March 7, 2022

मुख्य परीक्षा अभ्यास प्रश्न -70

प्रश्नः धन की निकासी पर दादाभाई नौरोजी की अवधारणा का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए। 

उत्तर- दादाभाई नौरोजी ने औपनिवेशिक अर्थव्यवस्था के स्वरूप को उद्घाटित किया तथा यह स्थापित करने का प्रयास किया कि भारत से ब्रिटेन की ओर धन का हस्तांतरण भारत की गरीबी का वास्तविक कारण था।

उनके विचार में हस्तांतरण के विविध रूप थे। 

प्रथम, गृह-व्यय के रूप में भारत से ब्रिटेन को प्रति वर्ष रकम भेजी जा रही थी। इस देय रकम का उपयोग भारत के हित में नहीं बल्कि ब्रिटिश हित में हुआ था। उदाहरण के लिए, भारत को रेलवे की नही बल्कि सिंचाई की जरूरत थी।

 दूसरे, सिविल सेवा का भारतीयकरण भारत से ब्रिटेन भेजे जाने वाले लाभांश एवं पेंशन की रकम को रोक सकता था। उनका यह भी मानना था कि धन के नियमित हस्तांतरण के कारण भारत में निवेश तथा विकास को धक्का लगा।

हालांकि वर्त्तमान मानदंड पर मूल्यांकन करने पर नौरोजी के विचार की कुछ सीमाएं भी स्पष्ट होती हैं, उदाहरण के लिए वे भारत से हस्तांतरित होने वाले धन को पूंजी सिद्ध करने का प्रयास करते हैं। उसी प्रकार वे भारत के शोषण के लिए केवल ब्रिटिश नौकरशाही को उत्तरदायी मानते हैं।

परंतु इन सीमाओं के बावजूद भी नौरोजी के विचार का महत्व कम नहीं होता क्योंकि वे मार्क्स के पश्चात् उपनिवेशवाद के स्वरूप को स्पष्ट  करने वाले प्रथम चिंतक थे।