Dec. 8, 2022

07 december 2022

 

प्रिंट और डिजिटल मीडिया एसोसिएशन (PADMA)

चर्चा में क्यों?

  • सरकार ने देश भर में समाचार और समसामयिक मामलों के प्रकाशकों के लिए एक स्व-नियामक निकाय के रूप में प्रिंट और डिजिटल मीडिया एसोसिएशन (PADMA) को मंजूरी दे दी है।

प्रमुख बिंदु 

  • संगठन – इसमें 47 डिजिटल समाचार प्रकाशकों का एक बोर्ड होगा जो अपने प्लेटफार्मों पर डिजिटल मीडिया समाचार सामग्री से संबंधित शिकायतों को देखेगा।
  • इसके साथ ही मंत्रालय ने सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 के नियम 12 के तहत मई , 2021 से अब तक नौ स्व-नियामक निकायों को मंजूरी दे दी है।
  • इनमें डिजीपब न्यूज इंडिया फाउंडेशन, कन्फेडरेशन ऑफ ऑनलाइन मीडिया (इंडिया) और एनबीएफ- प्रोफेशनल न्यूज ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी शामिल हैं।
  • स्व-नियामक निकाय, “प्रकाशक द्वारा आचार संहिता के अनुपालन की निगरानी,उन शिकायतों का समाधान, जिन्हें प्रकाशकों द्वारा 15 दिनों के भीतर हल नहीं किया गया है तथा प्रकाशकों आदि के निर्णय के विरुद्ध शिकायतकर्त्ता द्वारा दायर अपीलों की सुनवाई आदि कार्य करेंगे।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

जीवन प्रमाण

चर्चा में क्यों?

  • हाल ही में, देश में डाकियों और ग्रामीण डाक सेवकों के नेटवर्क का उपयोग करके सरकार द्वारा जीवन प्रमाण पत्र का वितरण किया गया है।

प्रमुख बिंदु 

जीवन प्रमाण, पेंशनरों के लिए एक बायोमेट्रिक सक्षम डिजिटल सेवा है। केंद्र सरकार, राज्य सरकार या किसी अन्य सरकारी संस्था के पेंशनभोगी इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।

  • यह योजना 10 नवंबर, 2014 को शुरू की गई थी।
  • इस जीवन प्रमाण पत्र को प्राप्त करने के लिए पेंशन प्राप्त करने वाले व्यक्ति को या तो व्यक्तिगत रूप से पेंशन वितरण एजेंसी के समक्ष उपस्थित होना आवश्यक है या उनके पास  प्राधिकरण द्वारा जारी जीवन प्रमाण पत्र होना चाहिए जहाँ  उन्होंने पहले सेवा की है और इसे संवितरण एजेंसी को सौंप दिया है।
  • जीवन प्रमाण का उपयोग करते हुए, एक पेंशनभोगी अब शारीरिक रूप से या निर्दिष्ट अधिकारियों द्वारा जारी किए गए जीवन प्रमाण-पत्र के माध्यम से खुद को प्रस्तुत करने की आवश्यकता के बजाय हर साल पेंशन की निरंतरता के लिए अधिकारियों को अपने अस्तित्व का प्रमाण डिजिटल रूप से प्रदान कर सकता है।
  • डिजिटल जीवन प्रमाण-पत्र सुविधा पुनर्विवाहित या पुनर्नियोजित पेंशनभोगियों के लिए उपलब्ध नहीं है। उनके लिए अपने पेंशन संवितरण प्राधिकरण को पारंपरिक तरीके से जीवन प्रमाण-पत्र जमा करना आवश्यक है।

 स्रोत: पीआईबी

एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई)

चर्चा में क्यों ?

  • 2022 की तीसरी तिमाही के लिए 'इंडिया डिजिटल पेमेंट्स रिपोर्ट' के अनुसार, UPI के माध्यम से  32.5 ट्रिलियन रूपये मूल्य के 19.65 बिलियन से अधिक लेन-देन किए गए।
  • प्रमुख बिंदु 
  • UPI एक ऐसी प्रणाली है, जो कई बैंक खातों को एक ही मोबाइल एप्लिकेशन (किसी भी बैंक के) में रखने की  शक्ति प्रदान करती है।
  • यह कई बैंकिंग सुविधाओं, निर्बाध फंड रूटिंग और मर्चेंट भुगतान को एक साथ संयुक्त करके ऐसा करती है।
  • UPI को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा नियंत्रित किया जाता है और यह एक मोबाइल प्लेटफॉर्म पर दो बैंक खातों के बीच तुरंत धनराशि स्थानांतरित करने का कार्य करता है।
  • इसे 2016 में भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा लॉन्च किया गया था।

UPI की कार्यप्रणाली:

यूपीआई में, एक उपयोगकर्त्ता को केवल UPI ऐप डाउनलोड करने, विवरण दर्ज करने और वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (VPA) बनाने की आवश्यकता होती है। फिर उपयोगकर्त्ता को VPA को अपने बैंक खाते से लिंक करना होता है।

यह VPA उपयोगकर्त्ता का वित्तीय पता बन जाता है और उपयोगकर्त्ता को धन भेजने या प्राप्त करने के लिए लाभार्थी के   खाता संख्या, IFSC कोड या उपयोगकर्त्ता की नेट बैंकिंग आईडी और पासवर्ड जैसे विवरण याद रखने की आवश्यकता नहीं होती है।

UPI इंटरफेस एक ही मोबाइल एप्लिकेशन में कई बैंक खातों को जोड़ने की अनुमति देता है।

भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) क्या है?

भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) भारत में खुदरा भुगतान और निपटान प्रणाली के संचालन के लिए एक छाता संगठन है।

यह भारत में एक मजबूत भुगतान और निपटान अवसंरचना बनाने के लिए भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 के प्रावधानों के तहत भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) और भारतीय बैंक संघ (IBA) की एक पहल है।

इसे भौतिक के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक भुगतान और निपटान प्रणाली हेतु भारत में संपूर्ण बैंकिंग प्रणाली को बुनियादी ढाँचा प्रदान करने के उद्देश्य से एक गैर-लाभकारी कंपनी के रूप में स्थापित किया गया है।

यह भुगतान की पहुंच को व्यापक बनाने एवं संचालन में अधिक दक्षता प्राप्त करने के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग के माध्यम से खुदरा भुगतान प्रणालियों में नवाचार लाने पर केंद्रित है।

स्रोत: द हिंदू

भारत विकास रिपोर्ट

चर्चा में क्यों?

  • विश्व बैंक ने हाल ही में अक्टूबर, 2022 में 6.5% तक डाउनग्रेड करने के बाद इस वर्ष भारत की अर्थव्यवस्था के लिए अपने विकास पूर्वानुमान को 6.9% तक बढ़ा दिया। उसने बिगड़ते बाहरी वातावरण के बावजूद आर्थिक गतिविधियों में लचीलापन का हवाला दिया।

प्रमुख बिंदु 

  • भारत विकास रिपोर्ट (India Development Report) को विश्व बैंक द्वारा जारी किया जाता है।
  • इस रिपोर्ट का शीर्षक 'नेविगेटिंग द स्टॉर्म' है।

मुख्य विशेषताएं:

  • इसने 2022-23 की जुलाई से सितंबर तिमाही में मजबूत उछाल को देखते हुए जीडीपी के पूर्वानुमान को संशोधित किया, जब यह ‘मजबूत निजी खपत और निवेश द्वारा संचालित मुद्रास्फीति’ के दबाव और सख्त वित्तपोषण स्थितियों के बावजूद  3% बढ़ा।
  • सरकार ने भी 2022-23 की पहली छमाही में पूंजीगत व्यय तथा घरेलू माँग को बढ़ाने पर ध्यान केन्द्रित किया।
  • यह उम्मीद करता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था 2023-24 में एक चुनौतीपूर्ण बाहरी वातावरण के बावजूद  6.6% की थोड़ी धीमी गति से बढ़ेगी और वैश्विक विकास में गिरावट विभिन्न माध्यमों से इसके आर्थिक दृष्टिकोण को प्रभावित करेगी।
  • रिपोर्ट में कहा गया है कि संयुक्त राज्य अमेरिका के विकास में एक प्रतिशत की गिरावट भारत के विकास में 0.4 प्रतिशत की गिरावट के साथ जुड़ी हुई है।
  • यह विकास और उपलब्ध नीति स्थान पर वैश्विक स्पिलओवर के प्रतिकूल प्रभाव को सीमित करने की कोशिश के बीच व्यापारिक विनिमय के बारे में चेतावनी देता है।
  • आरबीआई की तरलता की क्रमिक वापसी और नीतिगत दर में वृद्धि का उद्देश्य मुद्रास्फीति को नियंत्रित करना है। हालांकि, इससे उधार लेने की लागत में वृद्धि हुई है, जिसने इनपुट कीमतों में वृद्धि के साथ-साथ निजी निवेश को संभावित रूप से बाधित किया है।
  • विनिमय दरों में अल्पकालिक अस्थिरता के आरबीआई के प्रबंधन ने विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट में योगदान दिया है, हालांकि वह अभी भी अपेक्षाकृत उच्च स्तर पर है।
  • बढ़ते आयात और निर्यात में नरमी के कारण बढ़ते वस्तु व्यापार घाटे ने इस साल दूसरी तिमाही में भारत के चालू खाता घाटे को जीडीपी के 2.8% तक बढ़ा दिया है, जो पहली तिमाही में 1.5% था।
  • कई विनियामक और नीतिगत उपायों, जिसमें एक नई दिवाला और दिवालियापन संहिता की शुरुआत तथा नई राष्ट्रीय पुनर्निर्माण कंपनी लिमिटेड का निर्माण शामिल है, ने पिछले पांच वर्षों में वित्तीय क्षेत्र में सुधार की सुविधा प्रदान की।

स्रोत: द हिंदू

विश्व मृदा दिवस 2022

चर्चा में क्यों?

  • हाल ही में 5 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस (WSD) के रूप में मनाया गया।

प्रमुख बिंदु 

  • इसका उद्देश्य स्वस्थ मिट्टी के मूल्य को उजागर करना और मिट्टी के संसाधनों के सतत प्रबंधन को बढ़ावा देना है।
  • 2014 में, संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन (FAO) ने 5 दिसंबर को 'विश्व मृदा दिवस' के रूप में घोषित किया।
  • यह दिन इसलिए चुना गया क्योंकि यह थाईलैंड के राजा, एचएम राजा भूमिबोल अदुल्यादेज के जन्मदिन के साथ मेल खाता है, जिन्होंने इस कार्यक्रम का नेतृत्व किया और इसे संभव बनाया।

स्रोत: इकोनॉमिक टाइम्स