG) के कार्यान्वयन में तेजी लाने के लिए एशिया-प्रशांत देशों में निवेश करने और युवाओं को सशक्त बनाने के लिए एक सामान्य एजेंडा स्थापित करना है। 
  • यूथ को: लैब पहल, आज तक, 28 देशों और क्षेत्रों में लागू की गई है जो 200,000 से अधिक प्रतिभागियों तक पहुंच रही है, 11,000 से अधिक युवा सामाजिक उद्यमियों को लाभान्वित कर रही है और 1,240 से अधिक सामाजिक उद्यमों का समर्थन कर रही है।
  • यूथ को: लैब के माध्यम से, 30 प्रारंभिक चरण के स्टार्ट-अप को स्प्रिंगबोर्ड प्रोग्राम द्वारा समर्थित किया जाएगा और सर्वश्रेष्ठ को उनके स्टार्ट-अप को बढ़ाने के लिए अनुदान प्रदान किया जाएगा।

यूथ को: लैब 2022-23 के लिए 5 फोकस विषयगत क्षेत्र हैं:

  • युवाओं के लिए डिजिटल और वित्तीय साक्षरता
  • लैंगिक समानता और महिला आर्थिक अधिकारिता
  • जैव विविधता संरक्षण पर केंद्रित फिनटेक समाधान विकसित करना
  • वित्त में तकनीकी समाधान के माध्यम से जैव विविधता के अनुकूल जीवन शैली को बढ़ावा देना
  • अपसाइक्लिंग इनोवेशन के जरिए सर्कुलर इकोनॉमी में तेजी लाना
  • LiFE के लिए व्यावहारिक संकेत (पर्यावरण के लिए जीवन शैली)

स्रोत- पीआईबी