Jan. 31, 2022

मुख्य परीक्षा अभ्यास प्रश्न -41

प्रश्न - उन परिस्थितियों का समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए जिनके कारण भारत को बंगलादेश के उदय में निर्णायक भूमिका का निवर्हन करना पड़ा।

उत्तरः बंगलादेश का उदय मुस्लिम लीग की पृथकतावादी नीति की, जिसने पाकिस्तान को जन्म दिया था, स्वाभाविक परिणति थी। धर्म के नाम पर संगठित राष्ट्र मुस्लिमों के एक खास समुदाय को छलावा प्रतीत हो रहा था। फिर जिस प्रकार भारत विभाजन को स्वीकार करने के लिए विवश हुआ था उसी प्रकार भारत की सरकार बंगलादेश के मामले में उलझने के लिए विवश हुई। पाकिस्तान की गतिविधियों ने भारत की सुरक्षा के लिए खतरा उत्पन्न कर दिया था। 

                बंगलादेश की घटना ने पाकिस्तान के चुनाव से आरंभ होकर बड़े संकट का रूप ले लिया। पाकिस्तान का एक सैनिक जनरल याहिया खान ने जुल्फीकार अली भुट्टो के साथ मिलकर बंगलादेश के प्रति दमनात्मक नीति आरंभ कर दी थी। उसने अवामी लीग की चुनावी सफलता के बावजूद उसे सरकार बनाने की अनुमति नहीं दी। यह पूरी तरह प्रजातंत्र की अस्वीकृति थी किंतु भारत का इस घटना से कोई जुड़ाव नहीं था। फिर भी पाकिस्तान सरकार के द्वारा जो दमनात्मक कार्रवाई आरंभ की गई इस कारण से बंगलादेश से भारत की ओर शरणार्थियों का पलायन आरंभ हो गया। इसने भारत के समक्ष एक बड़ी चुनौती उपस्थित कर दी। साथ ही बंगलादेश में नरसंहार के कारण मानव अधिकार का प्रश्न भी उपस्थित हो गया। उसके अतिरिक्त स्वतंत्र बंगलादेश का निर्माण भारत की सुरक्षा नीति के पक्ष में था। वस्तुतः भारत के पूरब में चीन के निकटतम पड़ोसी के रूप में पाकिस्तान की उपस्थिति भारत की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा था। चीन भारत का प्रबल प्रतिद्वंद्वी था तथा पाकिस्तान का मित्र राष्ट्र चीन 1965 के भारत-पाक युद्ध के समय पाकिस्तान के पक्ष में उतरने के लिए तैयार था अगर भारत पूर्वी पाकिस्तान पर आक्रमण करता। इस प्रकार बंगलादेश के मामले में हस्तक्षेप भारत की वृहद सुरक्षा हित में जुड़ा हुआ था।

                फिर भी भारत-पाक युद्ध का तात्कालिक कारण बना पाकिस्तान के द्वारा भारत पर अचानक हमला तथा भारत पर बमबारी। भारत पहले से इस स्थिति के लिए तैयार था। उसने यूएसए, पाकिस्तान तथा चीन की तिकड़ी को संचालित करने के लिए सोवियत रूस के साथ 1971 में मित्रता की संधि कर ली थी। अब भारतीय सेना बंगलादेश की मुक्ति वाहिनी के साथ खड़ी हो गई तथा भारत ने पूर्वी पाकिस्तान के साथ-साथ पश्चिमी पाकिस्तान पर भी दबाव बनाए रखा। फिर अंत में भारतीय हस्तक्षेप के परिणामस्वरूप दक्षिण एशिया में एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में बंगलादेश का उद्भव हुआ।