Nov. 14, 2022

12 november 2022

 


श्री नादप्रभु केम्पेगौड़ा

चर्चा में क्यों ?

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेंगलुरु में केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर, श्री नादप्रभु केम्पेगौड़ा की 108 फीट ऊँची कांस्य प्रतिमा का अनावरण किया|

बेंगलुरू के संस्थापक नादप्रभु केम्पेगौड़ा के योगदान को याद करने के लिए 'स्टैच्यू ऑफ प्रॉस्पेरिटी' का निर्माण  किया गया|

प्रतिमा को प्रसिद्ध मूर्तिकार और पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित राम वनजी सुतार द्वारा डिजाइन किया गया है,  सुतार ने गुजरात में 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' और बेंगलुरु की विधानसभा में महात्मा गांधी जी की प्रतिमा का निर्माण भी किया था |

नादप्रभु केम्पेगौड़ा के बारे में:

  • नादप्रभु हिरिया केम्पेगौड़ा (1510 - 1569) को केम्पेगौड़ा के नाम से भी जाना जाता है| नादप्रभु केम्पेगौड़ा, विजयनगर साम्राज्य मेंएक सरदार थे, इन्हें 1537 में बेंगलुरु शहर की नींव रखने का श्रेय दिया जाता है|
  • इन्हें अपने सामाजिक सुधारों और बेंगलुरु के मंदिरों और जलाशयों के निर्माण में योगदान के लिए भी जाना जाता है|
  • शहर के लिए केम्पेगौड़ा की प्रारंभिक योजना मंदिर, किला, पानी की टंकी और एक छावनी बनाने की थी| सम्राट अच्युतराय से अनुमति प्राप्त करने के बाद, मुखिया ने 1537 ईस्वी में बैंगलोर किले और शहर का निर्माण करवाया|
  • उन्हें विशेष रूप से वोक्कालिगा समुदाय द्वारा पूजा जाता है जो पुराने मैसूर और दक्षिणी कर्नाटक के अन्य हिस्सों में बेहद प्रमुख हैं|
  • उनके सामाजिक सुधारों में से एक बेहद अहम् मोरासु वोक्कालिगा के रिवाज "बंदी देवारू" के दौरान अविवाहित महिलाओं के बाएं हाथ की अंतिम दो उंगलियों को काटने की प्रथा को प्रतिबंधित करना था|

 

SC ने राजीव गाँधी हत्या के दोषियों को किया रिहा

चर्चा में क्यों ?

सुप्रीम कोर्ट ने राजीव गांधी हत्याकांड के 6 दोषियों को रिहा कर दिया है|

राजीव गांधी की 21 मई, 1991 की रात को तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में हत्या कर दी गई थी|

प्रमुख बिंदु :

  • 2014 में, सुप्रीम कोर्ट ने राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों में से ,एजी पेरारिवलन की मृत्युदंड की दया याचिका के फैसला पर हुई अनुचित और अस्पष्ट देरी के कारण सजा को उम्रकैद में बदल दिया था|
  • 2018 में, पेरारिवलन ने संविधान के अनुच्छेद- 161 के तहत राज्यपाल (तमिलनाडु) को एक प्रारंभिक रिहाई आवेदन प्रस्तुत किया|
  • तमिलनाडु के तत्कालीन राज्यपाल ने याचिका को सविधान के अनुच्छेद-201 के तहत भारत के राष्ट्रपति के पास भेजने का फैसला किया| तमिलनाडु सरकार ने इस 'संदर्भ' पर आपत्ति जताई, जिसकी कोई वैधानिक या संवैधानिक वैधता नहीं है|
  • 2018 में पेरारिवलन और तमिलनाडु सरकार ने, रिहाई में हुई देरी के कारण सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और तत्कालीन तमिलनाडु सरकार द्वारा उनकी सजा को कम करने की सिफारिश की गई|

 2022 में सुप्रीम कोर्ट का फैसला:

  • सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में संविधान के अनुच्छेद-142 के तहत शक्तियों का आह्वान करते हुए एजी पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश दिया|
  • कोर्ट के अनुसार अनुच्छेद-161 के तहत राज्यपाल द्वारा पेरारीवलन की जल्द रिहाई की याचिका पर निर्णय लेने में हुई देरी ने उनकी रिहाई का मार्ग सरल किया | तमिलनाडु के राज्यपाल द्वारा अनुच्छेद-161 के तहत अपनी शक्तियों केप्रयोग में अत्यधिक देरी न्यायिक समीक्षा के अधीन हो सकती है|
  • कोर्ट के अनुसार राज्य सरकार कोहत्या के मामलों से संबंधित क्षमा/छूट याचिकाओं में राज्यपाल की सहायता और सलाह देने का अधिकार है|

संविधान के अनुच्छेद-142 

  • अनुच्छेद-142 उच्चतम न्यायालय को पक्षकारों के बीच "पूर्ण न्याय" करने के लिए अद्वितीय शक्ति प्रदान करता है, जिसे कानून प्रदान नहीं कर सकता है|
  • संविधान निर्माताओं ने महसूस किया कि यह प्रावधान उन लोगों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, जिन्हें न्यायिक प्रणाली की वंचित स्थिति के कारण अपनी आवश्यक राहत प्राप्त करने में देरी का खामियाजा भुगतना पड़ता है|

मनोहर लाल शर्मा बनाम प्रमुख सचिव: सर्वोच्च न्यायालय, कानून के शासन में विश्वास बढ़ाने के लिए जनता के व्यापक हित में हस्तक्षेप करने वाली असाधारण परिस्थितियों से निपट सकता है|

यूनियन कार्बाइड कॉर्पोरेशन बनाम भारत संघ: भोपाल गैस त्रासदी मामले में, सुप्रीम कोर्ट ने पीड़ितों को मुआवजा देने का आदेश दिया और खुद को संसदीय कानूनों से ऊपर रखा|

संविधान का अनुच्छेद-161:

  • संविधान के अनुच्छेद- 161 के तहत, किसी राज्य के राज्यपाल के पास क्षमादान शक्ति होगी|
  • एक राज्यपाल किसी राज्य के कानून के खिलाफ किसी भी अपराध के लिए दोषी ठहराए गए किसी भी व्यक्ति की सजा को माफ कर सकता है, उसे रोक सकता है, राहत दे सकता है और सजा को निलंबित कर सकता है, हटा सकता है और कम कर सकता है|
  • परन्तु अनुच्छेद-161 के तहत सजा कम करने/छूटने से संबंधित मामलों में राज्य मंत्रिमंडल की सलाह राज्यपाल के लिए बाध्यकारी है|
  • अनुच्छेद -161 के तहत राज्यपाल द्वारा पारित आदेश न्यायिक समीक्षा के अधीन हो सकता हैं|

भारत का आर्थिक विकास

चर्चा में क्यों ?

मूडीज इन्वेस्टर सर्विसेज ने 2022 के लिए भारत के आर्थिक विकास के अनुमान को 70 आधार अंकों से घटाकर 7 % कर दिया है|  यह वैश्विक विकास पूर्वानुमान के नीचे संशोधन के अनुरूप है|

प्रमुख बिंदु

  • अधोमुखी संशोधन उच्च मुद्रास्फीति, उच्च ब्याज दरों और धीमी वैश्विक वृद्धि को मानता है जो अपेक्षा से अधिक आर्थिक गति को कम कर देगा|
  • रुपये के कमजोर होने और तेल की ऊँची कीमतों से मुद्रास्फीति पर लगातार दबाव बना हुआ है, जो इस वर्ष के अधिकांश समय के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के '4 -/+ 2 प्रतिशत' लक्ष्य सीमा से ऊपर बना हुआ है|
  • वार्षिक हेडलाइन थोक मूल्य मुद्रास्फीति जुलाई में 7 % से नीचे गिरने के बाद सितंबर, 2022 में बढ़कर 7.5% हो गई|
  • थोक मूल्य मुद्रास्फीति, हालांकि, लगातार चार महीनों से गिरावट के कारण 10.7 % हो गई है|

अन्य संशोधन:

  • अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद के अनुमान को 60 आधार अंकों से घटाकर 6.8% कर दिया, जो पहले 7.4% अनुमानित था|

क्रायोजेनिक इंजन

चर्चा में क्यों ?

हाल ही में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने CE20 क्रायोजेनिक इंजन का सफल परीक्षण किया|

प्रमुख बिंदु :

  • ISRO ने , CE20 क्रायोजेनिक इंजन LVM3 के लिए स्वदेशी रूप से विकसित किया|
  • यह अतिरिक्त प्रोपेलेंट लोडिंग के साथ LVM3 पेलोड क्षमता को 450 किलोग्राम तक बढ़ा देगा|
  • लॉन्च व्हीकल MARK-III पहली बार 21.8 टन के उन्नत थ्रस्ट स्तर पर गर्म परीक्षण से गुजरा है |
  • पिछले इंजनों की तुलना में यह परीक्षण  प्रणोद नियंत्रण के लिए, प्रणोद नियंत्रण वाल्व (टीसीवी) की शुरूआत करता है |
  • गर्म परीक्षण के अलावा, पहली बार इंजन में एक 3डी प्रिंटेड एलओएक्स और एलएच2 टर्बाइन एग्जॉस्ट केसिंग शामिल किया गया है | LVM-3 इसरो का सबसे भारी प्रक्षेपण यान है|