Dec. 5, 2022

ई-रुपी (e-Rupee)

चर्चा में क्यों ?

  • हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा आम आदमी के लिए सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) - डिजिटल रुपया या ई-रुपी (e-Rupee) लॉन्च किया गया। 
  • इसकी चर्चा भारत सरकार ने अपने 2022 के केंद्रीय बजट में भी की थी।

CBDC या डिजिटल रुपया क्या है?

  • CBDC डिजिटल रूप में RBI द्वारा जारी एक कानूनी निविदा है, जिसे एक बैंकनोट के डिजिटल समतुल्य के रूप में प्रयोग किया जा सकेगा।
  • ई-रुपी संप्रभु कागज मुद्रा के समान है, लेकिन इसका रूप अलग है, जो मौजूदा मुद्रा के बराबर विनिमय योग्य है। यह फिएट करेंसी के समान है।फिएट करेंसी- सरकार द्वारा जारी एक मुद्रा है। केंद्रीय बैंक फिएट मुद्रा से मुद्रित धन की मात्रा को नियंत्रित करता है।
  • यह एक प्रतिस्थापित(fungible) लीगल टेंडर है, जिसके लिए धारकों के पास बैंक खाता होना आवश्यक नहीं है। 
  • CBDC, केंद्रीय बैंक की बैलेंस शीट पर देयता के रूप में दिखाई देगी।
  • RBI के अनुसार, ई-रुपी को 'टोकन आधारित' या 'खाता-आधारित' रूप दिया सकता है।
  • यह एक टोकन-आधारित CBDC बैंकनोट्स की तरह एक वाहक उपकरण होगा, जिसका अर्थ है कि व्यक्ति टोकन धारण करते ही उसका स्वामी बन जाएगा।
  •  इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में 4 शहरों - मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में शुरू किया जाएगा। इन चयनित शहरों के चुनिंदा ग्राहकों को RBI गवर्नर के हस्ताक्षर के साथ डिजिटल रूप से प्रिंट किए गए नोट और CBDC वॉलेट प्रदान किया जायेगा।
  • पायलट प्रोजेक्ट के तहत 8 बैंक भाग लेंगे, जिसमें SBI,ICICI बैंक,YES  बैंक, IDFC फर्स्ट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, HDFC बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक शामिल हैं।
  • लेन-देन प्रक्रिया व्यक्ति से व्यक्ति (P2P) और व्यक्ति से व्यापारी (P2M) दोनों हो सकती हैं। P2M लेन-देन के लिए, व्यापारी के स्थान पर QR कोड शामिल होंगे।
  • एक उपयोगकर्त्ता, बैंकों से डिजिटल टोकन उसी तरह वापस ले सकेगा जैसे वह वर्तमान में भौतिक नकदी निकाल सकता है। वह अपने डिजिटल टोकन को वॉलेट में रख सकता है, ऑनलाइन या व्यक्तिगत रूप से खर्च कर सकता है, या उन्हें ऐप के माध्यम से स्थानांतरित कर सकता है।

CBDC -अन्य वॉलेट से अलग कैसे?

  • GooglePAY और Paytm जैसे UPI आधारित ऐप में दैनिक और प्रति-लेन-देन खर्च की एक सीमा होती है, परन्तु RBI ने CBDC वॉलेट में डिजिटल रुपये रखने की कोई सीमा तय नहीं की है। कर के मामलों में 2 लाख रुपये से अधिक के डिजिटल रुपये के लेन-देन की सूचना दी जानी आवश्क होती है।
  • इसमें भुगतान अंतिम रूप से संपन्न होता है जो वित्तीय प्रणाली में निपटान जोखिम को कम करता है। जब बैंक बैलेंस के बजाय CBDC का लेन-देन किया जाता है, तो इंटरबैंक सेटलमेंट की आवश्यकता गायब हो जाती है। 
  • CBDC, भुगतान प्रणालियों के अधिक वास्तविक समय (Real time ) और लागत प्रभावी वैश्वीकरण को भी सक्षम बनाता है।

 

ई-रुपी के प्रकार

  • डिजिटल रुपये के उपयोग,कार्य और पहुंच के विभिन्न स्तरों के आधार पर RBI ने डिजिटल रुपये को खुदरा और थोक श्रेणियों में सीमांकित किया है।
  • खुदरा ई-रुपया –यह  मुख्य रूप से खुदरा लेनदेन के लिए नकद का एक इलेक्ट्रॉनिक संस्करण है,जो किसी के द्वारा भी उपयोग किया जा सकता है। यह भुगतान और निपटान के लिए सुरक्षित धन तक पहुंच प्रदान करता है।
  • थोक ई-रुपया- इसे चुनिंदा वित्तीय संस्थानों तक सीमित पहुंच के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसे सरकारी प्रतिभूतियों (G-sec ) और अंतर-बैंक बाजार में बैंकों द्वारा किए गए वित्तीय लेन-देन के लिए प्रयोग किया जाएगा। यह पूंजी बाजार को परिचालन लागत, संपार्श्विक के उपयोग के मामले में अधिक कुशल और सुरक्षित बनाता है और तरलता प्रबंधन में सहायता करता है।

ई-रुपी की आवश्यकता क्यों ?

  • ब्लॉकचेन तकनीक का लाभ उठाना। 
  • भारत का $1 ट्रिलियन की डिजिटल अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य पूरा करना है। 
  • थोक हो या खुदरा, एक पारदर्शी और कुशल तकनीक पर आधारित डिजिटल रुपया ग्राहकों को भुगतान प्रणाली तक निरंतर पहुंच प्रदान करेगा।

ई-रुपी के लाभ 

  • CBDC के पास महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करने की क्षमता है; जैसे- नकदी पर निर्भरता में कमी , कम लेन-देन लागत  और कम निपटान जोखिम।
  • बड़े पैमाने पर नकदी के उपयोग को CBDC द्वारा प्रतिस्थापित किया जा सकता है और मुद्रा की छपाई, परिवहन, भंडारण और वितरण जैसे भौतिक नकदी प्रबंधन से जुड़ी परिचालन लागत को कम करने के साथ-साथ, यह निपटान दक्षता को भी बढ़ाएगी।
  • अन्य डिजिटल भुगतान प्रणालियों की तुलना में डिजिटल रुपये के कुछ स्पष्ट लाभ हैं; जैसे- इसमें भुगतान अंतिम  होते हैं, और इस प्रकार वित्तीय प्रणाली में निपटान जोखिम को कम करते हैं। 
  • जब बैंक बैलेंस के बजाय CBDC का लेन-देन किया जाता है, तो इंटरबैंक सेटलमेंट की आवश्यकता गायब हो जाती है।
  • CBDC, भुगतान प्रणालियों के अधिक वास्तविक समय और लागत प्रभावी लेन-देन को सक्षम बनाती है।
  • यह सीमा पार भुगतान एवं नवाचार को बढ़ावा देगी।साथ ही जनता को जोखिमरहित किसी भी निजी आभासी मुद्रा के समान विकल्प की सुविधा प्रदान करेगी।

संभावित प्रश्न

प्रश्न- डिजिटल मनी में कौन निवेश कर सकता है ?

(a)  बाहरी निवेशक                                     (b)  केवल सरकार

(c)  थोक और खुदरा ग्राहक                            (D)  उपर्युक्त सभी।