मुख्य परीक्षा अभ्यास प्रश्न -72
प्रश्न: नेपोलियन यूरोप में क्रांति का अग्रदूत था। इस कथन का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
उत्तरः नेपोलियन का फ्रांस की क्रांति से दोहरा संबंध रहा। एक तरफ वह क्रांति के राजदूत के रूप में यूरोप में उपस्थित हुआ वहीं दूसरी तरफ आगे वह स्वतंत्रता के शत्रु के रूप में यूरोप से बाहर खदेड़ा गया।
जब नेपोलियन फ्रांस से बाहर निकलकर यूरोप पहुँचा तो उसे एक सिंहासनारूढ़ जैकोबियन (क्रांतिकारी) के रूप में पहचाना गया। यूरोप के किसान नेपोलियन की ओर उम्मीद भरी नज़रों से देख रहे थे।
उसी प्रकार, यूरोपीय मध्य वर्ग उसे उद्धारक के रूप में देख रहा था। उसकी दृष्टि में नेपोलियन स्वतंत्रता तथा नागरिक अधिकारों का जीवंत रूप था। फिर नेपोलियन जहाँ भी गया वहाँ उसने सामंतवाद का अंत किया, चर्च को नियंत्रित किया तथा नेपोलियन कोड को लागू कर दिया। नेपोलियन के इन सुधारों से लोगों में नये उत्साह का संचार हुआ।
किंतु शीघ्र ही फ्रांस की क्रांति के आदर्श तथा नेपोलियन के साम्राज्यवाद की सच्चाई के बीच का विरोधाभास सामने आने लगा तथा फिर यूरोप की जनता ने नेपोलियन को अस्वीकार कर दिया। नेपोलियन ने विभिन्न क्षेत्रों में संसाधनों का दोहन किया तथा अपनी साम्राज्यवादी महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए संबंधित क्षेत्र से बड़ी संख्या में सैनिकों की बहाली की। अब यूरोपीय लोग उसके शासन की सच्चाई को समझने लगे। फिर स्पेन के जन विद्रोह ने उसके अंत की शुरूआत कर दी तथा यूरोपीय शासकों ने इस जनविद्रोह का लाभ उठाकर नेपोलियन को पराजित कर दिया। इस तरह फ्रांस की क्रांति के अग्रदूत नेपोलियन ने यूरोपीय लोगों की श्रद्धा एवं घृणा दोनों का पात्र बना।